- मां नर्मदा की पंचचौकी महाआरती में उमड़ा जनसैलाब
- विशाल कलश चुनरी यात्रा निकाली, रंगोलियों से सजा नर्मदा घाट
- माहिष्मती घाट के सामने कुंभ स्थल का जल्द बदलेगा स्वरूप
मंडला महावीर न्यूज 29. माँ नर्मदा नदी के माहिष्मति घाट में देवउठनी एकादशी से संध्याकालीन पंचचौकी महाआरती आरंभ हुई। मां नर्मदा महाआरती समिति मंडला द्वारा एकादशी से माहिष्मति घाट मंडला में पंच चौंकी महाआरती का शुभारंभ किया गया। माहिष्मति घाट में अब नियमित रोजाना महाआरती होगी। पंचचौंकी महाआरती के शुभारंभ अवसर पर कलेक्ट्रेट से विशाल कलश चुनरी यात्रा निकाली गई, जो नगर भ्रमण करते हुए माहिष्मति घाट पंचचौंकी महाआरती स्थल पहुंची। कलेक्ट्रेट मार्ग से रपटा घाट तक आकर्षक रंगोलियां बनाई गई थीं, जो शोभायात्रा का स्वागत कर रही थीं। माहिष्मति घाट में भी आकर्षक रंगोलियों के साथ साज सज्जा देखी गई है। यहां पर पर माहिष्मति घाट का शिलालेख भी लगाया गया। जिसका विधिवत उद्घाटन कैबिनेट मंत्री सम्पतिया उईके द्वारा किया गया।
एकादशी के पावन पर्व पर महिष्मति घाट में गन्ना ग्यारस का पूजन अर्चन कर संकल्प लिया गया। पंडित नीलू महाराज ने गन्ना ग्यारस की विधि विधान से पूजन अर्चन कराई। इसके साथ ही कलेक्टर सोमेश मिश्रा एवं पुलिस अधीक्षक रजत सकलेचा को रक्षासूत्र बांधते हुए आर्शीवाद दिया। इसके बाद मां नर्मदा का विधि विधान से पूजन पाठ किया गया और मां नर्मदा की भव्य पंचचौंकी महाआरती की गई। इस दौरान हजारों की संख्या में धर्मप्रेमी पहुंचे। जनप्रतिनिधि समाजसेवी, पत्रकार व अधिकारी व कर्मचारियों ने मां नर्मदा के जयकारें लगाए। इस दौरान मां नर्मदा का अष्टक भी किया गया।
लेजर शो में किया माँ नर्मदा का वर्णन
बताया गया कि जबलपुर ग्वारी घाट, उज्जैन महाकाल और बनारस व मां गंगा तट की तर्ज पर आयोजित इस महाआरती को देखने के लिए दूर-दूर से धर्मप्रेमी पहुंचे, जहां महाआरती के बाद लेजर शो किया गया। इस लेजर शो से मां नर्मदा का वर्णन किया गया। इस अवसर पर कलेक्टर सोमेश मिश्रा ने कहा कि रपटा घाट का नाम अब परिवर्तित कर दिया गया है। अब इसे माहिष्मति घाट के नाम से जाना व पहचाना जाएगा। यहां पर आधुनिकरण को लेकर पेटिंग साफ-सफाई विद्युतीकरण कराया जा रहा है। छोटे हरिद्धार के रूप में इस क्षेत्र को विकसित करने की मंशा है जिसके लिए मां नर्मदा महाआरती समिति का गठन किया गया है।
शीघ्र ही नए स्वरूप में दिखेगा कुंभ स्थल
समिति के सफल संचालन के लिए आजीवन सरंक्षक सदस्यों की नियुक्ति की गई है। जिले का कोई नागरिक 1 लाख 51 हजार रूपए की सदस्यता राशि देंकर आजीवन संरक्षक सदस्य बन सकता है। वहीं वार्षिक सदस्य के लिए 21 हजार की राशि नियत की गई है। इस दौरान कैबिनेट मंत्री श्रीमति सम्पतियां उईके ने कहा कि मां नर्मदा से लोगो की आस्था जन्मों से जुड़ी है। मां नर्मदा तटों के विकास के लिए अनेक प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन का यह प्रयास मील का पत्थर साबित होगा। उन्होनें कहा कि अन्य बड़े धार्मिक स्थलों की तर्ज पर मंडला में आयोजित पंचचौंकी महाआरती में शामिल होकर वे धन्य हो गई है। उन्होंने कहा कि अब यहां पर नियमित पंचाचौंकी महाआरती होगी जिसके लिए पंडितों को अधिकृत किया गया है। वहीं कुंभ स्थल के विकास के लिए भी सरकार को प्रपोजल भेजा गया है। शीघ्र ही महिष्मति घाट से लगे कुंभ स्थल का नया स्वरूप हमे दिखाई देगा। इस अवसर पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते ने पंचचौंकी महाआरती पर सहभागिता दर्ज कराते हुए इस अद्धभूत आयोजन की सराहना की।
साबुन सोडा उपयोग पर लगी रोक
मुख्य नगरपालिका अधिकारी मंडला और थाना प्रभारी मंडला से प्राप्त जानकारी के अनुसार भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163(1) के तहत निशेषज्ञा जारी किया जाना आवश्यक है। अनुविभागीय दंडाधिकारी मंडला ने बताया कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163(1) के प्रावधानों के तहत महिष्मति घाट (रपटाघाट) में पर्यटकों स्थानीय निवासी श्रद्धालुओं के द्वारा नर्मदा नदी में नहाने, कपड़े धोने के लिए साबुन, शैम्पू, सोडा, तेल डिटर्जेन्ट का उपयोग किया जाता है एवं पूजा सामाग्री का विसर्जन भी किया जाता है, जिसके कारण घाट पर गंदगी उत्पन्न हो रही है जिससे प्रदूषण एवं जलीय जीव जन्तुओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। अनुविभागीय अधिकारी ने इसलिए महिष्मति घाट (रपटा घाट) पर उपरोक्त वस्तुओं को प्रतिबंधित कर दिया। उक्त आदेश तत्काल प्रभावशील होगा, उक्त आदेश के उल्लंघन पर धारा 223 भारतीय न्याय संहिता अंतर्गत दंडनीय अपराध की श्रेणी में आएगा।
मत्स्य आखेट पर लगा प्रतिबंधित
अनुविभागीय अधिकारी ने बताया कि महिष्मति घाट (रपटा घाट) मण्डला में मछुआरों के द्वारा मछली पकडऩे हेतु जाल लगाने का कार्य किया जाता है। जालों को नदी से नहीं निकालने के कारण नदी के बहाव से आई हुई सामाग्री भी नदी में एकत्रित होती है। जिसके कारण नर्मदा नदी का जल प्रदूषित हो रहा है एवं गंदगी फैलने की भी प्रबल संभावना रहती है जिससे श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाएं आहत होती है। अत: महिष्मति घाट (रपटा घाट) से एनीकट तक मत्स्य आखेट प्रतिबंधित किया जाता है। महिष्मति घाट (रपटा घाट) मण्डला में नर्मदा नदी के किनारे स्थित है, जिसके कारण अधिक संख्या में श्रद्धालुओं का आवागमन होता है तथा उनके द्वारा की जाने वाली पूजा से नदी के किनारे तथा घाट पर फूल, प्लास्टिक, थैले, कपड़े, पॉलिथीन की सामग्री इत्यादि जमा हो जाते हैं जिसके कारण घाट पर कचरा एकत्रित हो जाता है जिससे लोक स्वास्थ्य, जलीय जीव जन्तु एवं पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
ये रहे उपस्थित
पंचचौंकी महाआरती के दौरान स्थाई संरक्षक सदस्य के रूप में जिला पंचायत अध्यक्ष संजय कुशराम, नगर पालिका अध्यक्ष विनोद कछवाहा, कलेक्टर सोमेश मिश्रा, पुलिस अधीक्षक रजत सकलेचा, जिला पंचायत सीईओ श्रेयांश कूमट, अपर कलेक्टर राजेन्द्र कुमार सिंह, सहायक कलेक्टर अफिक खान, संयुक्त कलेक्टर अरविंद कुमार सिंह, एसडीएम बिछिया सोनाली देव, एसडीएम मंडला सोनल सिडाम, डिप्टी कलेक्टर क्षमा सराफ, मुख्य नगर पालिका अधिकारी गजानंद नाफड़े, समाजसेवी प्रफुल्ल मिश्रा, समिति के संरक्षक पत्रकार नीरज अग्रवाल, संजय तिवारी, उमाशंकर सिंधिया, मनोज फागवानी, अविनाश जैन, किशोर काल्पीवार, रितेश अग्रवाल मधुरम और गनी खान एवं श्रीमति सरिता अग्रिहोत्री के साथ सुधीर कांसकार, पंडित नीलू महाराज, सांसद प्रतिनिधि जयदत्त झा, भाजपा जिला अध्यक्ष भीष्म द्विवेदी, कांग्रेस जिला अध्यक्ष राकेश तिवारी, पूर्व विधायक डॉ अशोक मर्सकोले, नगरपालिका उपाध्यक्ष अखिलेश कछवाहा, विभाग प्रचारक पंकज जी, रोहित बडक़ुल, कपिल तिवारी, पुष्पेन्द्र पांडे, उमा यादव, गीता साहू, रागिनी हरदहा एवं गणमान्य नागरिक मौजूद थे।