दुर्गावती दुर्गा का अवतार थीं-प्रो.शरद नारायण

  • दुर्गावती दुर्गा का अवतार थीं-प्रो.शरद नारायण
  • गर्ल्स कॉलेज में रानी दुर्गावती जन्म पंचशती समारोह

मंडला महावीर न्यूज 29. शासकीय जेएमसी महिला महाविद्यालय में प्राचार्य प्रो डॉ शरद नारायण खरे के मार्गदर्शन व डॉ अंजली पंड्या के संयोजन व डॉ अंजु सिंह के सह-संयोजन में रानी दुर्गावती पंच जन्मशती समारोह के अंतर्गत छात्राओं के लिए निबंध प्रतियोगिता, भाषण प्रतियोगिता व स्टाफ के लिए विचार संगोष्ठी आयोजित की गईं।

छात्राओं ने रानी दुर्गावती के जीवन, पराक्रम व प्रशासनिक कार्यों पर श्रेष्ठ निबंध लिखे और अपनी सार्थक अभिव्यक्ति दी। डीके रोहितास व डॉ अंजु सिंह ने रानी की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। प्राचार्य प्रो डॉ शरद नारायण खरे ने कहा कि गोंडवाना साम्राज्य की अधिपति गढ़ा-मंडला की महारानी दुर्गावती, जो कि चंदेल राज्य की राजकुमारी थीं, का विवाह महाराज संग्राम शाह के पुत्र दलपतिशाह से हुआ था। जब उनका पुत्र वीर नारायण मात्र पाँच वर्ष का था, तभी वे स्वर्ग सिधार गए थे, तो अपने पुत्र को गद्दी पर बैठाकर उसकी संरक्षिका बनकर रानी ने न केवल राज्य किया बल्कि साम्राज्य को समृद्धि भी प्रदान की।

उनके प्रमुख सहयोगी थे प्रधानमंत्री अधार कायस्थ रानी ने 52 लड़ाईयाँ लड़ीं और 51 में वे विजेता रहीं। उनकी कीर्ति से ईष्यालु होकर मुगल बादशाह अकबर ने उन पर दबाव बनाया, पर वे विचलित नहीं हुईं, अकबर ने साफ खां को आक्रमण के लिए भेज दिया। पर रानी ने साहस के साथ बड़ी व ताकतवर सेना के भी दाँत खट्टे कर दिए थे। अंतत: घायल हो जाने पर उन्होंने कटार मारकर आत्मोसर्ग कर आत्म सम्मान की एक शानदार मिसाल पेश की। उन्होंने उनके चरित्र व जीवन को अत्यंत अनुकरणीय व विशिष्ट बताया। प्रतियोगिता के विजेताओं व प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया। विजया श्याम व छात्राओं की उपस्थिति रही।


 

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