छोटी सी लापरवाही से जा सकती थी आंखो की रोशनी

छोटी सी लापरवाही से जा सकती थी आंखो की रोशनी

  • बैल्डिंग करते समय आंखो में गई लोहे की बावरी
  • नारायणगंज के नेत्र चिकित्सा सहायक ने किया उपचार

मंडला महावीर न्यूज 29. आंखें वास्तव में इस संसार की सबसे अनमोल और खूबसूरत चीज हैं। यह हमें दुनिया को देखने और उसकी सुंदरता को समझने का मौका देती हैं। आंखें हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, और उनकी देखभाल करना हमारी जिम्मेदारी है। एक छोटी सी लापरवाही के कारण हम अपनी आंखो को खो सकते है, एक ऐसी ही घटना नारायणगंज ब्लाक के ग्राम कुम्हा निवासी 16 वर्षीय युवक के साथ घट गई। युवक एक बेल्डिंग की दुकान में काम करता है, जहां वह बेल्डिंग का कार्य कर रहा था। बेल्डिंग करने के दौरान उसकी आंखों में लोहे की बावरी चले गई। जैसे ही लोहे की बावरी बाई आंख में गई, युवक मोहित धारया तिलमिला गया।

जानकारी अनुसार नारायणगंज के ग्राम कुम्हा निवासी युवक मोहित धारया पिता विनोद धारया 16 वर्ष एक बेल्डिंग की दुकान में काम करता है। घटना रविवार के दिन की है, जब युवक मोहित बेल्डिंग का कार्य कर रहा था, बेल्डिंग कार्य के दौरान उसकी आंखों में लोहे की बावरी (फॉरेन बॉडी) चले गई। आंखों में बावरी जाने से युवक मोहित को आंखों में जलन के साथ काफी तकलीफ होना शुरू हो गई। राहत पाने के लिए उसने कई जतन किये, लेकिन आराम नहीं मिल सका।

समय रहते उपचार के लिए पहुंचा युवक 

बताया गया कि एक दिन पूरा आंखों की तकलीफ से युवक मोहित जूझता रहा, लेकिन आराम नहीं मिल सका। इसके बाद उसने सोमवार को नारायणगंज स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचा। जहां नेत्र चिकित्सा सहायक जयकरण चौधरी संपर्क किया। नेत्र चिकित्सा सहायक जयकरण ने मोहित की आंखों की जांच की। जिसमें बेल्डिंग कार्य के दौरान उसकी आंखो में फंसा लोहे की बावरी दिखाई दी। जिसके कारण युवक की आंखों में तकलीफ हो रही है। समय रहते मोहित सीएचसी नारायणगंज पहुंचा। जहां नेत्र चिकित्सा सहायक ने उपचार शुरू किया।

लोहे की बावरी निकलते ही मिली राहत 

नेत्र चिकित्सा सहायक जयकरण चौधरी ने बताया कि आंखो शरीर का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। जिसके लिए सावधानी बरतना चाहिए। एक छोटी सी लापरवाही के कारण आंखों की रोशनी जा सकती थी, लेकिन समय रहते युवक उपचार कराने पहुंच गया। बताया गया कि युवक के आंखों में बेल्डिंग करते समय लोहे की बावरी चले गई थी। जिसके कारण वह काफी तकलीफ में था। युवक का उपचार शुरू किया गया। आंखों में दवाई डाली गई है। जिसके बाद आंखो में फंसी लोहे की बावरी को बहुत ही सावधानी पूर्वक निकाला गया। आंखो से जैसे ही लोहे की बावरी निकली, वैसे ही युवक के चेहरे में खुशी झलक आई और उसने दर्द से राहत मिली।

सावधानी पूर्वक कार्य करने की दी समझाईश 

युवक मोहित की आंखों से बावरी निकलते ही उसने नेत्र चिकित्सा सहायक को धन्यवाद देते हुए कहां कि यदि समय रहते आप इस समस्या का निराकरण नहीं करते तो मेरे साथ कुछ भी हो सकता था। बावरी निकलने के बाद नेत्र चिकित्सा सहायक ने युवक मोहित से सावधानी पूर्वक कार्य करने की समझाईश दी। इसके साथ ही फालोअप जांच कराने को कहा। दवाईयां देकर मोहित की छुट्टी कर दी गई।



 

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