विश्व में मंगलनाथ उज्जैन के बाद एकमात्र द्वितीय सिद्ध मंदिर स्वयंभू श्री मंगलेश्वर महादेव-आचार्य दिवाकर
- मंगलवार को पूजन, अभिषेक करने से मनवांछित इच्छा होती है पूरी
- महाराजपुर के मंगलेश्वर मंदिर में होती है मंगल दोष निवारण पूजा
- नीम वाली माता मंदिर प्रांगण में शिव पुराण कथा का हुआ समापन
मंडला महावीर न्यूज 29. हनुमान जी वार्ड महाराजपुर में नीम वाली माता महिला मंडल समिति द्वारा नौ दिवसीय श्री शिव महापुराण कथा का आयोजन किया जा रहा है। नीम वाली माता मंदिर प्रांगण में शिव पुराण कथा के विश्राम दिवस में आचार्य पंडित दिवाकर चौबे महाराज ने बताया कि महाराजपुर स्थित मंगलेश्वर मंदिर एक मात्र ऐसा मंदिर है। जहां उज्जैन मंगलनाथ की तरह ही मंगलदोष निवारण पूजन संभव है। स्वयंभू मंदिर होने की वजह से पूजन का लाभ सामान्य से अधिक मिलता है। मां नर्मदा जी के उत्तर तट में स्थित इस मंदिर में नर्मदा पुराण के अनुसार मंगलग्रह द्वारा पूजन होने पर स्वयंभू रूप में शिवलिंग विराजमान हैं। विवाह संबंधित समस्याओं के लिए यह मंदिर एक वरदान है। ऐसे सैकड़ों श्रद्धालू हैं, जिनका विवाह ना होने के कारण परेशान हुए और इस मंदिर से उन्हें अतिशीघ्र लाभ मिला।
कथा का वाचन करते हुए आगे बताया कि वैसे तो शिवजी के लिए सोमवार पूजन सर्व उचित है, लेकिन इस मंदिर में मंगलवार को पूजन, अभिषेक करने से मनवांछित ईच्छा पूर्ति होती है और मंगलदोष निवारण के लिए भात पूजन भी मंदिर में होता है। कथा में पंडित दिवाकर जी ने आगे बताया कि ऐसे ही नर्मदा तट में अनेकानेक शिवलिंग है, जो कि सामान्य लोगों के लिए अज्ञात बने हुए हैं। जैसे सहस्त्रधारा में रावण के द्वारा स्थापित शिवलिंग है, जो नदी के मध्य में दर्शन देते हैं और वहीं राजा सहस्त्रार्जुन द्वारा स्थापित शिवलिंग नदी के बाहर दर्शन देते हैं। दोनो मंदिर जिनका उल्लेख नर्मदा पुराण में भी है जो कि पूर्व काल में देवशिल्प विश्वकर्मा के द्वारा बनाए गए हैं। इसके बाद में इन मंदिरों का जीर्णोद्धार समयानुसार होता गया। वहीं सहस्त्रधारा से आगे चलने पर जलहरी घाट में भी जो शिवलिंग हैं। वे जिलेहरी सहित मां नर्मदा जी से स्वयं प्रगट हैं। ऐसे बहुत से शिवलिंग नर्मदा खंड में दर्शन देते हैं। कथा में द्वादश ज्यद्योर्तिलिंग की महात्मय कथा भी बताई गई।
ग्राम बिनैका में श्रीमदभागवत पुराण 17 से
मंडला शहर से नजदीक बिनैका ग्राम पंचायत के दुर्गा मंदिर स्थित महान चौक प्रांगण में 17 फरवरी से श्रीमदभागवत पुराण का आयोजन किया जाएगा। कथा का वाचन आचार्य पंडित दिवाकर चौबे के द्वारा किया जाएगा। कलश यात्रा 17 फरवरी को सुबह 10 बजे से निकाली जाएगी। जिसमें आयोजकों ने अधिक से अधिक संख्या में भक्तों से इस 7 दिवसीय आयोजन में उपस्थित रहकर धर्मलाभ लेने की अपील की है।