नवरात्र का पहला दिन
- माँ की भक्ति में नौ दिन लीन रहेंगे भक्त
- पंडालों में की गई मां दुर्गा की स्थापना
- देर शाम तक चलता रहा मूर्ति ले जाने का क्रम
मंडला महावीर न्यूज 29. शक्ति की आराधना का पर्व शारदेय नवरात्र प्रारंभ हो गया है। जिले के सभी प्रमुख माता के मंदिरों, शक्ति पीठों में विशेष अनुष्ठान प्रारंभ हो चुके है। देवी मंदिरों में विशेष साज-सज्जा की गई है। पहले दिन सुबह से मंदिरों में भक्तों का ताता लगा रहा है। नवरात्र के शेष आठ दिन भक्तों का ताता देवी मंदिरों में देखने मिलेगा। नवरात्र मेें सुरक्षा के भी इंतजाम किए गए है। माता के मंदिरों, पंडालों और शक्ति पीठों में सुबह शाम विशेष आरती की शुरूआत हो गई है।
शारदेय नवरात्रि का प्रारंभ भक्तों ने उत्साह के साथ किया। बैठकी के अवसर पर जिले एवं शहर में दुर्गा पंडालों में देर रात्रि तक दुर्गा स्थापना होती रही। नवरात्रि के पहले दिन भक्तों की भीड़ नर्मदा तटों एवं मंदिरों में सुबह से दिखना प्रारंभ हो गई थी। भक्ती भाव के साथ भक्तों ने 9 दिनों का उपवास प्रारंभ किया। वहीं अनेक भक्त पहले दिन का उपवास पर रहे।
शहर में विभिन्न सार्वजनिक दुर्गोत्सव समितियों के द्वारा आदि शक्ति मां दुर्गा की प्रतिमाओं की स्थापना विधि विधान से की गई। बड़ी खैरी, कोष्टा मोहल्ला, कृषि उपज मंडी, बिझिंया, उपनगर महाराजपुर में कारीकोन तिराहा, बजरंग चौराहा, रेल्वे स्टेशन, राजीव कालोनी समेत अन्य क्षेत्रों में माँ दुर्गा प्रतिमा की स्थापना की गई। दुर्गा पंडालों की आकर्षक साज सज्जा भी पूर्ण हो चुकी है। सिंहवाहिनी वार्ड में कांसकार दुर्गोत्सव समिति के द्वारा माता महाकाली की प्रतिमा स्थापित की गई। सुबह माता काली की विधि विधान से पूजा व स्थापना की गई। माता काली का पूजन एवं दुर्गा सप्तशती का पाठ प्रारंभ किया गया है।
जल ढारने लगी रही कतार
सुबह से ही शहर के विभिन्न देवी मंदिरों, सिद्धपीठ में भक्तों की भीड़ जल ढारने लगना प्रारंभ हो गई थी। नगर की खैरमाई, सिंहवाहिनी मंदिर, रपटाघाट दुर्गा मंदिर, मरहाई माता मंदिर, काली मंदिर, पीपल घाट मंदिर, उपनगर के ज्वालाजी मंदिर, बूढ़ीमाई मंदिर, नीम वाली माता, खैरमाई मंदिर में भक्तों की कतार जल ढारने लगी रही। यह क्रम 9 दिनों तक सभी देवी मंदिरों में चलेगा।
गाजे बाजे के साथ स्थापना की
शहर में देवी की स्थापना के लिए गाजे बाजे के साथ मूर्तियां पंडालों में लाई गई। विधि विधान से पंडित जी के मार्गदर्शन एवं मंत्रोपचार के बीच मूर्ति स्थापना की गई। शहर की अधिकांश पंडालों में देर शाम से मूर्तियां स्थापना शुभ मुहुर्त में प्रारंभ की गई जो देर रात्रि तक स्थापना का कार्यक्रम चलता रहा।
शहर में धार्मिक कार्यक्रम की रहेगी धूम
जिले में दुर्गोत्सव को लेकर जिला मुख्यालय के विभिन्न स्थान पर धार्मिक, सांस्कृतिक समेत कई तरह धार्मिक कार्यक्रमों की तैयारियां विगत एक पखवाड़े से की जा रही है। जिले में दुर्गा समितियों द्वारा प्रतियोगिताओं को लेकर भी तैयारी कर रहे है। शहर में इस वर्ष गरबा महोत्सव भी बड़े धूमधाम से मनाने तैयारी चल रही है। इस वर्ष भी गरबा के आयोजन के लिए प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। जिले में विभिन्न स्थानों में गरबा की तैयारी चल रही है।
आज होगी माँ ब्रम्हचारिणी की पूजा
मां दुर्गा के उपासक और भक्त को अनंत कोटि फल प्रदान करने वाली मां ब्रहचारिणी की पूजा नवरात्रि के दूसरे दिन की जाती है। मां दुर्गा की नवशक्ति का दूसरा स्वरूप ब्रम्हचारिणी का है। माता ब्रह्मचारिणी का स्वरुप बहुत ही सात्विक और भव्य है। यहां ब्रम्ह का अर्थ तपस्या से है। मां दुर्गा का यह स्वरूप भक्तों और सिद्धों को अनंत फल देने वाला है। इनकी उपासना से तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार और संयम की वृद्धि होती है। ब्रम्हचारिणी का अर्थ तप की चारिणी यानी तप का आचरण करने वाली देवी का यह रूप पूर्ण ज्योतिर्मय और अत्यंत भव्य है। इस देवी के दाएं हाथ में जप की माला है और बाएं हाथ में यह कमण्डल धारण किए हैं। पूर्व जन्म में इस देवी ने हिमालय के घर पुत्री रूप में जन्म लिया था और नारदजी के उपदेश से भगवान शंकर को पति रूप में प्राप्त करने के लिए घोर तपस्या की थी। इस कठिन तपस्या के कारण इन्हें तपश्चारिणी अर्थात ब्रम्हचारिणी नाम से अभिहित किया गया।