महाकाल की तर्ज में सजे दादा दरबार के महादेव

महाकाल की तर्ज में सजे दादा दरबार के महादेव

  • महाशिवरात्रि के अवसर पर हवन, पूजन, कन्या भोज के साथ भंडारा हुआ आयोजित
  • प्रात: काल हुई भस्म आरती हुआ अनुष्ठान

मंडला महावीर न्यूज 29. देवों के देव महादेव भगवान शिव की आराधना के पर्व महाशिवरात्रि के अवसर पर धूनीवाले दादा दरबार में विविध आयोजन हुए। प्रात: काल से ही शिव भक्त बड़ी संख्या में दर्शन व पूजन करने पहुंचे । धूनी वाले दादा दरबार के संत श्री अमृत देवानंद महाराज ने बताया कि इस मंदिर का निर्माण सन 2013 में भक्तों के सहयोग से किया गया था। इस दरबार में सभी ने अपना श्रमदान भी किया है। भगवान भोले नाथ का यह शिवलिंग महाकालेश्वर उज्जैन से लाया गया है और महाकाल की तर्ज पर दरबार में शिवलिंग स्थापित किया गया है। इस दरबार में भक्तों द्वारा लगातार धार्मिक आयोजन किये जाते है। पिछले 15 वर्षो से यहां भक्त रोजाना सैकड़ों की संख्या में पूजा अर्चना और अपनी मनोकामना लेकर आ रहे है। ग्रामीणों का कहना है कि यहां स्थापित भोलेनाथ सभी की मनोकामना पूर्ण करते हैं।

प्रतिवर्ष महाशिवरात्रि के अवसर पर दरबार में विशेष श्रृंगार किया जाता है। श्रृंगार होने के बाद भक्त यहां महाकालेश्वर जैसे आनंद का अनुभव करते हैं। भक्तों का कहना है कि भोले के दरबार में जब आते है तो मानो उज्जैन महाकाल की नगरी में आ गए हों। बता दे कि यहां भोलेनाथ का श्रृंगार दूध, दही, भस्म, चंदन, कुमकुम से किया जाता है। साल भर यहां भक्तों का तांता लगा रहता है। महाशिवरात्रि के दिन सुबह 4 बजे भस्म आरती हुई, दिनभर दूध, दही, शहद आदि से शिवलिंग का श्रृंगार किया गया। देर शाम बाबा महाकाल की बारात दादा दरबार से निकाली गई। महाआरती के साथ अनुष्ठान का समापन हुआ।

परिक्रमावासियों के लिये है विशेष व्यवस्था 

मंडला जिले में दादा दरबार जैसा कोई दूसरा दरबार नही है। जहां प्रतिदिन सुबह शाम निरंतर श्रृंगार, पूजन आरती होती हो। यहां पूरे विधि-विधान के साथ पूजन अर्चन किया जाता है। दरबार में भगवान महाकाल, श्री धूनीवाले दादा जी, मां नर्मदा और माँ विंध्यवासिनी की मूर्ति  स्थापित हैं। प्रत्येक गुरुवार को श्री धूनीवाले दादाजी के दरबार में भक्तों द्वारा विशेष श्रमदान, सेवा की जाती है। यहां दरबार में परिक्रमावासियों के लिये रूकने, विश्राम और भोजन की व्यवस्था की जाती है।

धूनी वाले दादा दरबार के नाम से प्रसिद्ध है यह स्थान 

बताया गया कि निवास मुख्यालय से करीब 01 किमी दूर शहपुरा मार्ग पर नगर के लधा टोला में यह दरबार धूनी वाले दादा दरबार के नाम से जाना जाता है। संत श्री अमृत स्वरूप अमित बाबा ने बताया कि हमारे गुरु देव जों की धूनी वाले दरबार खंडवा में समाधि स्थल है। उनके प्रति मेरी आस्था शुरू से ही हैं इसलिए इसे भी धूनी वाले दादा  दरबार का नाम दिया गया है।

शिवालयों में भी हुई विशेष पूजा

निवास के थाना प्रांगण के शिव मंदिर, तालाब मोहल्ला शिव मंदिर, राम मंदिर के शिव मंदिर, खेरमाई प्रांगण के शिव मंदिर, रसलगंज यज्ञशाला प्रांगण के शिव मंदिर, स्टेडियम ग्राउंड के पास शिव मंदिर, लोक निर्माण विभाग के पास शिव मंदिर समेत आसपास के क्षेत्रों में भी भक्तों द्वारा विशेष पूजन अर्चन महाशिवरात्रि के दिन किया गया।

15 वर्षों से जल रही अखंड ज्योति व धूनी 

स्थापना के समय से ही महाकाल दरबार में अमृत देवानंद जी महाराज की विशेष देखरेख में विगत 15 वर्षों से अखंड ज्योति जल रही है। इसके साथ ही धूनी भी 15 वर्षों प्रज्वलित है। जिससे भक्तों की समस्याओं व परेशानियों से छुटकारा मिल रहा है और महाकाल की विशेष कृपा प्राप्त हो रही है। भोले के दरबार में अखण्ड रूप से विगत 15 वर्षों से धूनी व अखण्ड ज्योति  प्रज्वलित है।

रिपोर्टर- रोहित प्रशांत चौकसे



 

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