नवरात्र का पांचवा दिन
- आज होगी मां के छठवें रूप कात्यायनी माता की पूजा
- हर तरफ माता के जयकारे, समूचा जिला धर्ममय
मंडला महावीर न्यूज 29. नवरात्रि पर्व की शहर के आलावा ग्रामीण क्षेत्रों में भी धूम है। हर तरफ माता के जयकारे व इनका पूजन चल रहा है। जिसके चलते समूचा जिला धर्ममय दिखाई पड़ रहा है। शहर में विद्युत छंटा हर पंडालों में अपनी रोशनी बिखेर रही है। पंडालों की तैयारी पूर्ण होने के बाद भक्तगण माता के दर्शन करने के लिए पहुंचने लगे। जैसे जैसे दिन बीतते जा रहे है वैसे रात के वक्त भक्त देवी दर्शन को निकल रहे है। मंडला जिला के सभी पंडालों में प्रतिमायें स्थापित हो चुकी है। झांकियां तैयार हो चुकी है। जिसके चलते शहरी क्षेत्र के लोगों ने निकलना प्रारंभ कर दिया है। आज से ग्रामीण अंचलों से भक्तों के आने की संभावनायें बताई गई है। जिसके चलते भारी भीड़ रात्रिकालीन में उमड़ेगी। इस भीड़ के मद्देनजर प्रशासन भी चुस्त दिखाई दे रहा है। पुलिस विभाग अपनी जिम्मेदारी निभा रहे है।
आज होगी मां कात्यायनी की पूजा
नवरात्रि के छठे दिन मॉं कात्यायनी की पूजा की जाती है। इनकी उपासना और आराधना से भक्तों को बड़ी आसानी से अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष चारों फलों की प्राप्ति होती है। उसके रोग, शोक, संताप और भय नष्ट हो जाते है। जन्मों के समस्त पाप भी नष्ट हो जाते है।
इस देवी को नवरात्रि के छठे दिन पूजा जाता है। कात्य गोत्र में विश्व प्रसिद्ध महर्षि कात्यायन ने भगवती पराम्बा की उपासना की, कठिन तपस्या की। उनकी इच्छा थी कि उन्हें पुत्री प्राप्त हो। मॉं भगवती ने उनके घर पुत्री के रूप में जन्म लिया। इसलिए यह देवी कात्यायनी कहलाई। इनका गुण शोधकार्य है। इसलिए इस वैज्ञानिक युग में कात्यायनी का महत्व सर्वाधिक हो जाता है। इनकी कृपा से ही सारे कार्य पूरे जो जाते है। ये वैद्यनाथ नामक स्थान पर प्रकट होकर पूजी गई। मॉं कात्यायनी अमोघ फलदायिनी है। इनकी उपासना और आराधना से भक्तों को बड़ी आसानी से अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है और उसके सारे भय, रोग, शोक, संताप दूर हो जाते है। इसलिए कहा जाता है कि इस देवी की उपासना करने से परमपद की प्राप्ति होती है।