- बलाई पुल में जानलेवा गड्डे, निकल आई लोहे की सरिया
- भारी व छोटे वाहनों को पहुंच रही क्षति
- स्कूली छात्र और राहगीर हो रहे चोटिल
मंडला महावीर न्यूज 29. एनएच 30 मंडला जबलपुर हाईवे मार्ग में स्थित बलाई नदी के पुल पर फिर से जानलेवा गड्ढे नजऱ आ रहे है। नेशनल हाईवे को बने अभी कुछ ही अरसे बीते हैं , लेकिन सड़क पर गड्ढे की समस्याएं बनी हुई है ,एमपीआरडीसी के द्वारा कुछ समय के लिए उन गड्ढे को मरम्मत कर भर दिया जाता है लेकिन गुणवत्ताविहीन कार्य के कारण कुछ दिनों बाद हालत जस के तस हो जाते है। गड्डे पहले से भी ज्यादा खतरनाक हो गए है। जिसके कारण हाईवे पर चलने वाल राहगीरों, वाहनों को बेहद परेशानी का सामना करना पड़ता है।
नारायणगंज मंडला मार्ग में बालई पुल खतरे से भरा हुआ है। यहां मरम्मत के नाम लीपापोती की जाती है। हफ्ते दो हफ्ते में पुल में थिगड़ा लगाया जाता है, लेकिन ये थिगड़े दो चार दिनों से ज्यादा नहीं टिक पाते है। पुल में बिछी लोहे की सरिया पुल के ऊपर दिखाई दे रही है। बताया गया कि स्कूल के बच्चे कभी कभी भारी वाहनों की क्रासिंग के कारण उस गड्ढे के ऊपर निकले लोहा की सरिया से गुजरना पड़ता है। जिसके कारण हमेशा हादेशा का अंदेशा बना रहता है। बच्चे गिर कर चोटिल भी हो जाते है। दो पहिया वाहन चालक भी इस पुल से गुजरने पर अनियंत्रित हो रहे है। पुल में हुए गड्डों के कारण वाहनों को क्षति पहुंच रही है।
पुल की रेलिंग भी है क्षतिग्रस्त
बालई पुल के ऊपर बनी रेलिंग भी क्षतिग्रस्त हो गई है। पुल के गड्डों के कारण यदि कोई वाहन अनियंत्रित हो जाए तो पुल में बनी क्षतिग्रस्त रैलिंग से वाहन पुल के नीचे गिरने की संभावना बनी हुई है। इस तरफ जिम्मेदारों का ध्यान नहीं है।
नेशनल हाईवे में हादसे का अंदेशा
एनएच 30 में करोड़ की सड़क पर आज इतने गड्ढे नजर आते हैं कि लोग कभी-कभी उन गड्ढे से बचाने के चक्कर में हादसे का शिकार हो जाते है। लोग इन गड्डों में चिकनी सपाट सड़क को ढूंढते अपने गतंव्य तक पहुंचते है। वहीं इस बद से बत्तर हाईवे मार्ग के कारण कई घरों के चिराग भी बुझ गए है। एमपीआरडीसी इस विषय को लेकर जागरूक नजर नहीं आ रही है। इसके साथ ही कुड़ामैली ओवर ब्रिज के ऊपर अभी रेलिंग का कार्य पूर्ण नहीं हुआ है और पुल पर वाहन तेज गति से आवागमन कर रहे है। वहीं पुल के ऊपर जीडीसीएल कंपनी के सड़क निर्माण में लगे वाहन खड़े-खड़े कबाड़ हो रहे हैं। दोनों साइड से गाडिय़ों के आवागमन से हादसे का अंदेशा बना रहता है।
पुल में नहीं किया जा रहा गुणवत्तायुक्त कार्य
नेशनल हाईवे 30 में स्थित पुलों की मरम्मत का कार्य कई बार किया जा चुका है, लेकिन हालत जस के तस हो जाते है। पुल की मरम्मत कार्य में भी गुणवत्ता का ख्याल नहीं रखा जाता है। विगत दिवस पुल में डामल डालकर डामलीकरण कर दिया गया, लेकिन यह ज्यादा दिन नहीं टिक सका। इन पुलों के जख्म गुणवत्ताविहीन कार्य के कारण फिर उभर आए। अब इन जख्मों को छुपाने के लिए निर्माण एजेंसी द्वारा एक बार फिर थिगड़े लगाने का कार्य प्रारंभ की है। इसके साथ ही एनएच 30 मार्ग के गड्डों में भी डामलीकरण का कार्य किया जा रहा है। अब सवाल यह उठता है कि यह डामलीकरण कितने दिनों तक इस हाइवे मार्ग में टिका रहेगा। गुणवत्तायुक्त कार्य ना होने के कारण यहां से गुजरने वाले राहगीरों, वाहन चालकों को परेशानी उठानी पड़ती है। मरम्मत कार्य में भी हद दर्जे की लापरवाही बरती जा रही है। विगत दिनों कुछ क्षेत्रों में बारिश के दौरान पुलो के गड्डों की मरम्मत की गई थी, जो अब जस के तस हो गए है। बारिश रूकते ही ये थिगड़े फिर उभर गए है। हालत पहले से भी बदत्तर हो गए है। अब दोबारा इसको भरने का कार्य प्रारंभ किया जा रहा है।
जगह-जगह हुए गड्डे
जिलेवासी पिछले 09 से नेशनल हाईवे निर्माण पूर्ण होने का इंतजार कर रहे है। टूकड़ों में मंडला-जबलपुर एनएच 30 मार्ग का निर्माण किया गया है। जिसके कारण राहगीरों और वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। टुकड़ों में बनी सड़क में इतने गड्ड और क्रेक हो गए है कि मार्ग में चलने वाले यात्री वाहन हिचकोले लेते हुए 100 किलोमीटर का सफर पूरा करते है। जिसके कारण यात्रियों के साथ वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। निर्माण ऐंजसी की लापरवाही के कारण पूरे हाईवे मार्ग में दरारे और गड्डें हो गए है। गुणवत्ताविहीन निर्माण कार्य किया गया है। इस कार्य को छुपाने के लिए एजेंसी द्वारा अब गड्डों को गुणवत्ताविहीन भरा जा रहा है। जिसके कारण भारी वाहन भी दुर्घटनाग्रस्त हो रहे है।