राष्ट्रीय मानव बैगा परिवार मूलभूत सुविधाओं से वंचित
- 17 बैगा परिवार सड़क, स्कूल और आंगनवाडी को तरस रहे
- पीएम आवास तो बना, शौचालय से भी वंचित, बारिश में दलदल से गुजरने मजबूर
मंडला महावीर न्यूज 29. जिले में बैगा परिवार बाहुल्य क्षेत्र राष्ट्रीय मानव की पहचान रखता है। जहां के रहन सहन वेशभूषा, पहनावा एवं खान-पान एक अलग ही पहचान बनाए हुए है। शासन द्वारा गरीब तबके के लोगों को योजनाओं का लाभ दिलाने की हर मुमकिन प्रयास किया जा रहा है। वहीं जिले के कुछ बैगा क्षेत्र ऐसे भी है, जहां निवास करने वाले बैगा समाज के लोगों को आज भी मूलभूत सुविधाओं से ही वंचित होना पड़ रहा है। जिसके लिए शिकवा, शिकायत शासन, प्रशासन की गई, लेकिन अब तक उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाया है।
आदिवासी बाहुल्य जिला मंडला में केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा जिले के बैगा जनजातिय के लिए कई योजनाएं चला रही है। लेकिन जिले के बैगा आदिवासी ग्राम के लोग आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिये तरस रहे है। ऐसा ही एक गांव जिला मुख्यालय से करीब 85 किमी दूर बसे ग्राम पंचायत इन्द्री के वार्ड नंबर 08 के बैगा टोला का है। यहां निवासरत बैगा आदिवासी परिवार के 17 घर के वंशिदे सड़क, स्कूल, आंगनवाडी, नलजल योजना समेत अन्य मूलभूत सुविधाओं से वंचित है।
जानकारी अनुसार विकासखंड मवई और तहसील बिछिया के अंतर्गत पोस्ट भीमडोंगरी के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत इन्द्री में एक बैगा टोला है। इस बैगा टोला में 17 परिवार निवास करते है, जिनकी जनसंख्या करीब 120 है। ग्राम इंद्री का यह बैगा टोला बिछिया विकासखंड से 45 किमी और मोतीनाला से करीब 15 किमी दूर बसा है। वहीं भीमडोंगरी से यह बैगा टोला 03 किमी की दूरी पर है। यहां बसे बैगा परिवार वर्ष 2008 में विस्थापित होकर इन्द्री ग्राम के वार्ड नंबर 08 में बसे है। तब से लेकर अब तक इस बैगा टोला में निवास कर रहे बैगा समाज के लोग मूलभूत सुविधाओं से वंचित है।
16 वर्ष पहले हुए थे विस्थापित
ग्रामीण बुद्धसिंह ने बताया कि ग्राम पंचायत इन्द्री के वार्ड नंबर आठ में बसे करीब 17 बैगा परिवार वर्ष 2008 में विस्थापित होकर यहां रहवास कर रहे है। इसके पहले ये बैगा परिवार कान्हा नेशनल पार्क के अंतर्गत आने वाले ग्राम जामी में निवास करते थे। लेकिन कान्हा से लगे होने के कारण ग्राम जामी के बैगा परिवार को यहां से विस्थापित कर दिया गया था। जिसके बाद से आज दिनांक तक यहां रहने वाले सभी बैगा परिवार ग्राम इन्द्री के बैगा टोला में ही निवास कर रहे है। जहां इन बैगा परिवारों को कोई भी सुविधा मुहैया नहीं कराई गई है।
03 किमी दूर है स्कूल
ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम इंन्द्री बैगा टोला में रहने वाले छात्रों के लिए स्कूल नहीं है। यहां के बच्चे ग्राम से तीन किमी दूर भीमडोंगरी पढऩे जाते है। स्कूल जाने के लिए साधन भी नहीं है। बच्चे अपनी पढ़ाई के लिए तीन किमी का सफर पैदल ही करते है। वहीं बारिश के सीजन में छात्रों को बेहद परेशानी उठानी पड़ती है। बैगाटोला से भीमडोगरी जाने वाले मार्ग में एक किमी का मार्ग बेहद बदहाल है, बारिश में यह मार्ग दलदल बन जाता है। जिसके कारण बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित होती है। ग्रामीणों ने कहां कि बैगाटोला में छोटे बच्चों के लिए प्राथमिक शाला संचालित किया जाए। जिससे बारिश के सीजन में कीचड़ भरे मार्ग से निजात मिल सकेगी।
16 वर्ष में नहीं बदले हालात
ग्रामीणों ने बताया कि 16 वर्ष पहले कान्हा नेशनल पार्क से लगे ग्राम जामी से विस्थापित होकर ग्राम इन्द्री के बैगा टोला में बसे थे, लेकिन यहां आज दिनांक तक हम बैगा परिवारों को कोई सुविधा मुहैया नहीं कराई गई है। बैगा टोला में विगत वर्ष ही बैगा परिवार का पीएम आवास बनाया गया है, इसके पहले यहां के वंशिदे कच्चे मकानों में रहने मजबूर थे। इसके साथ ही इस टोला में ना ही नलजल योजना का लाभ दिया गया है,और ना ही पहुंच मार्ग है। इसके साथ अन्य मूलभूत सुविधाएं यहां के बैगा परिवार को नहीं मिल पाई है। विगत 16 वर्षो से यहां का बैगा परिवार अपने क्षेत्र के विकास की राह तक रहा है, लेकिन अभी तक इस बैगा टोला के हालात नहीं बदले है।
कच्चे आंगनवाडी केन्द्र में नौनिहालों को खतरा
बैगा टोला में नौनिहालों के मिनी आंगनवाडी केन्द्र बनाया गया है। इस आंगनवाडी केन्द्र में नन्हें, मुन्हें बच्चें पढऩे आते है। लेकिन यह आंगनवाडी केन्द्र एक कच्चे मकान में संचालित हो रहा है। बारिश के दिनों में इन नौनिहालों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता हे। कच्चे मकान में सीलन भरी जमीन में नौनिहालों को बैठना पड़ता है। जिससे बीमार होने का भी अंदेशा बना रहता है। ग्रामीणों ने नौनिहालों के आंगनवाडी केन्द्र बनाने की मांग की है।
वाहन ना मिलने से खाट का लेना पड़ता है सहारा
ग्रामीणों ने बताया कि बारिश का सीजन बमुश्किल से कटता है। बैगा टोला में पहुंच मार्ग नहीं होने से यहां के लोगों को बेहद परेशानी उठानी पड़ती है। गांव के अंदर चौपहिया वाहन आने से कतराते है। यदि ग्राम में कोई बीमार हो जाए तो मार्ग तक ले जाने के लिए खाट का सहारा लेना पड़ता है। बैगा टोला से करौंदा टोला तक एक किमी का मार्ग बारिश में दलदल बन जाता है। घुटने भर कीचड़ में चलकर मार्ग तक जाना पड़ता है। जिसके कारण ग्रामीणों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है।
बैगा टोला में एक भी शौचालय नहीं
जिले में कई पंचायतें ओडीएफ घोषित हो चुकी है। प्रशासन ग्रामों को खुले में शौच मुक्त करने की पहल ग्राम पंचायत इंद्री के बैगा टोला में देखने को मिल सकती है। जहां के बैगा परिवार आज भी खुले में शौच जाने मजबूर है। यहां निवास करने वाले करीब 120 बैगा लोगों के पीएम आवास तो बना दिए गए है, लेकिन इनके घरों में एक भी शौचालय नहीं बना है। इतना ही नहीं इस टोला में सड़क, नलजल जैसी बुनियादी सुविधाओं से भी कोसों दूर हैं। ग्रामीणों ने बताया कि यहां के लोग जिल्लत भरी जिदगी जी रहे हैं। बैगा टोला में सड़क, पेयजल, शौचालय, नल-जल आदि सरकारी योजनाओं से वंचित हैं। सड़क नहीं रहने से बरसात के दिनों में जलजमाव की समस्या और गर्मी के दिनों में पेयजल की समस्या विकराल हो जाती है। कई बार इस समस्या को जनप्रतिनिधियों से लेकर प्रशासन को अवगत कराया गया, लेकिन आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई।
विभाग भूल गया बैगा परिवार को
वन विभाग द्वारा ग्राम जामी के ग्रामीणों को विस्थापित किया गया था। विस्थापन के दौरान विभाग ने बैगा परिवार को कहां था कि आप लोग समूह जहां भी निवास करेंगे, वहां आप लोगों कुंआ, तालाब, सड़क, बिजली पानी समेत मूलभूत सुविधा मुहैया कराई जाएगी, लेकिन विभाग अपनी बात पूरी नहीं कर सका। यहां 17 परिवार के 120 की जनसंख्या के बैगा समाज एक एकड़ भूमि में कच्चे मकान बनाकर जीवन यापन कर रहे है। यहां सबसे बड़ी समस्या सड़क की है। जिससे यहां निवास कर रहे बैगा समाज जूझ रहे है। बारिश के दिनों में यहां लोग मार्ग की पहचान के लिए लकड़ी बिछाकर उससे कीचड़ भरे मार्ग से आवागमन करते है। हालात इतने बत्तर हो जाते है कि यहां आना जाना मुश्किल होता है। विभाग ने विस्थापन के समय कहीं बात पूरी नहीं की।