11 महिने में 832 दुर्घटना, 1174 घायल और 241 की मौत

  • 11 महिने में 832 दुर्घटना, 1174 घायल और 241 की मौत
  • जागरूकता भी कम नहीं कर पा रही सड़क हादसों, मौतों के आंकड़े
  • हाईवे पर दुर्घटनाओं को रोकने मंडला पुलिस की कवायद जारी
  • तेज रफ्तार, बेलगाम भागते वाहन दे रहे मौत हो न्यौता

मंडला महावीर न्यूज 29. जिले में सड़क दुर्घटनाओं को रोकने का प्रयास मंडला पुलिस द्वारा किया जा रहा है, जिससे दुर्घटना में मौत और घायलों की संख्या को कम किया जा सके। मंडला पुलिस अपने स्तर पर प्रयास कर रही है, और इनका यह प्रयास वर्ष 2022 के अंत में सफल रहा। मंडला पुलिस द्वारा सड़क सुरक्षा के लिए चलाए जा रहे जन जागरूकता कार्यक्रम और मुहिम से वर्ष 2022 के अंत तक सड़क हादसे, घटना में घायल और हादसे में मृत्यु के आंकड़े वर्ष 2021 की अपेक्षा कम हुए है। हादसों के बढ़ते ग्राफ पर वर्ष 2022 के अंत में ब्रेक लगा और विगत वर्ष की अपेक्षा 35 लोगों की कम जाने गई। लेकिन वर्ष 2023 में फिर सड़क हादसों, मौत और घायलों की संख्या बढ़ गई। इस वर्ष 2024 में नबंवर माह तक के आंकड़ों में हादसे, घायल, मृतकों और घटना में शामिल लोगों की संख्या विगत वर्षो की अपेक्षा कम है, लेकिन वर्ष 2024 का दिसंबर माह नेशनल हाईवे में काल बनकर आया। रोजाना हाईवे मार्ग में सड़क दुर्घटनाएं घटित हो रही है। जिसके बाद यह वर्ष खत्म होने के बाद इन आंकड़ों के पिछले रिकार्ड टूट सकते है। मंडला पुलिस के सराहनीय प्रयास के बावजूद इस वर्ष सड़क हादसे, घायल और हादसें में होने वाली मौतों के आंकड़े विगत वर्षो की अपेक्षा बढ़ जाएंगे।

जानकारी अनुसार वर्ष 2020 में 829 हादसे हुए थे जिनमें 1236 लोग घायल और 217 की मौत हुई थी। जबकि 2021 में 846 दुर्घटनाओं में 1236 घायल और 297 लोग मृत हुए। मंडला पुलिस के जन जागरूकता के कारण वर्ष 2022 में विगत वर्ष की अपेक्षा 04 दुर्घटनाएं कम हुई है, जिसमें 842 दुर्घटनाएं हुई, वहीं घटना विगत वर्ष की अपेक्षा 114 लोग कम शामिल हुए, जिसके कारण इस वर्ष घटना में 1424 लोग शामिल हुए। वहीं हादसों में होने वाली मौतों में भी 2022 में 35 लोग की मृत्यु कम हुई है। जिसमें 262 लोग काल के गाल में समाए, लेकिन वर्ष 2023 हादसों भरा रहा। इस वर्ष हादसों, घटनाओं, घायलों की संख्या और मृतकों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई। वहीं वर्ष 2024 इस वर्ष साल 2023 के सारे रिकार्ड तोड़कर हादसे, मौते और घायलों के आंकड़ों का ग्राफ बढ़ जाएगा, क्योंकि दिसंबर 2024 की शुरूआत से ही नेशनल हाईवे 30 मार्ग में रोजाना हादसे घटित हो रहे है। जिसके कारण वर्ष 2024 में हादसों के साथ मौतों के आंकड़े बढ़ जाएंगे।

तेज रफ्तार, बेलगाम वाहनों पर लगाम नहीं 

बताया गया कि जबलपुर से छग सीमा तक नेशनल हाईवे 30 का निर्माण किया गया है। जिससे आवागमन सुगम हो सके, लेकिन हाईवे में सड़क हादसे कम होने का नाम नहीं ले रहे है। एनएच 30 मार्ग में होने वाले हादसों का सबसे अधिक शिकार ग्रामीण या यहां गुजरने वाले दोपहिया, चौपहिया वाहन सवार हो रहे है। इन हादसों के बढ़ते ग्राफ को कम करने के लिए मंडला पुलिस ने कमर तो कसी है, लेकिन मंडला पुलिस के सारे प्रयास सफल नहीं हो पा रहे है। सड़क हादसों पर लगाम नहीं लग पा रहा है। मंडला पुलिस द्वारा इन हादसों के कारणों व घटना स्थलों की सूक्ष्मता से जांच के बाद यहां सुरक्षात्मक उपाए तो कर रही है, लेकिन हाईवे मार्ग में बेलगाम और तेज रफ्तार में भागते वाहन मंडला पुलिस केसारे प्रयासों पर पानी फेर रहे है।

यातायात पुलिस कर रही जागरूक 

सड़क हादसों में कमी आए इसके लिए भी यातायात पुलिस ने भी कमर कस ली और बढ़ते हादसों के ग्राफ को देखते हुए ग्रामीणों और स्कूली छात्र, छात्राओं को हाईवे में चलने के लिए नियमों व यातायात नियमों के बारे में जानकारी देने की पहल शुरू की। जिससे ग्रामीणों को यातायात नियमों की जानकारी हो और हादसों से बच सके और हादसों में कमी आ सके। यातायात पुलिस का उद्देश्य था कि ग्रामीण जब हाईवे पर वाहन से जा रहे हो, तो वह नियमों का पूरा पालन करते हुए सुरक्षित रहे। मंडला पुलिस कप्तान रजत सकलेचा ने यातायात की इस पहल की सराहना भी की है। यातायात पुलिस में पदस्थ सूबेदार योगेश राजपूत भी लोगों और छात्र, छात्राओं को नए नए तरीकों से यातायात नियमों के प्रति जागरूक करने का प्रयास कर रहे है।

प्रयास से हादसों के ग्राफ कम करने की कवायद 

यातायात सूबेदार योगेश राजपूत ने बताया कि जिले से गुजरने वाले नेशनल हाईवे 30 पर दुर्घटनाएं होना आम बात है, इन दुर्घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक रजत सकलेचा के निर्देशन पर यातायात पुलिस के द्वारा हाइवे से सटे गांवों में जाकर यातायात नियमों की जानकारी भी दी जाती है। एनएच 30 सड़क के बनने से रफ्तार तो तेज हो गई है लेकिन जागरूकता एवं यातायात नियमों की कमी के चलते दुर्घटनाओं को आमंत्रण मिल रहा था, हाईवे पर दुर्घटनाओं और होने वाली मृत्यु को रोकने के लिए पुलिस अधीक्षक के निर्देशन पर ट्रैफिक पुलिस सुधारात्मक उपाय करने के साथ हाइवे से सटे ग्रामीण इलाकों में जन जागरूकता कार्यक्रम प्रमुखता से आयोजित कर रही है। जिसका परिणाम भी दिख रहा है। लेकिन ये सारे प्रयास कहीं ना कहीं वाहन चालकों की लापरवाहीं के कारण विफल हो रहे है। मंडला पुलिस का प्रयास है कि इन हादसों के ग्राफ को और कम किया जा सके।

तेज रफ्तार वाहनों पर नहीं लग पा रही लगाम 

आदिवासी बाहुल्य जिला में सड़क हादसे लोगों के लिए काल बनकर आता है। इन हादसों में लोग असमय काल के गाल में समा रहे है। जिले में अधिकत्तर सड़क हादसे हाईवे या किसी ग्राम के मुख्य मार्ग पर ही होते है। जिन पर लगाम लगाना बहुत जरूरी है। जिससे लोगों को इस हादसे से बचाया जा सके। तेज रफ्तार, बेलगाम दौड़ते वाहनों पर लगाम कसने के लिए मंडला पुलिस और यातायात पुलिस सख्त तो नजर आती है, लेकिन इन वाहनों की रफ्तार पर लगाम नहीं लगा पा रही है।

वर्ष कुल घटना में मृतकों की घायलों की दुर्घटना शामिल संख्या संख्या


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