वन विभाग पर बैगा परिवार को प्रताडि़त करने का आरोप
- कान्हा टाइगर रिजर्व अमले पर मारपीट और बिना सूचना के गिरफ्तारी के लगाए आरोप
- जन स्वाभिमान यात्रा में मामला हुआ उजागर
मंडला महावीर न्यूज 29. जन संघर्ष मोर्चा की जन स्वाभिमान यात्रा के बिछिया ब्लॉक के उमरवाड़ा ग्राम पंचायत पहुंचने पर कान्हा टाइगर रिजर्व के अमले द्वारा बैगा परिवारों पर अत्याचार किए जाने का गंभीर आरोप सामने आया है। 18 जून को झिगराटोला में हुई यात्रा की बैठक में ग्रामीणों ने अपनी आपबीती सुनाई, जिसमें वन विभाग पर प्रताडऩा, मारपीट और बिना सूचना के गिरफ्तारी के आरोप लगाए गए हैं।
बैठक में शामिल मंगल पिता फगनू ने बताया कि विगत दिवस सुबह वह अपनी 8 माह की नातिन प्रज्ञा के साथ गांव की मटियारी नदी दातून करने गया था। इसी दौरान कान्हा टाइगर रिजर्व से 25-30 सिपाहियों का अमला वहां पहुंचा और अमले में शामिल गांव की गौत्रीन बाई ने उसकी नातिन को छीन ली। शेष सिपाही मंगल को पकड़कर महुआ डबरी नाका ले गए, जहां उससे कान्हा में वन्यप्राणी मृत पाए जाने के संबंध में पूछताछ की गई, जिसकी उसे कोई जानकारी नहीं थी। वहां से उसे सरही गेट ले जाया गया, जहां उसके साथ मारपीट की गई। इसके बाद में बिछिया अस्पताल में स्वास्थ्य परीक्षण के बाद उसे पुन: सरही गेट लाया गया। मंगल बैगा की पत्नी सुमित्रा ने बताया कि मंगल को ले जाने के बाद उसकी नातिन प्रज्ञा को गौतहरिन बाई लेकर आई और घटना की जानकारी दी।
कतकु बैगा लापता, परिवार परेशान
बताया गया कि इसी तरह दूसरा मामला 6 जून का है, जहां कतकु बैगा को वन अमले ने पकड़ लिया है और वह अभी तक घर नहीं पहुंचा है। उसके बच्चे और पत्नी का रो-रोकर बेहाल हैं। बताया गया कि कतकु बैगा जो बिछिया तहसील की ग्राम पंचायत उमरवाड़ा झिगराटोला का निवासी है, 5 जून को मोवाला से चुजा लेकर लौट रहा था। गांव में स्थित वन विभाग के नाके पर उसे रोक लिया गया। ग्रामीणों ने बताया कि वहां मौजूद कर्मचारियों ने उसे शराब पिलाई और बाद में वन विभाग की गाड़ी से उसे जंगल में ले गईं। वन अमले ने अभी तक उसके परिवार को कोई अधिकृत सूचना नहीं दी है कि कतकु बैगा को कहां रखा गया है। परिवार द्वारा जानकारी जुटाने के प्रयास से पता चला है कि कतकु को जेल में डाल दिया गया है। बताया गया कि कतकु बैगा के चार बच्चे हैं, जिनमें से दो बड़ी बेटियों की शादी हो चुकी है। परिवार अत्यंत दयनीय स्थिति में जीवन यापन कर रहा है, जिसके चलते कतकु की पत्नी और बच्चे जेल जाकर उसकी खोज-खबर नहीं ले पा रहे हैं।
डर से गांव छोड़ गए कई बैगा
बताया गया कि इसी तरह की अन्य घटनाओं में मोहगांव के झीगरा टोला निवासी गिरानी को वन अमले ने 10 जून को घेर लिया था। वहीं 12 जून को वन अमला अजय पिता इमरत बैगा को खोज रहा था, जिसके भय से वह गांव छोड़कर भाग गया है। जन स्वाभिमान यात्रा के अंजनिया पहुंचने पर इन घटनाओं की जानकारी दी गई। जिसके बाद नायब तहसीलदार अंजनिया को मंडला कलेक्टर के लिए एक ज्ञापन सौंपा गया है, जिसमें इन अत्याचारों पर कार्रवाई की मांग की गई है।









