भारत को लेकर क्‍या कहता है प्रसून जोशी का दिल, News18 के राइजिंग भारत में कही यह बड़ी बात

Rising Bharat Summit 2024: भारत को लेकर एक स्‍लोगन की बात की जाए तो आपके जहन में सबसे पहले कौन सी बात आती है? News18 के लोकप्रिय लीडरशिप कॉन्क्लेव ‘राइजिंग भारत’ 2024 कार्यक्रम में यह सवाल था मशहूर गीतकार प्रशून जोशी से. गीतकार प्रसून जोशी ने अपने जवाब में कहा है कि इस सवाल पर जहन में एक ही बात है, ‘गूंज रहा है भारत’.

बात सिर्फ भारतीयों तक नहीं हैं, बल्कि यहां आने वाले आने हर पर्यटक के दिल में एक ही बात है और वह है मुझमें गूंज रहा है भारत. विश्‍व पटल की बात बात करें तो भी ‘गूंज रहा है भारत’. यह गूंज जो पूरी दुनिया में फैली हुई है वह भारत के प्रताप की है, भारत की प्रतिष्‍ठा और सम्‍मान की है.

‘भारत’ और ‘इंडिया’ के सवाल पर प्रसून जोशी ने कहा कि यदि भारतीय जनता पार्टी को इंडिया जनता पार्टी कहें तो कैसा लगेगा आपको? उन्‍होंने कहा कि यह जरूरी नहीं है, आप क्‍या बोल रहे हैं. जरूरी यह है कि आप क्‍या महसूस कर रहे हैं. उन्‍होंने कहा कि यह बात सिर्फ शब्‍दों तक सीमित नहीं है. 

भारत संबोधन के साथ कैसी हैं भावनाएं?
गीतकार प्रसूून जोशी ने कहा कि जब आप कुछ बोलते हैं तो आपकी जीभ एक खास तरीके से घूमती है, विशेषज्ञ इसके बारे में बेहत बता सकेंगे कि यह एक मनोवैज्ञानिक बात है. इसके अलावा, आप जब बालते हैं तो आपके मन मस्तिष्क में एक दृश्‍य बनता है, अब आपका उद्बोधन भारत होता है, तो एक अलग तरीके के दृश्‍य आपके मन और मस्तिष्‍क में उभर कर सामने आते हैं.

भारत संबोधन के बाद जो दृश्‍य और भावनाएं मुझे महसूस होती हैं, वह मेरे लिए बेहद महत्‍वपूर्ण और निजी हैं. मैं किसी भी कीमत ने भारत नाम को खुद से अलग नहीं कर सकता हूं, क्‍योंकि वह मेरे विश्‍वास और भावनाओं से जुड़ा हुआ है. उन्‍होंने उदाहरण देते हुए कहा कि यदि हम मैसेजिंग के लिए इस्‍तेमाल होने वाले एसएमएस शब्‍द की बात करते हैं. 

शब्‍द होता है संस्‍कृति का कैप्‍सूल
अगर एसएमएस शब्‍द हिंदी भाषा की शब्‍दकोष का हिस्‍सा बनता है तो मुझे बहुत खुशी होगी. क्‍योंकि, आप अपनी बाहें फैला रहे हैं. अपना आकाश आप वृहद कर रहे हैं. लेकिन ‘एसएमएस’ शब्‍द ‘संदेश’ शब्‍द की हत्‍या करके आता है तो मुझे प्रॉब्‍लम है. जहां पर संदेशे आएंगे, वहां पर संदेशे ही आएंगे, उसे आप बदलकर एसएमएस नहीं कर सकते हैं. 

उन्‍होंने कहा कि शब्‍द संस्‍कृति का कैप्‍सूल है. जब एक शब्‍द मरता है, तो उसके साथ उसकी संस्‍कृति भी मरती है. शब्‍दों के जानकार यह बता देंगे कि एक शब्‍द के साथ एक संस्‍कृति की कितनी भावनाएं और जानकारियां जुड़ी होती हैं.  

Tags: Bollywood news, Entertainment news., Prasoon joshi, Rising Bharat Summit

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