बरगी पम्प स्टोरेज परियोजना के विरोध में लामबंद हुए ग्रामीण

बरगी पम्प स्टोरेज परियोजना के विरोध में लामबंद हुए ग्रामीण

  • हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट के विरोध में सांसद, विधायक को पत्र भेजने का लिया निर्णय

मंडला महावीर न्यूज 29. बरगी पंप स्टोरेज हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट को लेकर मंडला जिले के ग्रामीणों ने कड़ा विरोध जताया है। नारायणगंज विकासखंड की पिंडरई ग्राम पंचायत में बैठक आयोजित की गई, जिसमें ग्रामीणों ने इस प्रस्तावित परियोजना के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। बैठक में ग्रामीणों ने बरगी बांध के कारण हुए पिछले विस्थापन के दर्द को साझा किया और चिंता व्यक्त की कि सरकार विस्थापितों की नाजुक आर्थिक स्थिति को लेकर गंभीर नहीं है। उनका आरोप है कि विस्थापित परिवार आज भी रोजगार के लिए पलायन को मजबूर हैं।

बताया गया कि विरोध को औपचारिक रूप देने के लिए ग्रामीणों ने क्षेत्रीय सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते और विधायक चैन सिंह को विरोध स्वरूप पत्र भेजने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही परियोजना के लिए चिन्हित क्षेत्र के किसानों से संपर्क स्थापित कर व्यापक बैठकें आयोजित करने की योजना बनाई गई है। ग्रामीणों ने इस संघर्ष में लिफ्ट सिंचाई संघर्ष समिति को भी जोडऩे का निर्णय लिया है। यह समिति पिछले पांच वर्षों से बीजाडांडी और नारायणगंज के किसानों के लिए बरगी बांध से सिंचाई के लिए पानी की मांग कर रही है, जो आज तक पूरी नहीं हुई है। इन दोनों समितियों के जुडऩे से एक बड़ी क्षेत्रीय बैठक आयोजित कर आगे की रणनीति पर विस्तृत चर्चा की जाएगी।

बताया गया कि यह प्रोजेक्ट मुख्य रूप से नारायणगंज के पिंडरई माल (सहजपुरी) और बीजाडांडी के सलैया माल, जमठार, खापा, निवारी और पोंडी गांवों में स्थल चयनित किया गया है। ग्रामीणों को अब पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति की विगत दिवस हुई बैठक में लिए गए निर्णय का इंतजार है। बैठक में लखन सिंह, आसाराम बरकड़े, सिंधु सिंह बरकडे, पुरुषोत्तम मलगाम, पुनाराम बरकड़े, बीरन सिंह, चमन बरकड़े, मनिराम मलगाम, छीतल, छतरु, श्रीराम मरावी, मगलो बाई, मोहनसिह, नीरज कुंजाम, सोमनाथ मरावी, झामसिह तेकाम, बजारी लाल, और रिख्खी लाल आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

बताया गया कि यह प्रस्तावित परियोजना 1000 मेगावाट क्षमता की है और इसे सिरेन्टिका रिन्यूएबल्स इंडिया 21 प्राईवेट लिमिटेड द्वारा प्रस्तावित किया गया है। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की वेबसाइट से मिली जानकारी के अनुसार, कंपनी ने नदी घाटी परियोजना के लिए गठित विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति के समक्ष संदर्भ बिन्दु प्राप्त करने के लिए प्रस्ताव दिया है। टर्म ऑफ रेफ्रेंस मिलने के बाद पर्यावरण, लागत, जमीन अधिग्रहण, और जलाधार की स्थिति की विस्तृत जांच होती है।



 

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