राधा अष्टमी में बन रहा प्रीति, ज्येष्ठा नक्षत्रा योग

  • राधा अष्टमी में बन रहा प्रीति, ज्येष्ठा नक्षत्रा योग
  • वरदान आश्रम में मनाया जाएगा श्री राधा अष्टमी महोत्सव, अर्पित करेंगे 56 भोग
  • किया जाएगा श्रीराम नाम संकीर्तन, भंडारे के साथ होगा समापन

मंडला महावीर न्यूज 29. श्री राधा अष्टमी राधा रानी की जयंती के रूप में मनाई जाती है। यह त्योहार भाद्र पद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। पंडित नीलू महाराज ने बताया कि श्रीराधा अष्टमी आमतौर पर अगस्त या सितंबर में आती है। राधा रानी को भगवान कृष्ण की प्रेमिका और सखी माना जाता है, और उनकी पूजा और उपासना का यह दिन उनके प्रेम और भक्ति को समर्पित है। इस दिन भक्त राधा रानी की पूजा करते हैं और उन्हें फूल, फल और मिठाइयाँ चढ़ाते हैं। बताया गया कि राधा रानी का जन्म भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को हुआ था, और इस दिन उनकी पूजा और उपासना की जाती है।

जानकारी अनुसार भादों माह में राधा-कृष्ण की पूजा करने से परिवार में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है। हिंदू धर्म में राधा और कृष्ण की जोड़ी को प्रेम का प्रतीक माना जाता है। उनकी आराधना करने से प्रेम जीवन में खुशियों का वास होता है। इस साल 11 सितंबर को राधा अष्टमी मनाई जाएगी। इस दिन प्रीति योग बन रहा है, जो रात 11 बजकर 54 मिनट पर समाप्त होगा। इस दौरान ज्येष्ठा नक्षत्र का संयोग भी बन रहा है, जो सभी के लिए लाभदायक होगा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जो लोग जन्माष्टमी का उपवास रखते हैं, उन्हें राधा अष्टमी पर भी व्रत रखना चाहिए। ऐसा करने से कृष्ण जन्माष्टमी के व्रत का भी संपूर्ण फल मिलता है। इस दिन व्रत के साथ राधा रानी की पूजा संपूर्ण विधि से करनी चाहिए।

राधा रानी को अर्पित करेंगे 56 भोग 

बताया गया कि प्रति वर्षानुसार इस वर्ष भी वरदान आश्रम अंजनिया में बुधवार 11 सितंबर से गुरुवार 12 सितंबर तक राधा अष्टमी महोत्सव मनाया जायेगा। इसके साथ ही श्री राम नाम संकीर्तन बुधवार को प्रारंभ होगा, जिसका समापन गुरूवार को भंडारा के साथ किया जाएगा। गुरुवार को ही वरदान आश्रम परिवार द्वारा 56 भोग राधा रानी को अर्पित किया जायेगा। वरदान आश्रम के संचालक धर्माचार्य पं नीलू महाराज ने बताया कि राधा अष्टमी महोत्सव में श्री राधा जी का अभिषेक कर षोडशोपचार पूजन किया जायेगा एवं 56 भोग अर्पित किया जायेगा। इस धार्मिक कार्यक्रम में सभी भक्तों से शामिल होने का आग्रह किया है।

पं राम गोपाल शास्त्री, यज्ञाचार्य
नीलू महाराज वरदान आश्रम
अंजनिया

श्री राधा अष्टमी मनाने के पीछे के कुछ कारण यह हैं :

  • राधा रानी के प्रेम और भक्ति को समर्पित करना।

  • भगवान कृष्ण और राधा रानी के प्रेम को याद करना।

  • प्रेम, सौभाग्य और आध्यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति के लिए।

  • राधा रानी की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने।

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : ये लेख लोक मान्यताओं पर आधारित है। दी गई सूचना व तथ्यों की सटीकता के लिए महावीर न्यूज 29 उत्तरदायी नहीं है।

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