CY Skin Test के लिए मिले दो हजार डोज, 342 का हुआ परीक्षण
- 6 टीबी मरीज मिले पॉजीटिव, युद्ध स्तर में चल रही जांच
मंडला महावीर न्यूज 29. आदिवासी बाहुल्य जिला मंडला में अब CY Skin Test के जरिये समय से पहले टीबी संक्रमितों की पहचान हो रही है। यह एक त्वचा जांच है जिसमें उन लोगों की जांच की जाएगी, जो टीबी संक्रमितों के संपर्क में आए हो, इसके साथ ही 18 वर्ष से अधिक, डायबीटिज के मरीज, डायलिसिस मरीज, कैंसर के मरीज, स्वास्थ्य कर्मी समेत अन्य जोखिम वाले मरीजों की जांच सी-वाई स्किन टेस्ट के माध्यम से किया जाना है। ऐसे लोगों को हाई रिस्क श्रेणी में रखा जाता है। इस जांच से यह पुष्टि हो जाती है कि शरीर में टीबी का बैक्टीरिया मौजूद है या नहीं। यदि रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो संबंधित रोगी में भविष्य में टीबी होने की आशंका हो सकती है।
जानकारी अनुसार वर्ष 2025 तक पूरे देश को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य है। इसके लिए घर-घर जाकर टीबी की पहचान करके उन्हें टीबी का उपचार दिलाया जा रहा है। इसी के साथ एक नई पहल सीवाई स्किन टेस्ट की गई है। जिसमें टीबी संक्रमण की जांच की जा रही है। इसके पहले विगत वर्ष टीबी बीमारी से व्यस्कों को बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से टीकाकरण अभियान चलाकर टीका लगाया गया था। अब त्वचा से जांच कर टीबी बीमारी को रोकने की कवायद की जा रही है। इस जंग को जीतने में स्वास्थ्य विभाग का अमला, आशा कार्यकर्ता, आशा सहयोगनी, एएनएम, एमपीडब्ल्यू, सुपरवाईजर, सीएचओ, एसटीएस, एसटीएलएस मैदानी स्तर पर उतर गया है। जिससे इस टीबी की जंग को जीता जा सके।
जिला क्षय अधिकारी डॉ. सुमित सिंगोर ने बताया कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत अब सीवाई स्कीन परीक्षण के माध्यम से छिपे हुए टीबी के संक्रमण की पहचान की जा रही हे। टीबी संक्रमण की जांच के लिए मंडला जिले को सीवाई स्कीन स्टेट के लिए 2 हजार डोज मिले हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा अभी तक 342 का परीक्षण किया जा चुका है। इस परीक्षण में 6 टीबी पॉजिटिव मरीज निकलकर सामने आए है। एसटीएलएस अलोक अवधवाल ने बताया कि टीबी दो प्रकार से होती है। जिसमें सक्रिय टीबी की पहचान के लिए उसके लक्षण के आधार पर खंखार की जांच और चेस्ट एक्सरे से टीबी बीमारी की जांच की जाती है। लेकिन इस जांच में छिपी हुई टीबी का रिजल्ट सामने नहीं आता है। छिपी हुई टीबी के संक्रमण की जांच के लिए जिले में सीवाई त्वचा जांच भी की जा रही है। सीवाई टेस्ट में छिपी हुई टीबी की जांच जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में की जा रही है। मंडला जिले में जिला अस्पताल समेत ग्रामीण क्षेत्रों में एएनएम और सीएचओ के माध्यम से टेस्ट किये जा रहे हैं।
328 सक्रिय मरीज
स्वास्थ्य विभाग का मैदानी अमला जिले को टीबी मुक्त बनाने के लिए पुरजोर प्रयास कर रहा है। लगातार स्क्रीनिंग स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा की जा रही है, जिसमें टीबी पॉजिटिव मरीज सामने आ रहे हैं। वर्ष 2024 में कुल 1721 पॉजिटिव सामने आए, जिसमें 1247 पब्लिक नोटिफाइड और प्राइवेट नोटिफाइड में 474 मरीज शामिल है। इसके साथ ही इस वर्ष 2025 में अभी तक 328 पॉजिटिव मरीज सामने आए है, जिसमें 271 पब्लिक नोटिफाइड और 57 प्राइवेट नोटिफाइड हैं। जिले में मिले सक्रिय टीबी मरीजों का उपचार किया जा रहा है। इसके साथ ही इन्हें पोषण युक्त आहार लेने की सलाह दी जा रही है। वहीं निक्षय मित्रों द्वारा टीबी मरीजों को फूड बास्केट भी दिए जा रहे है।
ऐसे किया जा रहा त्वचा से टीबी संक्रमण की जांच
जिला क्षय अधिकारी डॉ. सुमित सिंगोर ने बताया कि सी-वाई टीबी स्कीन जांच करने के लिए सभी ब्लाकों के स्वास्थ्य संस्थाओं को सी वाई स्कीन जांच के वायल दिए गए हैं। एक वायल में 10 डोज है। टेस्ट सोल्यूशन को इंट्राडर्मल रूट 15 डिग्री से लगाया जाता है। इसमें त्वचा पर कठोरता आ जाती है। इसकी रीडिंग 48 से 72 घंटों के बीच की जाती है। जिसमें कठोरता 5 एमएम से अधिक होने की स्थिति में टीबी संक्रमण की उपस्थिति को माना जाता है और फिर टीबी निवारक उपचार शुरू किया जाता है।
पहले एक्टिव टीबी की होती है जांच
एसटीएलएस अलोक अवधवाल ने बताया कि सी-वाई स्कीन टेस्ट करने से पहले संबंधित व्यक्ति की खंखार की जांच ओर छाती का एक्सरे कराया जाता है। इन जांचों में यदि संबंधित व्यक्ति की जांच रिपोर्ट में टीबी संक्रमण मिल जाता है तो उस व्यक्ति का उपचार शुरू कर दिया जाता है और सीवाई त्वचा जांच नहीं की जाती है। यदि एक्सरे और खंखार जांच में टीबी का संक्रमण नहीं मिलता है तो उक्त व्यक्ति की सीवाई त्वचा जांच की जाती है, जिससे उस व्यक्ति में छिपी हुए टीबी के संक्रमण की जांच होती है। यदि इसमें व्यक्ति की जांच पॉजीटिव आती है तो उपचार तत्काल शुरू कर दिया जाता है।