- सीता, राम विवाह में भाव विभोर हुए श्रृद्धालु
- श्रीराम सीता की झांकी रही आकर्षण का केंद्र
- कथा के छठे दिन महाराज जी ने श्री राम कथा का किया सुंदर वर्णन
- जगत गुरु स्वामी आत्मानंद सरस्वती महाराज जी कर रहे कथा का वाचन
- श्रीराम कथा के छठे दिन श्री राम विवाह की कथा
- मंच के माध्यम से बेटी बचाओ का दिया संदेश
शहपुरा महावीर न्यूज 29. बिछिया के ग्राम छपरा के बजरंग टेकरी में चल रही नौ दिवसीय श्री राम कथा के छठे दिन की कथा में राम-सीता विवाह प्रसंग सुनकर श्रद्धालु भावविभोर हो गए। कथा वाचक कनिष्ठ जगत गुरु शंकराचार्य आत्मानंद सरस्वती जी महाराज ने श्रीराम-सीता के विवाह की कथा सुनाते हुए कहा कि राजा जनक के दरबार में भगवान शिव का धनुष रखा हुआ था। एक दिन सीता ने घर की सफाई करते हुए उसे उठाकर दूसरी जगह रख दिया। उसे देख राजा जनक को आश्चर्य हुआ, क्योंकि धनुष किसी से उठता नहीं था। राजा ने प्रतिज्ञा की कि जो इस धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाएगा, उसी से सीता का विवाह होगा।
उन्होंने स्वयंवर की तिथि निर्धारित कर सभी राजा- महाराजा को विवाह के लिए निमंत्रण भेजा। वहां आए सभी लोगों ने एक-एक कर धनुष को उठाने की कोशिश की, लेकिन किसी को भी इसमें सफलता नहीं मिली। गुरु की आज्ञा से श्री राम धनुष उठा प्रत्यंचा चढ़ाने लगे तो वह टूट गया। इसके बाद धूमधाम से सीता व राम का विवाह हुआ। माता सीता ने जैसे प्रभु श्रीराम को वर माला पहनाई वैसे ही देवतागण उन पर फूलों की वर्षा करने लगे।
संगीत की धुन पर भजन सुनकर श्रद्धालुओं को झूमने को विवश कर दिया बताया गया की भगवान राम सीता का विवाह कथा पंडाल पर बड़े धूम धाम से मनाया गया बेंड बाजे आतिशबाजी के साथ राम सीता की झांकी निकाली है वही भगवान के भजनों पर श्रद्धालु झूमते नजर आए देर कथा की समाप्ति के बाद सभी भक्तों को प्रसाद वितरण किया गया।
बेटी बचाओ का दिया संदेश
कथा में कनिष्ठ जगतगुरु शंकराचार्य आत्मानंद महाराज जी ने बेटी बचाओ पर संदेश देते हुए कहां की बेटा घर का दीपक हैं तो बेटी घर की बाती हैं, दीपक नही जलता बाती जलती हैं, आने वाला कल हैं बेटी। उन्होंने कहा की इस देश में नारी समाज के साथ अन्याय हो रहा हैं पर आज नारी ही सहारा बन रही हैं। इसलिए आने वाला कल हैं बेटियां हमे बेटियों के साथ भेदभाव नही करना चाहिए बेटिया भाग्यवान होती हैं।
रिपोर्टर- रोहित प्रशांत चौकसे