गोबर गोमूत्र से ही होता है जहर मुक्त कृषि:गौ पुत्र दिलीप चंद्रौल
- कैंसर बनकर शरीर और जमीन में समा गई रासायनिक खेती
- गोवंश आधारित कृषि का मूलभूत आधार
मंडला महावीर न्यूज 29. रासायनिक खेती करने की वजह से यह जहर जमीन से लेकर लोगों के शरीर में कैंसर बनके समा गया है, मां के दूध में भी रासायनिक रूपी जहर आ चुका है। अब मां अपने बच्चों को दूध नहीं जहर पिला रही है। हमें इस जहर से मुक्ति लाना है यह किसानों के लिए हम अन्नदाता है गौ हमारी माता है हम गौ आधारित कृषि कर हम हमारे समाज परिवार को जहर मुक्त करा सकते हैं। यह बात माहिष्मती गौ सेवा रक्तदान संगठन के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप चंद्रौल ने कही है।
उन्होने कहा है कि यह धरती हमारी मां है इसमें 16 प्रकार के तत्व होते हैं जो हमारी फसल को पोषण देते हैं गोबर गोमूत्र से फसल रक्षक वर्मी कंपोस्ट से फायदा होगा। किसानों से अपील की है कि गौ आधारित खेती ही करें। बताया गया कि 10 लीटर गोमूत्र में 2 किलो नीम की पत्ती 150 लीटर पानी में डालकर स्प्रे करने से अच्छे परिणाम मिलते हैं। गौ कृपा अमृत के लिए 2 लीटर देसी गौ माता के दूध की छाछ, 2 किलो गुड, 1 लीटर गौ कृपा अमृत, 200 लीटर पानी में डालकर एक सप्ताह में तैयार किया जा सकता है। जिसके फसल में उपयोग कर अच्छे परिणाम ले सकते हैं। गोवंश आधारित कृषि का मूलभूत आधार है।