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शिक्षिका ने छात्रा को घुटने टेक की दी सजा, बेहोश हुई छात्रा
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करीब 20 मिनिट बेहोश रही छात्रा, शिक्षका ने किसी को नहीं करनी दी मदद
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होमवर्क याद करके ना आने पर दी थी घुटने टेक की सजा
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विद्यार्थी परिषद के प्रदर्शन पर शिक्षिका दीप्ति जैन का तत्काल हुआ स्थानांतरण
मंडला महावीर न्यूज 29. शिक्षा के मंदिर में छात्रों के साथ मानवता को शर्मसार करने वाला अमानवीय व्यवहार का मामला सामने आया है। जिसमें एक शिक्षिका ने छात्रा को होमवर्क याद करके ना आने पर घुटने टेक की सजा दे दी, जिसके बाद छात्रा बेहोश हो गई, मदद के लि आगे आए छात्रों को उसकी मदद करने से भी मना कर दिया। जिसके कारण छात्रा करीब 20 मिनिट तक बेहोश वही पड़ी रही। इस पूरे मामले में की जांच पड़ताल के बाद मंडला कलेक्टर ने शिक्षिका को तत्काल दूसरे विकासखंड में स्थानांतरण कर दिया गया है।
विगत 11 सितंबर को नवीन विद्यालय निवारी में अध्यनरत कक्षा 12वीं कला संकाय की छात्रा रुक्मणी मरावी को कालखंड के बीच होमवर्क याद करके न आने पर घुटने टेक की सजा अंग्रेजी विषय की शिक्षक दीप्ती जैन द्वारा दी गई। इसके बाद छात्रा रुक्मणी बेहोश हो गई। जब उसकी मदद के लिए अन्य विद्यार्थी गए तो शिक्षिका ने बाकी विद्यार्थियो को बेहोश हुई रुक्मणी की मदद करने से मना करते हुए कहां कि मरती है तो मर जाने दो नाली में बहा देंगे। जबकि उक्त छात्रा रुक्मणी लगभग 15 से 20 मिनट बेहोश वहीं पड़ी रही।
बताया गया कि कालखंड समाप्त होने के बाद प्रभारी प्राचार्य दिलीप शरणागत ने एम्बुलेंस बुला कर छात्रा को नैनपुर अस्पताल में भर्ती कराया और छात्रा के अभिभावक को इसकी जानकारी दी। इस घटना की अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद नैनपुर को खबर लगने के बाद छात्र संगठन ने विद्यालय जाकर विरोध किया। नगर सह मंत्री करीना तेकाम ने बताया कि शिक्षिका दीप्ति जैन द्वारा छात्रा के साथ किया गया यह व्यवहार मानवता को शर्मसार करने वाला अमानवीय व्यवहार है। बेहोशी की हालत में छोड़कर दूसरों को भी मदद न करने देना, मरने जैसी स्थिति में छोड़ देना, यह सरासर गलत व निंदनीय है। इस घटना से यदि युक्त छात्रा के साथ कोई अप्रिय घटना घट जाती तो इसका जिम्मेदार कौन होता। छात्र, छात्राओं के साथ ऐसा दुर्व्यवहार करने वाले तो शिक्षा जगत के लिए कलंकित साबित होते है।
विरोध के बाद हुआ शिक्षिका का स्थानांतरण
छात्र संगठन ने शिक्षिका के खिलाफ विद्यालय में विरोध प्रदर्शन करते हुए नैनपुर एसडीएम को ज्ञापन सौंपते हुए मांग की गई कि तत्काल सूक्ष्मता एवं निष्पक्ष जांच कर शिक्षिक को निलंबित व स्थानांतरण करने की कार्रवाई की जाए। यदि तत्काल निलंबित व स्थानांतरण की कार्रवाई नहीं की जाती है तो नवीन विद्यालय निवारी नैनपुर के प्रवेश द्वार के सामने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद आंदोलन धरना प्रदर्शन करने बाध्य होगा। आखिरकार विद्यार्थी परिषद को विद्यालय में आंदोलन करना पड़ा। जिसका परिणाम यह निकला कि मंडला कलेक्टर द्वारा शिक्षिक दीप्ती जैन का स्थानांतरण कर बिछिया विकासखंड के ग्राम मोचा कर दिया गया।