- कौशल में सुधार कर बढ़ा सकते है अपनी आय
- रासायनिक खाद्य से खेत की मिट्टी होने लगी कड़ी
- कृषि विज्ञान केन्द्र मंडला में प्रशिक्षण सह एक्सपोजर विजिट का आयोजन
मंडला महावीर न्यूज 29. राष्ट्रीय कौशल विकास योजना की पहल अंतर्गत जनजातीय कौशल विकास परियोजना योजना के तहत ग्रामीण विकास एवं महिला उत्थान संस्थान द्वारा जिला मंडला के सेक्टर बिछिया एवं सेक्टर इन्द्री मंडला के कृषक प्रशिक्षार्थियों को एनएसडीसी के सहयोग से कृषि विज्ञान केन्द्र मंडला में प्रशिक्षण सह एक्सपोजर विजिट का आयोजन किया गया। जिसमें वैज्ञानिक तरीके से धान की खेती, परम्पागत जैविक खेती का प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम केबिनेट मंत्री सम्पतिया उईके के निर्देशन में कृषि विज्ञान मंडला के वरिष्ट वैज्ञानिक डॉ सिहारे, मृदा विशेषज्ञय डॉ आरपी अहिरवार वैज्ञानिक, पशुधन उत्पादन एवं संवर्धन डॉ. प्रणय भारती, वैज्ञानिक, कौशल मित्र राकेश पूषाम, विकास सहयोगी राहुल यादव, संस्था से रामकुमार सिंगौर, प्रोजेक्ट क्वाडिनेटर रमेश यादव उपस्थित रहे।
संस्था के डायरेक्टर रामकुमार सिंगौर ने प्रशिक्षण में सभी प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम के उद्देश्य के साथ लक्ष्यों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि रासायनिक खाद् का अत्यधिक उपयोग करने से हमारी खेत की मिट्टी कड़ी हो गई है। आज से 15 वर्ष पूर्व हम लोग 5 एचपी को ट्रेक्टर से खेतों की जुताई करते थे, अब 50 एचपी से जुताई करने लगे है। व्यक्तियों के शरीर में बीमारियॉं दिनों दिन बढ़ती जा रही है। खेती में किसानों को अपने कौशल में सुधार करने के साथ अपने परिवार की आय में भी सुधार करने के लिए प्रशिक्षण की आवश्यकता है। जिससे परिवार स्वस्थ्य रहे एवं आय में अतिरिक्त आय की वृद्धि हो सके।
प्रशिक्षण के प्रथम सत्र में रमेश यादव ने प्रशिक्षक के रूप में धान की खेती के दायरे, महत्व और वितरण के बारे में बताया। उन्होंने अपने व्याख्यान द्वारा धान की खेती के लिए जलवायु एवं मिट्टी की आवश्यकता के बारे में भी बताया। दूसरे सत्र में प्रशिक्षक के रूप में केवीके के वैज्ञानिक डॉ. आरपी अहिरवार ने खेत की तैयारी, मिट्टी परीक्षण, पंक्ति से पंक्ति और पौधे से पौधे के बीच की दूरी, आवश्यक बीज बीज उपचार और धान की विभिन्न किस्मों पर अपना व्याख्यान दिया। उन्होंने बुआई के समय आवश्यक खाद एवं उर्वरक की मात्रा की जानकारी दी गई। प्रशिक्षण सह एक्सपोजर विजिट में श्री विधि से धान का रोपण की जानकारी दी गई। जैविक खाद में अमृत जल, बीजामृत, जीवामृत, घनजीवामृत, दशपर्णी विधि की उपयोगिता, द्वारा सभी प्रतिभागी ट्रेनर एवं केव्हीके का आभार व्यक्त किया।