नए लाइसेंसी को नहीं मिली अनुमति, मंडला में आज से शुरू होगा ग्रीन पटाखों का विक्रय, उल्लंघन पर एफआईआर की चेतावनी
- दीवाली पर्व में मंडला का पटाखा बाजार सजाने की तैयारी
- सुरक्षा गाइडलाइन का पालन अनिवार्य
- 42 विक्रेताओं को जारी हुए लाइसेंस
मंडला महावीर न्यूज 29. दीपावली के त्योहार पर ग्रीन आतिशबाजी की बिक्री के लिए अस्थाई लाइसेंस लेना होगा। दीपों का पर्व दीवाली अगले चार दिन बाद 20 अक्टूबर को है। इस पर्व को लेकर बाजार में आमजनो के द्वारा तैयारी शुरू कर दी गई है। दीवाली पर्व पर आतिशबाजी के लिए पटाखा जलाने को लेकर लोगों में काफी उत्साह रहता है। इस बार प्रशासन सख्त नजर आ रहा है। वहीं पर्व के नजदीक आते ही मंडला शहर में आतिशबाजी के लिए पटाखा बाजार सजने लगा है। खाद्य सामग्री की दुकानों के साथ ही अब पटाखा बाजार में भी रौनक दिखाई देने लगेगी।
जानकारी अनुसार नगर पालिका मंडला द्वारा पटाखा विके्रताओं को दुकानों का आवंटन कर दिया गया है। करीब 42 लाइसेंसी पटाखा विक्रेताओं को इस बार अपनी दुकानें लगाने की अनुमति मिली है। एसडीएम कार्यालय द्वारा इन सभी को 50 किलोग्राम की सीमा तक विक्रय करने का लाइसेंस जारी किया गया है। दुकानदारों ने तय शुल्क जमा कर अपनी दुकानें तैयार करनी शुरू कर दी हैं।
नए लाइसेंस नहीं हुए जारी
बताया गया कि इस वर्ष सुरक्षा कारणों से प्रशासन ने नए पटाखा लाइसेंस जारी नहीं किए हैं। शहर में मंडला और महाराजपुर में दो मुख्य पटाखा बाजार लगेंगे। बाजार में इस बार सबसे ज्यादा मांग सुतली बम और रॉकेट की है, जिनकी 30 से अधिक किस्में उपलब्ध हैं। इसके साथ ही पारंपरिक पटाखे जैसे चकरी, मल्टी शॉट केक्स, अनार, फुलझड़ी और छोटे बम भी बिक्री के लिए तैयार हैं। बाजार में बिक रहे सभी पटाखे ग्रीन पटाखे हैं, जो कम प्रदूषण करते हैं। इनकी आवाज की सीमा भी निर्धारित 125 डेसीबल के भीतर है, जिससे ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके।
सुरक्षा गाइडलाइन का कड़ाई से पालन जरूरी
पटाखा बाजार में सुरक्षा की दृष्टि को लेकर कड़े नियम बनाए गए हैं, जिनका उल्लंघन करने पर व्यापारी का लाइसेंस रद्द किया जा सकता है। जान-माल की हानि की स्थिति में एफआईआर दर्ज करने तक की कार्रवाई हो सकती है। इसके साथ ही व्यापारियों को टीन शेड की अस्थाई दुकानें बनाने, प्रत्येक दुकान में अग्निशमन यंत्र और रेत की बाल्टियां अनिवार्य रूप से रखने का निर्देश दिया गया है। दो अस्थाई दुकानों के बीच कम से कम तीन मीटर की दूरी रखना अनिवार्य है और आतिशबाजी की दुकानें आमने-सामने नहीं होनी चाहिए, जिससे किसी भी दुर्घटना पर तुरंत नियंत्रण पाया जा सके।
ग्रीन पटाखों से प्रदूषण होता है कम
बताया गया है कि सामान्य पटाखों के जलने से भारी मात्रा में नाइट्रोजन और सल्फर डाइऑक्साइड गैस निकलती है, जो मानव शरीर के लिए नुकसानदायक होती है। बुजुर्गो और गर्भवती महिलाओं के लिए सामान्य पटाखे हानिकारक होते है। वहीं ग्रीन पटाखों से प्रदूषण अन्य सामान्य पटाखों की तुलना में कम होता है। ग्रीन पटाखों से अन्य पटाखें ग्रीन श्रेणी में आने वाले पटाखों के लिए उत्पादक को एक सर्टिफि केट नीरी द्वारा दिया जाता है।
अनाधिकृत गोदामों और बिक्री पर निगरानी की मांग
बताया गया कि बाजार के अलावा मंडला नगर और ग्रामीण इलाकों में बड़ी मात्रा में पटाखों का अनाधिकृत रूप से विक्रय किया जाता है। कई दुकानों में बिना जांच के पटाखे बेचे जाते हैं। शहर में पटाखा के गोदाम भी हैं, जिनमें पुराना और नया स्टॉक मौजूद है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से इन गोदामों और अनाधिकृत विक्रय की तुरंत जांच करने की मांग की है जिससे सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता बनी रहे।












