बिना स्वीकृत राशि के बन रही ग्रेवल सड़क
- ग्राम सभा में प्रस्ताव पारित, लेकिन किस मद से किया जा रहा मार्ग निर्माण पता नहीं
- वनांचल ब्लाक मवई के ग्राम बरगांव का मामला
मंडला महावीर न्यूज 29. मवई रेंज के भगदू सर्किल अंतर्गत वन ग्राम बरगांव के निवासियों ने डिप्टी रेंजर और बीट गार्ड पर शासकीय राशि के बंदरबांट करने के आरोप लगाए है। ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग में कोई भी कार्य उनकी मर्जी से कराया जाता है और वन सुरक्षा समिति को किसी भी काम की जानकारी नहीं दी जाती है। अभी हाल ही में बरगांव में तालाब विस्तारीकरण के नाम पर लगभग दो लाख रुपए का कार्य कराया गया, जबकि चार लाख रुपए की राशि निकाली गई। वन सुरक्षा समिति बरगांव के सदस्यों ने जब इस कार्य की जानकारी के लिए मवई रेंज प्रभारी से संपर्क किया तो उन्होंने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि उन्हें इस काम के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
जानकारी अनुसार वनांचल विकासखंड मवई के ग्राम बरगांव में ग्रेवल सड़क का कार्य किया जा रहा है। जिसमें जेसीबी के माध्यम से मुर्रम निकाल कर डाली जा रही है। इस कार्य में भी गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा जा रहा है। मुर्रमीकरण के नाम पर लीपापोती की जा रही है। ग्रामीणों ने बताया कि जहां ग्रेवल सड़क बनाई जा रही है। वहां मुर्रम का छर्रा डालकर पतीला लगाया गया है। वन विभाग में यह एक बड़ी विडंबना बनी हुई है कि विभागीय कार्यों की लागत कितनी है, यह न तो डिप्टी रेंजर को पता है और न ही रेंज प्रभारी को। जब इस बारे में पता करने की कोशिश की जाती है, तो अधिकारियों का सीधा जवाब होता है कि उन्हें कार्य की राशि की कोई जानकारी नहीं है, कहकर मामले को टाल दिया जाता है।
ग्रामीणों का आरोप है कि डिप्टी रेंजर और बीट गार्ड मिलकर शासकीय राशि का दुरुपयोग कर रहे हैं और वन सुरक्षा समिति को अंधेरे में रखा जा रहा है। कार्यों में पारदर्शिता की कमी और अधिकारियों की कथित मिलीभगत से ग्रामीणों में गहरा आक्रोश व्याप्त है। वन सुरक्षा समिति बरगांव के सदस्यों ने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है, जिससे शासकीय राशि के दुरुपयोग की सच्चाई सामने आ सके और दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जा सके। ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग के कार्यों में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जानी चाहिए, जिससे वन सुरक्षा समितियों को भी कार्यों की जानकारी मिल सके और वे अपनी निगरानी की भूमिका प्रभावी ढंग से निभा सकें। इस मामले में उच्च अधिकारियों की चुप्पी भी संदेह पैदा करती है और ग्रामीणों ने इस पर भी सवाल उठाए हैं।
इनका कहना है
ग्रेवल सड़क का निर्माण गुणवत्तायुक्त नहीं किया जा रहा है। मनमर्जी से कार्य किया जा रहा है, वहीं किस मद से कार्य किया जा रहा है, समिति के किसी सदस्य और ग्रामीणों को इसकी जानकारी नही है। बैठक में प्रस्ताव तो किया जाता है, लेकिन कुछ बताया नहीं जाता है।
लाल सिंह मरावी, सदस्य, वनग्राम सुरक्षा समिति, बरगांव
सर्किल अधिकारी ने हमे आदेश दिए है कि यहां ग्रेवल सड़क निर्माण कराया जाना है, प्रस्ताव में जेसीबी से मुर्रम निकालने की अनुमति दी गई है। राशि कितनी स्वीकृत हुई है, इसकी जानकारी अभी नहीं है। अधिकारियों से पूछा गया है, लेकिन स्वीकृत राशि की जानकारी नहीं दी गई है।
अमृत लाल पुषाम, अध्यक्ष वनग्राम सुरक्षा समिति, बरगांव
हमारे साहब ग्रेवल सड़क निर्माण की स्वीकृत राशि की जानकारी नहीं दिए है, उनके आदेश के अनुसार मुर्रम डालकर मार्ग निर्माण कार्य शुरू किया गया है। प्रस्ताव में राशि स्वीकृत नहीं की जाती है, जो कार्य किया जाना है, प्रस्ताव में उसे दर्शाया जाता है। प्रस्ताव में ग्रेवल सड़क बस दर्शाया गया है।
गनेश पंद्रे, वनरक्षक, सचिव, वनग्राम सुरक्षा समिति, बरगांव