आजादी के वर्षो बाद सड़क पानी के लिए मोहताज ग्रामीण

आजादी के वर्षो बाद भी सड़क पानी के लिए मोहताज ग्रामीण

  • ग्राम पंचायत इमलिया के ग्रामीण कर चुके चुनाव का बहिष्कार
  • अब समस्या निराकरण नहीं होने पर करेंगे उग्र आंदोलन

मंडला महावीर न्यूज 29. सड़क किसी भी गांव के विकास की गाथा बयां करती है और ये ही ना हो तो विकास के पहिए थम जाते हैं। वहीं किसी भी क्षेत्र के विकास में वहां की मूलभूत सुविधाएं भी अहम भूमिका निभाती है, लेकिन जिले की अनेकों ग्राम पंचायतों के मजरे, टोला समेत कई ग्रामों में मूलभूत सुविधाओं से ग्रामीण आज भी वंचित है। यहीं हाल जिला के विकासखंड बिछिया की ग्राम पंचायत इमलिया के तीन वार्डो का है, जहां वर्षो से ग्रामीण सड़क और पेयजल का इंतजार कर रहे है। लेकिन आज दिनांक तक आश्वासन के अलावा यहां वंचित मूलभूत सुविधाएं मुहैया नहीं कराई गई है।

जानकारी अनुसार ग्राम पंचायत इमलिया के ग्रामीण आजादी के बाद से लेकर आज दिनांक तक मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे है। यहां गांव से लेकर अंजनिया रामनगर मुख्य मार्ग तक पहुंच मार्ग नहीं है। यहां के वंशिदे पगडंडी वाले रास्ते से आवागमन करने मजबूर है। बारिश के दिनों में परेशानी का सामना भी करना पड़ता है। इस समस्या के निजात के लिए कई बार शासन, प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से आवेदन, निवेदन किया गया, लेकिन इस समस्या का निराकरण नहीं किया गया। जिसके कारण यहां के ग्रामीणों में रोष व्याप्त है। जिसका असर विगत वर्ष हुए लोकसभा चुनाव में ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार करके दिखाया।

ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम पंचायत इमलिया के पोषक ग्राम इमलिया रैयत समेत अन्य वार्डो के करीब एक हजार की आबादी बदहाल मार्ग और पेयजल की समस्या से जूझ रहे है। इस पोषक ग्राम में पीने के पानी के लिए कोई भी जल स्त्रोत नहीं है। यहां कुंआ और हैंडपंप भी नहीं है, जिसके कारण ग्रामीणों को करीब एक किलोमीटर दूसरे ग्राम जाकर पानी लाना पड़ता है। जिसके कारण ग्रामीणों के अन्य कार्य भी प्रभावित होते है। ग्रामीणों ने बताया कि जहां इमलिया रैयत के लोग पानी लेने जाते है, वहां भी सिर्फ एक ही हैंडपंप है। उसी हैंडपंप से दोनों ग्रामों के ग्रामीण पानी उपयोग करते है। जिसके कारण काफी परेशानी उठानी पड़ती है।

पाईप बिछे, टोंटी लगी, फिर भी नहीं आ रहा पानी

ग्रामीणों ने बताया कि विगत कई वर्षो पहले ग्राम में पेयजल की व्यवस्था के लिए पाईप लाईन बिछाई गई थी, जिसके बाद ग्रामीणों ने आस लगा ली कि अब ग्राम के हर घर तक पानी पहुंच जाएगा, लेकिन ग्रामीण पाईपों में पानी का इंतजार करते रहे है और पाईप लाईन खराब हो गई। इसके बाद विगत तीन वर्ष पहले एक बार फिर पाईप लाईन बिछाई गई, हर घर तक कनेक्शन किये गए, नलों में टोंटी लगाई गई। पानी के ग्राम में बोर भी कर दिया गया, ट्रांसफार्मर भी लगा दिया गया। लेकिन नलों में पानी के स्थान हवा निकल रही है। विगत तीन वर्षो से ग्रामीण नलों की टोंटी को चालू, बंद करके देखते ही है कि कब इन नलों से पानी उनके घरों तक पहुंचेगा, लेकिन ग्रामीणों का इंतजार खत्म नहीं हो रहा है। बताया गया कि पेयजल के लिए ग्राम में अभी पानी की टंकी नहीं बनाई गई है। वहीं कुछ ग्रामीणों का कहना है कि पानी की सप्लाई सीधे बोर से ग्राम में की जाएगी, जिसका इंतजार ग्रामीणों को है।

लोकसभा चुनाव का किया था बहिष्कार

विगत वर्ष 19 अप्रैल को मप्र की 06 सीटों में लोकसभा चुनाव में मतदान किये गए थे, लेकिन मंडला जिले के जनपद पंचायत बिछिया अंतर्गत ग्राम पंचायत इमलिया माल, इमलिया रैयत, डूंगरिया में आजादी के बाद से आज तक ग्राम वासियों ने सड़क नहीं देखी और ना ही इन गांवों को मुख्य मार्ग के प्रधानमंत्री सड़क योजना से जोड़ा गया। सड़क समेत अन्य मूलभूत समस्या को लेकर ग्रामीणों ने कई बार समस्या निराकरण की मांग की, लेकिन यहां की समस्या का निदान नहीं हो सका। जिससे आक्रोशित होकर यहां के ग्रमीणों ने लोकसभा चुनाव का बहिष्कार कर दिया और वोट नहीं डाले। बताया गया कि मंडला जिले के विकासखंड बिछिया अंतर्गत तीन ग्रामों के ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव का बहिष्कार किया था। ग्राम पंचायत इमलिया माल, इमलिया रैयत और डूंगरिया के मतदाताओं ने गांव में सड़क की मांग को लेकर मतदान का बहिष्कार किया था। इन तीन ग्रामों में 1263 मतदाताओं में से सिर्फ 31 वोट ही डाले गए थे। इन 31 वोट में 11 वोट शासकीय मतदाताओं के और शेष 20 वोट अन्य लोगों के थे।

उग्र आंदोलन, भूख हड़ताल के साथ बंद की जाएगी पंचायत 

ग्रामीणों ने बताया कि पूर्व में कई बार ग्राम की मूलभूत समस्या को लेकर आवेदन, निवेदन किया जा चुका है। लोकसभा चुनाव का भी बहिष्कार ग्रामीणों ने किया, लेकिन स्थानीय प्रशासन, जिला प्रशासन के कानों में जूं तक नहीं रैंग रही है। यहां बारिश के सीजन में ग्रामीण कीचड़, दलदल भरे मार्ग से आवाजाही करने मजबूर है, गा्रम में पानी की उचित व्यवस्था आज तक नहीं की गई है, इन सब परेशानियों को देखते हुए ग्राम इमलिया के ग्रामीणों ने पुन: प्रशासन को जगाते हुए कहां कि एक सप्ताह के अंदर ग्राम की समस्या का निराकरण नहीं किया जाता है तो ग्राम पंचायत इमलिया के ग्रामीण उग्र आंदोलन, भूख हड़ताल के साथ पंचायत को बंद करने मजबूर होंगे। जिसकी जिम्मेदारी शासन, प्रशासन की होगी।

इनका कहना है

इमलिया में विगत कई वर्षो से सड़क और पीने के पानी के लिए यहां के ग्रामीण परेशान है। बारिश के दिनों में सबसे ज्यादा परेशानी का ग्रामीणों को करना पड़ता है। गांव से लेकर अंजनिया रामनगर मुख्य मार्ग तक पहुंच मार्ग नहीं है। जिसके कारण ज्यादा परेशानी हो रही है।


बलराम यादव, ग्रामीण

ग्राम इमलिया रैयत में पेयजल के लिए कोई जल स्त्रोत नहीं है, ना ही गांव में हैंडपंप है, ना ही कुंआ और ना ही कोई पेयजल की कोई व्यवस्था है। करीब एक किमी दूर से पीने के पानी लेने जाना पड़ता है। गांव में पाईप लाईन बिछाई गई है, लेकिन आज तक इन पाईपों में पानी की एक बूंद नहीं आई है।


ओम प्रकाश यादव, ग्रामीण



 

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