नई दिल्लीः न्यूज18 के सबसे लोकप्रिय लीडरशिप कॉन्क्लेव का चौथा संस्करण राइजिंग भारत समिट 2024 आज भी जारी है. कार्यक्रम की शुरुआती चरण में मशहूर फिल्म लेखक प्रसून जोशी और जी-20 के शेरपा अमिताभ कांत ने हिस्सा लिया. इसके बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर राइजिंग भारत समिट कार्यक्रम में शरीक हुए. इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी, भारत में जी20 का आयोजन से लेकर भारत का दूसरे देशों के साथ रिश्ते को लेकर बातचीत की. इसके अलावा न्यूज18 के ओपिनियन पोल पर भी विदेशी मंत्री एस जयशंकर ने अपनी प्रतिक्रिया दी. आइए जानते हैं कार्यक्रम में विदेश मंत्री एस जयशंकर की कही हुई 10 बड़ी बातें…
राइजिंग भारत समिट 2024 कार्यक्रम के दूसरे दिन हिस्सा लेते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दक्षिण भारत में पीएम मोदी के लोकसभा चुनाव अभियान पर सवाल का जवाब देते हुए कहा, ‘बीजेपी जैसी पार्टी के लिए हर राज्य किसी न किसी समय एक नया मोर्चा था. जरा देखिए कि कोयंबटूर और पलक्कड़ में पीएम के रोड शो में कितने लोग शामिल हो रहे हैं. मेरा मानना है कि दक्षिण के राज्यों में राजनीतिक राय बदल रही है.’
वहीं जी20 की सफलता पर प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि 60 शहरों में काम पूरा हो गया है. जी-20 में जुड़ाव की बहुत अच्छी भावना थी. इसके अलावा उन्होंने कहा, ‘भारत में जी-20 का आयोजन बड़ी बात है. उन्होंने आगे कहा कि उससे भी बड़ी बात यह है कि हमने जी-20 को जनभागीदारी बनाया. यूनिवर्सिटी से लेकर आमलोगों तक ने इसमें भाग लिया है और ले रहे हैं.’
कोरोना काल में दुनिया के कई देशों को वैक्सीन मुहैया कराने पर प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि कोविड वैश्विक महामारी के समय भारत ने दुनिया के कई देशों को कोविड-19 का टीका मुहैया कराया.
राइजिंग भारत समिट कार्यक्रम में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने देश में नागरकिता संशोधन अधिनियम-2019 को लागू करने पर भी अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि दुनिया में कई जगह इस तरह से लोगों को नागरिकता दी गई है. अमेरिका से लेकर यूरोप तक में धार्मिक या फिर ऐतिहासिक आधार पर नागरिकता दी गई है. उन्होंने कहा कि हमने अमेरिका से लेकर यूरोप तक के देशों को इसके बारे में बताया.
राइजिंग भारत समिट कार्यक्रम में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका और चीन के साथ संबंधों पर भी अपनी राय रखी. उन्होंने कहा कि एक वक्त था जब देश में नेहरुवियन बबल था. जवाहरलाल नेहरू को अमेरिका पसंद नहीं था तो उसे खारिज किया गया था और चीन को बेहतर माना जाता था.
विदेश मंत्री एस जयशंकर के लोकसभा चुनाव लड़ने के अटकलों पर भी उन्होंने अपनी राय रखी. राइजिंग भारत समिट-2024 के मंच पर जब उनसे इस बाबत सवाल किया गया तो उन्होंने चुप्पी साध ली. हालांकि, इस दौरान उन्होंने वैसे विदेश मंत्रियों के बारे में बताया जो लोकसभा से नहीं थे, लेकिन देश की विदेश नीति में अमिट छाप छोड़ी.
कार्यक्रम में सवाल-जवाब के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान के साथ भारत के मौजूदा हालात पर भी चर्चा की. उन्होंने कहा, ‘आज पाकिस्तान के साथ हमारे रिश्ते बहुत ही औपचारिक स्तर पर हैं, बहुत ही न्यूनतम, ऐसा 2 कारणों से हुआ – हमने आतंकवाद को रिश्ते के केंद्र में रखा है और पाकिस्तान ने अनुच्छेद 370 पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है.
राइजिंग भारत समिट में केंद्रीय मंत्री एस जयशंकर ने सीएए पर बोलते हुए कहा, “मेरी हमारे यूरोपीय सहयोगियों के साथ बैठक हुई, मैंने उनमें से प्रत्येक से अपने-अपने देशों में नागरिकता के तरीकों को देखने के लिए कहा. क्या आप मुझे बता सकते हैं कि क्या कोई मानदंड नहीं है जिसके द्वारा आप एक निश्चित श्रेणी को तेजी से ट्रैक करेंगे, उनमें से प्रत्येक में कुछ न कुछ है, यह धर्म हो सकता है, यह ऐतिहासिक हो सकता है, यह भाषा, जातीयता हो सकता है. उन्होंने कहा, “यह उन लोगों के प्रति निष्पक्ष होने का सवाल है जो विभाजन के समय इतिहास के गलत पक्ष में फंस गए थे.”
राइजिंग भारत समिट कार्यक्रम में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, “जब मैं बाहर जाता हूं और विदेशी नीतियां समझाता हूं, तो पीएम मोदी विदेश में भी उतना ही काम करने की गारंटी देते हैं जितना भारत में.”
प्रसून जोशी ने भारत के विकास के बारे में बात करते हुए कहा, “औपनिवेशिक अतीत ने हमें यह विश्वास करने के लिए मजबूर किया कि हम जो कुछ भी कर रहे थे वह गलत था, हमें उस औपनिवेशिक मानसिकता से बाहर आना होगा.”
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