- नर्मदा किनारे 52 वर्षीय हथिनी की अचानक हुई मौत
- हथिनी का दो दिन पहले हुआ था सर्जिकल ऑपरेशन
- चित्रकूट के साधु-संतों के साथ इलाज के लिए मंडला आई थी हथिनी
मंडला महावीर न्यूज 29.चित्रकूट के साधु-संतों के साथ मंडला इलाज के लिए आई हथिनी की मौत रपटा घाट स्थित बैराज के पास अचानक सुबह 11 बजे हो गई। हथिनी की उम्र 52 वर्ष की बताई गई है। कान्हा नेशनल पार्क के पशु चिकित्सक डॉ. संदीप अग्रवाल ने बताया कि हथिनी के शरीर में गंभीर घाव हो गया था। जिसके उपचार के लिए यह हथिनी मंडला आई थी।
बताया गया कि हथिनी के शरीर में गंभीर घाव का दो दिन पहले सर्जिकल ऑपरेशन किया गया था। हथिनी के मालिक रामखिलावन महाराज हैं और यह छत्तीसगढ़ से इलाज के लिए लाई गई थी। हथिनी के साथ रहने वाले बाबा मुन्ना गिरी ने बताया कि यह हथिनी 1982 से उनके साथ थी। सोमवार की सुबह 11 बजे नर्मदा तट स्थित बैराज के पास अचानक हथिनी की मौत हो गई। हथिनी की मौत की सूचना वन विभाग को दी गई।
हथिनी के मौत की सूचना मिलते ही डीएफओ नित्यानंतम एल, डॉ. संदीप अग्रवाल और वन विभाग का अमला मौके पर पहुंचा। साधु-संतों ने हथिनी को स्नान कराया और पूजा-अर्चना के बाद वन विभाग को सौंप दिया। क्रेन की मदद से हथिनी के शव को ट्रक में रखकर गया। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि अब नियमानुसार पोस्टमॉर्टम किया जाएगा और प्रोटोकॉल के तहत हथिनी का अंतिम संस्कार किया जाएगा। तीन दिनों से चल रहे इलाज के बावजूद हथिनी को बचाया नहीं जा सका।