पुरानी यादें भूल कर नववर्ष का किया उत्साह से स्वागत

  • पुरानी यादें भूल कर नववर्ष का किया उत्साह से स्वागत
  • युवाओं में रहा उत्साह, पर्यटन स्थलों में रही भीड़, हुए धार्मिक आयोजन, मंदिरों में रही भीड़

मंडला महावीर न्यूज 29. वक्त ठहरता नहीं है, टिक-टिक करती घड़ी की सुईयों की तरह वर्ष 2024 भी अपनी मस्तानी चाल चलकर आखिरकार विदा हो गया है। उसके चेहरे पर खुशी भी थी, तो गम भी। खुशी इस बात की कि उसे अपने लम्बे सफर से मुक्ति मिली, मायूसी-तनाव का दामन छूटा। गम इसलिए कि साल जैसा भी रहा, उसका हमसफर रहा। उससे लिपटा रहा सुख-दुख, ऊंच-नीच, अच्छा -बुरा सब कु छ साथ-साथ हुआ। अब भरे मन से वर्ष 2024 को अलविदा कहना पड़ा।

साल बदला, कैलेण्डर बदल गया, दीवारों की पुरानी कील पर नया कैलेण्डर, नए अरमानों, नई ख्वाहिशों के साथ लटक गया। 2024 बदलकर 2025 हो गया। अब 2024 की यादों को भूलकर 2025 से कुछ अच्छे की उम्मीदें है। जिससे पुराने साल की यादों को भूल सके। जिलेवासियों ने नववर्ष का जोरदार स्वागत किया। शहर में कई स्थानों में युवा वर्गो ने नववर्ष के स्वागत के लिये विशेष तैयारियां कर रखी थी। लोग नववर्ष का जश्न मनाए। हालाकि कोई नव वर्ष में कोई बड़े आयोजन नहीं किये गए। सादगी के साथ नववर्ष का स्वागत किया गया। धार्मिक स्थलों में भक्तों का हुजूम देखा गया। मुख्यालय के नजदीक सूर्यकुण्ड धाम में लोगों का सैलाब उमड़ पड़ा। यहां चल रही अंखड रामधुन में भक्तों की सहभागीता देखी गई। सुबह से देर शाम तक हजारों की संख्या में लोग सूर्यकुण्ड पहुंचे।

सहस्त्रधारा में भी रही लोगों की भीड़ 

इधर नववर्ष की धूम सुदूर ग्रामीण व पहाड़ी क्षेत्रों में भी देखने को मिली और कही नर्मदा के रमणीय स्थलों जैसे सहस्त्रधारा में भी लोगों का हुजूम देखने को मिला। जहां लोग पूजन के साथ-साथ पिकनिक का भी आनंद लिया। प्रकृति की घनी वादियों के बीच परिवार व साथियों के साथ स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद लिया। शायद ही कोई ऐसा रमणीक स्थल होगा जहां पहली जनवरी को पिकनिक मनाने टोली न पहुंचा हो। कई टोलियां पिकनिक के दौरान गीतों की धुन पर जमकर थिरकते देखे गये।

मंदिर में माथा टेक कर किया नववर्ष का स्वागत 

नए साल के आगाज पर बड़ी संख्या में युवा धार्मिक स्थलों में पहुंचे। सुबह से ही मंदिरों में श्रृद्धालुओं की भीड़ उमड़ी रही। गुरुद्वारों में भी लोगों ने अरदास कर दुआ मांगी। प्रसिद्ध मंदिरों, नर्मदा नदी में सुबह पांच बजे से ही भीड़ लगनी शुरू हो गई थी। मंदिर समितियों की तरफ से भी इंतजाम किए गए थे। सुबह आठ बजे के आसपास काफी भीड़ एकत्र हो गई थी। माथा टेकने वालों में अधिकतर युवा थे। सूर्यकुण्ड धाम, शीतला मंदिर, गुरुद्वारा, आईटीआई दुर्गा मंदिर, सिद्धबाबा टेकरी, नर्मदा घाटों में खासी भीड़ रही। माथा टेककर आने वाले कई लोगों ने अमन चैन की प्रार्थना की।

धर्ममय हुआ सूर्यकुंड धाम 

नववर्ष के अवसर पर सूर्यकुंड धाम में रामधुन के साथ अनेक धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। यहां सुबह विधि विधान से हनुमान लला को चोला चढ़ाया गया, इसके साथ ही हनुमान लला की विधि विधान से पूजन-अर्चन करते हुए महाआरती की गई। साथ ही श्रृद्धालुओं के द्वारा 56 भोग भी लगाए गए। दिन भर हजारों श्रृद्धालुओं का आना जाना लगा रहा जिन्होंने यहां पर पूजन पाठ के साथ रामधुन में अपनी सहभागिता दर्ज कराई। यहां पर भण्डारे का भी आयोजन दिन भर चलता रहा।

इनका कहना है

आने वाले वर्ष में हम जिले में उच्च शिक्षा एवं मेडिकल कॉलेज की जल्द क्रियान्वयन की अपेक्षा करते हैं कि जिसका लाभ अनेक छात्र छात्राओं को मिलेगा। मेडिकल कॉलेज जिलेवासियों के लिए इस वर्ष एक बङी उपलब्धि होगी। इसके साथ ही मंडला फोर्ट से महानगर जोडऩे वाली ट्रेन शुरू की जाए।


मोनिका सिंह

हम अपने परिवार और अपने दोस्तों के साथ नये साल 2025 का स्वागत किये। इसके साथ खाने-पीने, संगीत, डांस और मस्ती का इंतजाम किये। शहर के नजदीक धार्मिक स्थल सूर्यकुण्ड धाम में जाकर हनुमान जी के दर्शन के साथ नव वर्ष को सेलीब्रेट किये और नये साल में खूब मस्ती की।


माधुरी कछवाहा

बीता वर्ष 2024 को अब भूल गए है, नए दिन के साथ नववर्ष की शुरूआत किये है, अब 2025 से बहुत सी उम्मीदें है, इस वर्ष आमजनों के लिये कई सौगातें लेकर आने वाला है। इस वर्ष जिले में हाईवे मार्ग पूर्ण हो जाएगा, मंडला से जबलपुर आवागमन में परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।


इंद्रा उइके

रामनगर एक प्रसिद्ध स्थल है। हम यहां कई बार आए है। हर बार महल को देखने की उत्सुकता रहती है। यहां आकर हमे बहुत अच्छा लगा। इस महल में ऊपर नीचे उतरने की बहुत सीढिय़ां है। यहां घूमकर बहुत आनंद आया। यहां से माँ नर्मदा का सुंदर दृश्य भी दिखाई देता है।


संध्या कछवाहा



 

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