- आपरेशन के लिए मरीज के परिजनों ने समय में नहीं दी सहमति
- बच्चे ने गर्भाशय के अंदर ही पी लिया था गंदा पानी
- गंदा पानी पीने से बच्चें की दिल की धडकन बंद हो गई थी बंदब
- मृत बच्चे को ऑपरेशन कर निकाला था बाहर
- डिलेवरी प्रकरण को लेकर हेल्थ केयर हॉस्पिटल ने दी जानकारी
मंडला महावीर न्यूज 29. जिले के प्राईवेट हैल्थ केयर हॉस्पिटल एण्ड डायग्नोस्टिक सेंटर में लगातार मानव पीड़ितों की मदद की जाती है लेकिन बीते दो दिन पहले डॉक्टर नृपिका पाथरिया के द्वारा एक डिलेवरी ऑपरेशन किया गया बताया जा रहा है कि ब्रजेश पटैल की पत्नि सोना पटैल का इलाज उनके निजी क्लीनिक में विगत कई माह से किया जा रहा था जिनका प्रसव होना था महिला को ऑपरेशन के एक दिन पहले हेल्थ केयर हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था मरीज की ऑपरेशन के पहले की सभी जांचे जैसे रक्त की जांच, सोनाग्राफी आदि अस्पताल में नही कराई गई समस्त जांचे बाहर कराई गई थी।
भर्ती के बाद मरीज के परिजनों ने डॉक्टर नृपिका पाथरिया से नॉमल डिलेवरी हेतु प्रयास करने के लिए कहा गया जिनके मरीज के परिजनों का कहने पर डॉ पथरिया ने नॉमल डिलेवरी हेतु प्रयास किया किंतु नॉमल डिलेवरी की परिस्थितियों को न पाकर ऑपरेशन हेतु मरीज के परिजनों से कहा गया किंतु मरीज के परिजनों ने समय पर सहमति नहीं दी। जिसके चलते बच्चे ने गर्भाशय के भीतर ही गंदा पानी पी लिया और उसके फेफेडे में गंदा पानी चला गया जिससे बच्चें की गर्भाशय के भीतर ही बच्चें की दिल की धडकन बंद हो गई जब बच्चा ऑपरेशन के दौरान बच्चें को बाहर निकाला गया तो उक्त बच्चा मृत अवस्था में ही पैदा हुआ। जिसकी जानकारी मृतक के परिजनों को तत्काल ऑपरेशन रूम के अंदर ही बुला कर दी गई। जिससे बाद मरीज के परिजन और अन्य लोगों के द्वारा आक्रोशित होकर अस्पताल में तोडफ़ोड़ की गई साथ ही सम्पत्ति को भी नुकसान पहुंचा गया। जब इस संबंध में डॉ गुरूमोहन सिंह ने बताया कि उपरोक्त मरीज का इलाज डॉ नृपिका पाथरिया के निजी क्लिीनिक पर ही विगत नौ महिने से चल रहा था जिसे डिलेवरी के लिए मेरे अस्पताल में लाया गया था ऑपरेशन के दौरान उपरोक्त बच्चा मृत अवस्था में ही पैदा हुआ। जिसमें अस्पताल प्रबंधन या स्टॉफ किसी प्रकार का हस्ताक्षेप नहीं था।
डॉ नृपिका पाथरिया ने सभी प्रकार की जानकारी ऑपरेशन के पहले ही परिजनों को दी थी लेकिन नॉमल डिलेवरी के प्रयास करने में बच्चें को जान का खतरा हो सकता है। वही इस संबंध में जब मरीज के परिजनों से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि नौ महीने के गर्भावस्था की समस्त जांचे एवं चैकअप हेल्थ केयर अस्पताल के बाहर ही की गई है मात्र मरीज के डिलेवरी हेतु हेल्थ केयर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। फिलहाल पीड़ित महिला अस्पताल में ईलाजरत है वहीं इस पूरे मामले की पुलिस भी जांच कर रही हैं। वहीं दूसरी तरफ अस्पताल में की गई तोडफ़ोड़ और नुकसान को लेकर शिकायत दर्ज कराई जा रही है।