- ओवर लोडिंग, अवैध खनन, जुआ, सट्टा बेखौफ जारी
- अवैध गतिविधियों का गढ़ बना नारायणगंज
- स्थानीय प्रशासन बना मूकबधिर, बड़ी अनहोनी का कर रहे इंतजार
मंडला महावीर न्यूज 29. समय-समय पर प्रशासन अवैध गतिविधियों पर शिकंजा कश्ते नजर आता है। वही विकासखंड नारायणगंज क्षेत्र में प्रशासन की नाक के नीचे अवैध कारोबारियों के हौसले इतने बुलंद है कि वह किसी भी अवैध कामों को करने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं, लेकिन यहां का स्थानीय प्रशासन यहां संचालित अवैध गतिविधियों पर नकेल नहीं कस पा रहा है। इस ओर यहां के जिम्मेदार ध्यान नहीं दे रहे है।
जानकारी अनुसार नारायणगंज क्षेत्र में खुलेआम जुआ सट्टा संचालित हो रहा है और भू माफिया दिन ब दिन खनिज संपदा की चोरी करते हुए अपने कार्यों को अंजाम दे रहे हैं, लेकिन यहां का स्थानीय प्रशासन बेखबर दिखाई दे रहा है। यू कह कि प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठकर सब कुछ आंख बंद कर देख रहा है। जिसके कारण नारायणगंज क्षेत्र में अवैध गतिविधियों को अंजाम देने वालो के हौसले बुलंद से नजर आ रहे हैं।
नारायणगंज में सट्टा बाजार गरम
नारायणगंज विकासखंड मुख्यालय में दिनो दिन जुआ व सट्टा का बाजार गरम हो रहा है। जुआ, सट्टे के खेल का असर चौराहों से गलियों और गलियों से मुख्यालय और उन ग्रामीण क्षेत्र में इसका असर देखने को मिल रहा है। जहां छोटे बच्चों से लेकर बड़े, बूढ़े तक अपने नंबरों को लगाकर अपनी किस्मत को आजमाते नजर आ रहे हैं। क्षेत्र में सट्टा कारोबारियों की जड़ इस कदर फैली हुई है कि हर गांव मोहल्ले में उनके एक-एक सट्टा लिखने वाले होटल, टपरी और दुकान पर बैठकर क्लोज ओपन लिखाते नजर आ रहे हैं।
भू माफिया कर रहे अवैध उत्खन्न
नारायणगंज क्षेत्र में भू-माफियाओं के भी हौंसले बुलंद है। क्षेत्र में कुछ दिनों से भू माफिया बहुत ही तेजी से सक्रिय होते नजर आ रहे हैं। नारायणगंज क्षेत्र के आजू बाजू के स्थानों से र्मुरम खोद कर कर ट्रैक्टर ट्राली व डंफरो से परिवहन किया जा रहा है। जिसका उपयोग क्षेत्र में बन रहे मकान की फीलिंग के लिए हो रहा है। यह अवैध उत्खन्न दिन के उजाले से लेकर रात के अंधेरे में फल फूल रहे हैं लेकिन स्थानीय प्रशासन आंखे बंद कर बैठा हुआ है। इस अवैध उत्खन्नकारियों पर शिकंजा सकने में नाकाम नजर आ रहा है।
यात्री वाहनों की मनमानी जारी
छोटे छोटे कस्बों से मुख्यालय नारायणगंज के लिए आने वाले यात्री वाहनों में क्षमता से अधिक यात्रियों को बैठकर आवागमन किया जा रहा है। क्षमता से अधिक यात्रियों को बैठाकर नारायणगंज मुख्यालय से आते-जाते ये यात्री वाहन नजर आते है, लेकिन नारायणगंज पुलिस प्रशासन को ये वाहन नजर ही नहीं आते है। सभी की नजरों के सामने ये यात्रियों को वाहन के बाहर तक लटकाकर सफर करते है। जिससे हादसे का अंदेशा हमेशा बना रहता है। आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के लोगों की जान जोखिम पर डालकर वाहन संचालक अपनी जेब भर रहे है, लेकिन जिम्मेदार इस ओर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रहा है। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि क्षेत्रीय प्रशासन कोई बड़ी अनहोनी और दुर्घटना के इंतजार में है, जिसके बाद इसके लिए कदम उठाएंगे।