नवरात्र का दूसरा दिन
- भक्त कर रहे शक्ति की आराधना
- आज होगी मॉं के तीसरे रूप माता चंद्रघंटा की आराधना
मंडला महावीर न्यूज 29. शारदेय नवरात्र के दूसरे दिन माता ब्रम्ह्यचारिणी की पूजा अर्चना की गई। पंडालों में स्थापित प्रतिमाओं के सामने माता ब्रम्ह्यचारिणी का आह्वान किया गया और माता को समस्त श्रृंगार अर्पित कर दुर्गा सप्तसती के पाठ किए गए। वहीं शहर के समस्त माता के मंदिरों में सुबह 4 बजे से ही जल ढारने कतार लगी रही। यह क्रम लगभग सुबह 8 बजे तक चलता रहा। पंडालों में आकर्षक साज सज्जा को अंतिम रूप दिया जा रहा है। वहीं शहर के कुछ पंडालों में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की रूप रेखा को अंतिम रूप दिया जा रहा है। मंदिरों व देवी पंडालों में मंडली के द्वारा जस के आयोजन शुरू हो गए है।
नगर के प्रमुख मंदिरों में कलश जवारे रखे गए है। सुबह 8 बजे माता की आरती पूजा के बाद भक्तों को प्रसाद वितरण के कार्यक्रम भी आयोजित हो रहे है। वहीं शाम की आरती की तैयारियां पूरे जोर शोर से पंडालों में व मंदिरों में हो रही है। शाम की आरती मंदिर पंडालों में भाव के खेलने के साथ भी आयोजित हो रहे है। कुछ पंडालों में नवरात्र के दूसरे दिन भी मूर्ति स्थापना का कार्यक्रम चलता रहा।
आज की जाएगी चंद्रघंटा माता की आराधना
आज शक्ति स्वरूपा व करूणा रूपा मॉं चंद्रघंटा माता की पूजा की जाएगी जो शक्ति का तीसरा रूप है। यह रूप परमशांति दायक व कल्याण करने वाला है। पवित्र मन से माता की आराधना करने से इस लोक से लेकर परलोक तक सुधरता है जो कि सद्गति देने वाला माता का स्वरूप है। देवी के मस्तक पर आधे घंटा के आकार का चंद्र है जो सोने के रंग जैसी चमकीला स्वरूप है। जिनकी 10 भुजाएं खडग़ के साथ अन्य अस्त्र शस्त्रों के साथ विभूषित है। सिंह पर सवारी कर देवी की मुद्रा युे के लिए तैयार है। इनके घंटे सी भयानक ध्वनि से अत्याचारी दानव, दैत्य राबस कांपते है। माता चंद्रघंटा की साधना से आलौकिक वस्तुओं के दर्शन होते है। दिव्य सुंगधियों का अनुभव होता है। कई तरह की ध्वनियां इनके साधक को सावधान रखती है। देवी की आराधना साधक में वीरता, निर्भयता, सौम्यता, विन्रमता का विकास करती है। इनकी आराधना मन वचन, कर्म के साथ ही काया को विहीन विधि विधान के अनुसार परिशुे पवित्र करके मॉं के शरणागत होना चाहिए।