प्रसव केन्द्र में शिशुओं की जन्मजात विकृति पहचान के लिए की जांच
- आरबीएसके ने प्रसव केन्द्र और एसएनसीयू में मनाया गया विश्व स्वास्थ्य दिवस
मंडला महावीर न्यूज 29. जिला चिकित्सालय मंडला के प्रसव केंद्र और एसएनसीयू में सोमवार को राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत विश्व स्वास्थ्य दिवस का आयोजन किया गया। इस वर्ष विश्व स्वास्थ्य दिवस की विषयक थीम स्वस्थ शुरुआत, उज्जवल भविष्य रही, जिसके तहत प्रसव केंद्र में नवजात शिशुओं की दृश्यमान जन्मजात विकृतियों की स्क्रीनिंग संबंधी विशेष गतिविधि आयोजित की गई।
बताया गया कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य नवजात शिशुओं में जन्मजात विकृतियों की पहचान करना और उन्हें प्रारंभिक अवस्था में ही आवश्यक चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराना है, जिससे उन्हें स्वस्थ जीवन की शुरुआत मिल सके और उनका भविष्य उज्जवल हो सके। स्वास्थ्यकर्मियों ने प्रसव केंद्र में जन्म लेने वाले सभी नवजात शिशुओं की बारीकी से जांच की, जिससे किसी भी प्रकार की दृश्यमान जन्मजात विकृति का पता लगाया जा सके।
आरबीएसके जिला समन्वयक अर्जुन सिंह ने बताया कि इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने स्वस्थ शुरुआत, उज्जवल भविष्य की थीम के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि नवजात शिशुओं का स्वास्थ्य सुनिश्चित करना एक स्वस्थ समाज की नींव है और प्रारंभिक स्क्रीनिंग के माध्यम से कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का समय पर निदान और उपचार संभव है। उन्होंने राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत जिले में किए जा रहे कार्यों की जानकारी भी दी और समुदाय से इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में सक्रिय सहयोग करने की अपील की।
अभिभावकों को दी बच्चों की देखभाल संबंधी जानकारी
कार्यक्रम में प्रसव केंद्र के चिकित्सक, नर्सें और अन्य स्वास्थ्यकर्मी पूरी निष्ठा के साथ स्क्रीनिंग गतिविधि में संलग्न रहे। उन्होंने नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य की जांच की और अभिभावकों को बच्चों की देखभाल संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी भी प्रदान की। इस दौरान अभिभावकों को जन्मजात विकृतियों के बारे में जागरूक किया गया और उन्हें यह भी बताया गया कि यदि किसी प्रकार की समस्या पाई जाती है तो उन्हें कहां और कैसे संपर्क करना चाहिए। विश्व स्वास्थ्य दिवस पर आयोजित यह विशेष स्क्रीनिंग गतिविधि जिले में नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। स्वस्थ शुरुआत, उज्जवल भविष्य के संदेश के साथ यह कार्यक्रम न केवल शिशुओं के बेहतर स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने में मदद करेगा, बल्कि उनके उज्जवल भविष्य की नींव भी रखेगा।