किसानों को गुड़ का नहीं मिल पा रहा वाजिब दाम

  • किसानों को गुड़ का नहीं मिल पा रहा वाजिब दाम
  • किसानों का रूझान हो रहा कम
  • शक्कर मिल खोलने और गन्ना विकास कार्यक्रम शुरू करने की मांग

मंडला महावीर न्यूज 29. मंडला जिला पहले गन्ने की खेती के लिये प्रसिद्ध हुआ करता था लेकिन जिले में संचालित दो खाण्डसारी चीनी मिल के बंद होने के बाद इसका दायरा सीमित क्षेत्रों तक सिमट कर रह गया। गन्ने की खेती क्षेत्र में अब गिने चुने गांवों में ही होती है। इसके पीछे प्रमुख कारण सरकार द्वारा किसानों को गन्ने की फसल के लिए प्रोत्साहित नहीं किया जा रहा है। किसानों ने बताया कि अधिक व फायदा कम होने के चलते क्षेत्र के किसानों का इस खेती से प्रत्येक साल मोह भंग होता जा रहा है। अगर समय रहते सरकार द्वारा कोई प्रोत्साहन नीति नहीं बनाई गई तो आने वाले कुछ वर्षों में मंडला जिले से इसकी खेती इतिहास के पन्नों में सिमट जायेगी। सरकारी आंकड़े अनुसार जिले में विगत दो वर्ष पहले 02 हजार 700 हेक्टेयर में गन्ने की फसल लगाई गई। इसके बाद विगत वर्ष गन्ने के रकबे में मामूली वृद्धि हुई, जिसमें इस वर्ष 03 हजार हेक्टेयर में गन्ने की फसल लगाई गई, इस वर्ष भी गन्ने का रकबा तीन हजार हेक्टेयर ही है।

बताया गया कि विगत छह वर्षो में गन्ने की फसल का रकबा नहीं बढ़ा है। विगत वर्षो में भी इसका रकबा 3 हजार हेक्टेयर के आसपास रहा। इसके पहले तीन हजार हेक्टेयर से कम का रकबा वर्ष 2016-17 में 2.90 हजार हेक्टेयर और विगत वर्ष 2021-22 में 2.70 हजार हेक्टेयर था। जिसके कारण किसानों का गन्ने की फसल की तरफ कोई खास दिलचस्पी नहीं रह गई है। अन्य फसलों की तरफ बढ़ते रूझान के कारण गन्ने का रकबा अन्य फसलों की अपेक्षा कम ही है। जिसके कारण जिले में गुड़ की आवक भी कम होने लगी है। मंडला के गुड़ की मिठास अब धीरे-धीरे कम होती जा रही है।

जिले के गन्ना उत्पादक किसान मिल बंद होने से टूट गए है जो किसान गन्ना की फसल ले रहे है, वह गन्ना सिर्फ गुड़ बनाने के काम आ रहा है। इससे किसानो को कोई ज्यादा फायदा होने वाला नहीं है। अब किसान फिर से मिल खोलने की मांग भी कर रहे है। गन्ना उत्पादक किसानो का कहना है कि मंडला में गन्ना फसल का उत्पादन बढ़ाने के लिए शासन स्तर से सतत गन्ना विकास योजना संचालित किया जाए। जिसका फायदा यहां के करीब तीन हजार हैक्टेयर भूमि में गन्ना लगाने वाले किसानो को मिल सकें। मप्र सरकार अन्य जिलों में सतत गन्ना विकास योजना संचालित कर रही है, यदि मंडला जिले को भी इस योजना में शामिल कर लिया जाए तो यहां के किसानों को इसका लाभ मिलने के साथ गन्ने के रकबे में भी बढ़ोत्तरी होगी।

मंडला को जोड़ा जाए सरकारी योजना से 

पूर्व मंडी अध्यक्ष सुनील नामदेव ने बताया कि प्रदेश के अन्य जिलो में सतत गन्ना विकास योजना का लाभ किसानों को मिल रहा है। मंडला जिले में सतत गन्ना विकास योजना में लिए पहल की थी, लेकिन स्वीकृति नहीं मिल पाई। यदि जिले में सरकारी शुगर मिल खुल जाएग तो यहां किसानों का रूख गन्ने की खेती की तरफ फिर हो जाएगा। सरकार को मंडला जिले में गन्ना उत्पादन की संभावना देखते हुए गन्ना विकास योजना की पहल की जानी चाहिए और यहां एक सरकारी शुगर मिल खोली जानी चाहिए। श्री नामदेव ने बताया कि किसानों का गन्ने की फसल से मोहभंग होता देख उन्होंने ग्राम अंजनिया में मंडी अध्यक्ष रहते हुए उपमंडी खोलने के लिए भूमि स्वीकृत करा दी थी, जिससे यहां के किसानों को गन्ने और गुड़ का उचित मूल्य यहां मिल सके। लेकिन श्री नामदेव के कार्यकाल में सिर्फ भूमि ही स्वीकृत हुई थी, अब जिला प्रशासन को यहां उपमंडी बनाने की पहल करनी चाहिए। जिससे यहां गुड़ मंडी खोली जा सके और यहां क्षेत्रीय किसानों को गन्ने का उचित दाम मिल सके।

सरकारी शुगर मिल खोलने की मांग 

गन्ने की खेती करने वाले किसानों ने बताया कि सतत गन्ना विकास योजना मध्यप्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई योजना है, जिसका मुख्य उद्देश्य गन्ना पैदावार को बढ़ावा देना एवं उत्पाद की गुणवत्ता में सुधार करना है। जिससे किसानों को गन्ने का उचित मूल्य मिल सके और किसान आर्थिक रूप से मजबूत हो सके, लेकिन यह योजना मंडला जिले में शुरू नहीं की गई है, जबकि मंडला जिले में भी एक बहुत बड़े क्षेत्रफल में गन्ने की खेती की जाती है। यदि इस सतत गन्ना विकास योजना की शुरूआत मंडला में हो जाए तो यहां के किसानों की रूचि गन्ने की तरफ एक बार फिर बढ़ जाएगी और किसान गन्ने की फसल को महत्व देंगे। यहां गन्ने की फसल का उचित दाम ओर शुगर मिल नहीं होने के कारण यहां किसानों में अब गन्ने की तरफ रूझान नहीं है। मप्र सरकार को मंडला जिले में भी गन्ने की फसल लगाने वालों के लिए इस योजना के तहत सरकारी शुगर मिल शुरू किया जाना चाहिए।

इनका कहना है

मंडला में खाण्ड सारी मिल बंद हो जाने के कारण गन्ना उत्पादक किसानो को उचित मूल्य नहीं मिल रहा है। गुड़ के लिए गन्ना क्रय करने वाले समूह को कम दामो में गन्ना बेचना पड़ रहा है। जिससे किसानो को नुकसान हो रहा है। गन्ना की पैदावार बढ़ाने के लिए प्रशासनिक स्तर पर कोई काम नहीं किया जा रहा है। भारतीय किसान संघ का कहना है कि प्रशासन के सहयोग से शक्कर मिल खोली जाए।


श्री राम सिंधिया
जिला अध्यक्ष, भारतीय किसान संघ

पहले की अपेक्षा अब गन्ने की पैदावार कम हो गई है, गन्ने की फसल को बेचने का कोई साधन नहीं है, जिले की दोनों मिलें बंद हो गई है, मप्र सरकार अन्य जिलों में सतत गन्ना विकास योजना संचालित कर रही है, यदि मंडला जिले को भी इस योजना में शामिल कर लिया जाए तो यहां के किसानों को इसका लाभ मिलने के साथ गन्ने के रकबे में भी बढ़ोत्तरी होगी। इसके साथ ही अंजनिया के पास एक शासकीय शुगर मिल खोली जाए।


सुनील नामदेव
पूर्व मंडी अध्यक्ष, बिछिया



 

Leave a Comment

Recent Post

Live Cricket Update

Advertisements

Read More Articles