उत्तरवाहिनी माँ नर्मदा की परिक्रमा प्रारंभ, 30 भक्त पहुंचे परिक्रमा में

उत्तरवाहिनी माँ नर्मदा की परिक्रमा प्रारंभ, 30 भक्त पहुंचे परिक्रमा में

  • किले वार्ड स्थित व्यास नारायण मंदिर से प्रारंभ हुई दो दिवसीय परिक्रमा

मंडला महावीर न्यूज 29. विगत पांच वर्षो से आदिवासी बाहुल्य जिला मंडला में उत्तरवाहिनी नर्मदा परिक्रमा शुरू की गई है। यह परिक्रमा चैत्र मास में की जाती है। जिसके चलते जिले समेत अन्य जिलों, प्रदेशों से भक्त यहां माँ नर्मदा की चैत्र मास में उत्तरवाहिनी परिक्रमा करने पहुंचते है। चैत्र मास शुरू होने के बाद हजारा लोगों ने मंडला में आकर उत्तर वाहिनी नर्मदा परिक्रमा शुरू कर दी है।

अभी तक सैकड़ों लोंगों ने उत्तरवाहिनी नर्मदा परिक्रमा कर चुके है। ऐसा माना जाता है कि ऋषि मार्कंडेय ने सबसे पहले माँ नर्मदा की परिक्रमा की थी। स्कंद पुराण में माँ नर्मदा का वर्णन किया गया है। माना जाता है कि माँ नर्मदा की पैदल यात्रा करने पर यह परिक्रमा 3 साल 3 महीने और 13 दिन में पूरी होती है। इसके लिए कुल 2,600 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है।

जानकारी अनुसार चैत्र माह में उत्तर वाहिनी परिक्रमा का प्रथम चरण में बैतूल से पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉक्टर हेमंत देशमुख 30 भक्तों के साथ मां नर्मदा की परिक्रमा के लिए प्रस्थान किए हैं। शुक्रवार को चार बजे व्यास नारायण मंदिर में संकल्प पूजा विधि वक्त पंडित जी के द्वारा करवाई गई। बताया गया कि चैत्र माह में मां नर्मदा उत्तर वाहिनी परिक्रमा का विशेष महत्व होता है।



 

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