- गजेन्द्र का शोध पत्र अंर्तराष्ट्रीय सम्मेलन के लिए चयनित
मंडला महावीर न्यूज 29. इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय भोपाल में 21 एवं 22 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन पूर्व लोकमंथन का आयोजन होने जा रहा है। वाचिक परंपरा में प्रचलित हर्बल उपचार प्रणालियां संरक्षण, संवर्धन और कार्य योजना विषय पर इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद्, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय, प्रज्ञा प्रवाह, एंथोपोस इंडिया फाउंडेशन, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय एवं दंत्तोपंंत ठेंगड़ी शोध संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में यह दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन होगा।
अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में हर्बल उपचार, गैर संहिताबद्ध हर्बल उपचार, जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता, पौधारोपण, स्वास्थ्य संचार आदि विषयों पर शिक्षकों एवं शोधार्थियों द्वारा शोधपत्र एवं अकादमिक पोस्टर प्रस्तुत किए जाएंगे। इस अंर्तराष्ट्रीय सम्मेलन में मंड़ला के गजेन्द्र गुप्ता को विशेषज्ञ के रुप में आमंत्रित किया गया है। गजेन्द्र को यह आमंत्रण देश भर में गैर संहिताबद्ध हर्बल चिकित्सकों को समर्थन देने के लिए कार्ययोजना और मॉडल पर प्रस्तुत उनके शोध पत्र के लिए दिया गया है।
बताया गया कि भारत में कई जनजातियों और वनवासियों की अपनी अलग उपचार पद्धतियाँ हैं और वे बीमारियों के इलाज के लिए हर्बल ज्ञान के समृद्ध भंडार पर भरोसा करते हैं। ग्रामीण भारत में औपचारिक स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं तक सीमित पहुंच के कारण गैर-संहिताबद्ध हर्बल उपचार अक्सर उपचार की पहली उपलब्ध सुविधा है। स्थानीय चिकित्सक अपने निकटतम वातावरण में उपलब्ध विभिन्न प्रकार के पौधों और प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करते हैं। हर्बल चिकित्सक जैव विविधता के विशाल ज्ञान के संरक्षक है।