- बड़े शिव मंदिर श्री बजरंग व्यायाम शाला में जिले का सबसे बड़ा फुलहेरा
- हरतालिका व्रत के लिए मंडला में होता है भक्तिमय आयोजन
- पूरी रात्रि चलता है भजन कीर्तन का आयोजन
मंडला महावीर न्यूज 29. हरतालिका व्रत भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को हस्त नक्षत्र के दिन मनाई जाती है। इस दिन कुमारी और सौभाग्यवती स्त्रियाँ गौरी-शंकर की पूजा करती हैं। यह व्रत मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल और बिहार में मनाया जाने वाला त्योहार करवाचौथ से भी कठिन माना जाता है, क्योंकि जहां करवाचौथ में चन्द्र देखने के बाद व्रत सम्पन्न होता है। वहीं इस व्रत में पूरे दिन निर्जल व्रत किया जाता है और अगले दिन पूजन के बाद ही व्रत परायण किया जाता है। इस व्रत से जुड़ी मान्यता है कि इस व्रत को करने वाली स्त्रियां पार्वती जी के समान ही सुख पूर्वक पतिरमण करके शिवलोक को जाती हैं।
बताया गया कि सौभाग्यवती स्त्रियां अपने सुहाग को अखण्ड बनाए रखने और अविवाहित युवतियां मन अनुसार वर पाने के लिए हरितालिका तीज का व्रत करती हैं। सर्वप्रथम इस व्रत को माता पार्वती ने भगवान शिव शंकर के लिए रखा था। इस दिन विशेष रूप से गौरी शंकर का ही पूजन किया जाता है। इस दिन व्रत करने वाली स्त्रियां सूर्योदय से पूर्व ही उठ जाती हैं और स्नान करके पूरा श्रृंगार करती हैं। पूजन के लिए केले के पत्तों से मंडप बनाकर गौरी शंकर की प्रतिमा स्थापित की जाती है। इसके साथ पार्वती जी को सुहमें भजन, कीर्तन करते हुए जागरण कर तीन बार आरती की जाती है और शिव पार्वती विवाह की कथा सुनी जाती है।
हरितालिका तीज व्रत को मंडला जिले में भी बड़े ही भक्ति भाव से मनाया जाता है। मंडला जिला मुख्यालय में स्थित बड़े शिव मंदिर श्री बजरंग व्यायाम शाला बस स्टैंड मंडला द्वारा विगत तीन वर्षों से तीज महोत्सव मनाया जा रहा है। बताया गया कि यहां सबसे बड़ा फुलहेरा बांधा जाता है। जहां समिति के सभी सदस्यों द्वारा बड़े ही भक्ति भाव से यह कार्यक्रम करते है। यहां पूरी रात ओम युवा मंडल मंडला द्वारा भजन कीर्तन किया जाता है। पूजा स्थल पर शिव जी के भक्तो को दूध चाय कॉफी का वितरण किया जाता है। इस शिव मंदिर की स्थापना करीब 100 वर्ष पहले की गई थी। इस मंदिर में बस स्टेंड क्षेत्र समेत आसपास के क्षेत्र की महिलाए एकत्र होकर पूरे श्रृद्धा भाव से हरतालिका व्रत पूजन की।