औघड़ संत दादा धनीराम जी की 55 वीं पुण्यतिथि धूमधाम से मनाई

औघड़ संत दादा धनीराम जी की 55 वीं पुण्यतिथि धूमधाम से मनाई

  • भक्तों ने संत दादा धनीराम का लिया आर्शीवाद
  • सुबह से देर शाम तक चलता रहा विशाल भंडारा

मंडला महावीर न्यूज 29. दादा धनीराम की 55 वीं पुण्यतिथि गुरूवार को मनाई गई। इस दिन महाराजपुर के दादा धनीराम आश्रम में सुबह से शाम तक भंडारा चलता रहा। प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी भी औघड़ संत श्री दादा धनीराम जी की पुण्यतिथि पर विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। पुण्यतिथि में दूर-दूर से इनके भक्त दादा के दरबार में पहुंचे। सुबह से शाम तक भक्तों का तांता दादा के दरबार में लगा रहा।

दादा धनीराम आश्रम में दादाजी की 55 वीं पुण्यतिथि धूमधाम से मनाई गई। रविवार को दादा धनीराम आश्रम में भंडारे का आयोजन किया गया। बता दे कि सुबह दादाजी का पूजन अर्चन और अभिषेक किया गया। नर्मदाजी एवं दादाजी को भोग लगाने के बाद भंडारा प्रारम्भ किया गया। भंडारा सुबह लगभग 11 बजे से शुरू हुआ, जो कि देर शाम तक चलता रहा। दूर-दूर आए भक्त भंडारे में शामिल हुए और भोजन प्रसाद ग्रहण किया। सुबह से ही दादा के दर्शन के लिए भक्तों का तांता लगा रहा। यह सिलसिला देर शाम तक चलता रहा। पुण्यतिथि की पूर्व संध्या में महाआरती की गई।

ट्रस्ट के सदस्यों ने बताया कि दादा धनीराम जी की पुण्यतिथि पर दूर दूर से दादा के भक्त आए। पुण्यतिथि पर रायपुर, मुम्बई, नागपुर, बालाघाट, सिवनी सहित अन्य जिले के आसपास के ग्राम एवं शहरों से बड़ी संख्या में दादा के भक्त इस अवसर पर पहुंचे। भक्तों ने बताया कि दादा जी के समक्ष सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। मनोकामनाएं पूर्ण होने के बाद यहाँ भंडारा कराने की मान्यता है। यहाँ माता अन्नपूर्णा का वास है। दादा के दरबार से भक्तों की मुराद पूरी होती है। ट्रस्ट के अध्यक्ष ने बताया कि दादाजी के भक्त जिले के साथ ही रायपुर, मुम्बई, नागपुर, बालाघाट, सिवनी सहित कुछ विदेशों में भी है, जो समय समय पर आश्रम पहुंचते हैं। दादा धनीराम औघड़ संत थे। उन्होंने 1927 से 1970 तक महाराजपुर में रहकर मानव कल्याण के लिए कार्य किया। उनकी गालियां लोगों के लिए आशीर्वाद होती थी। दादा ने अनेक चमत्कार किए, जिनके अनुयायी आज भी उन्हें पूरी श्रद्धा और विश्वास से मानते हैं।



 

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