जिला में गूंजेगी ऊँ नम: शिवाय की गूंज
- शिवरात्रि में होंगे विविध आयोजन, निकलेगी शिव बारात
मंडला महावीर न्यूज 29. महाशिवरात्रि के अवसर पर आज शहर के शिवालयों पर ऊँ नम: शिवाय की गूंज सुनाई देगी। सुबह से महाआरती के बाद मंदिरों के पट भक्तों के लिये खुल जाएंगे। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है। फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को ही महाशिवरात्रि के नाम से जाना जाता है। हालांकि प्रत्येक मास की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। इस दिन चार प्रहर की साधना करने से शिव की कृपा प्राप्त होती है। इस दिन सुबह से ही मंदिरों में शिव भक्तों का तांता लग जाएगा। शुभ संयोग और शुभ मुहूर्त में भगवान शिव की आराधना करने से भक्तों को मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी।
इस वर्ष महाशिवरात्रि के दिन शुभ संयोग भी बन रहा है, जो भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा अर्चना के लिये बहुत ही उत्तम है। इस बार महाशिवरात्रि पर शिव योग के साथ धनिष्ठा नक्षत्र, परिघ योग बन रहा है और चंद्रमा मकर राशि में रहेंगे। महाशिवरात्रि पर्व में रात्रि की प्रधानता रहती है। इस कारण 26 फरवरी को महाशिवरात्रि पर्व मनाना शास्त्र सम्मत होगा। पंडित विजयानंद शास्त्री ने बताया कि फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 26 फरवरी को सुबह 11.08 बजे शुरू होगी। इस तिथि का समापन 27 फरवरी को सुबह 08.54 मिनट पर होगा। महाशिवरात्रि में रात्रि के पूजन का विधान है इसलिए 26 फरवरी को रात में महादेव का पूजन किया जाएगा।
आज शिवरात्रि के अवसर पर शहर में विभिन्न धार्मिक आयोजन किये जाएंगे। रपटाघाट में माँ रेवा सेवा महाआरती समिति के तत्वाधान में शिव बारात निकाली जाएगी। इसके पूर्व शिव अभिषेक, पूजन, हवन, आरती, कन्या भोज का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि शिवरात्रि आयोजन पिछले 16 वर्षो से किया जा रहा है। शिवरात्रि के अवसर पर धार्मिक आयोजन एवं शिव बारात का आयोजन किया जाता है। इस आयोजन में बड़ी संख्या में श्रृद्धालु हिस्सा लेते है।
शिवालयों में उमड़ेगी भीड़
शिवरात्रि के अवसर पर शहर के शिवालयों में बड़ी संख्या में श्रृद्धालु पहुंचेगे। पीपल घाट स्थित नर्मदा आश्रम, कारीकोन स्थित शिवालय, दादाधनीराम आश्रम स्थित ज्योर्तिलिंग, सिद्ध रेवा घाट स्थित शिवालय, रपटा घाट स्थित बारह ज्योर्तिलिंग, जेल घाट स्थित शिवालय, सहस्त्रधारा आश्रम, मंगलेश्वर मंदिर महाराजपुर आदि शिव स्थानों पर श्रृद्धालु भगवान शिव का पूजन करेंगे।
महाशिवरात्रि का महत्व
पंडित विजयानंद शास्त्री ने बताया कि शिवपुराण में वर्णित है कि शिवजी के निष्कल निराकार स्वरूप का प्रतीक ‘लिंगÓ इसी पावन तिथि की महानिशा में प्रकट होकर सर्वप्रथम ब्रह्मा और विष्णु के द्वारा पूजित हुआ था। इसी कारण यह तिथि ‘शिवरात्रिÓ के नाम से विख्यात हो गई. यह दिन माता पार्वती और शिवजी के ब्याह की तिथि के रूप में भी पूजा जाता है। माना जाता है जो भक्त शिवरात्रि को दिन-रात निराहार एवं जितेंद्रिय होकर अपनी पूर्ण शक्ति व सामर्थ्य द्वारा निश्चल भाव से शिवजी की यथोचित पूजा करता है, वह वर्ष पर्यंत शिव-पूजन करने का संपूर्ण फल मात्र शिवरात्रि को तत्काल प्राप्त कर लेता है।
झंडा चौक में होगा शिव अभिषेक
राजीव कालोनी झंडा चौक में सार्वजनिक शिव मंदिर में शिवरात्रि के अवसर पर विविध आयोजन किये जाएंगे। जिसमें शिव मंदिर और नव निर्मित चबूतरे में स्थापित शिवलिंग का पूजन अभिषेक किया जाएगा। इसके साथ ही झंडा चौक स्थित सार्वजनिक शिव मंदिर में शिवरात्रि के अवसर पर प्रात:काल शिव अभिषेक और हवन एवं आरती की जाएगी।