- धनतेरस में त्रिपुष्पकर योग, आज से पांच दिवसीय दीपोत्सव की शुरूआत
- शुभ योग में बाजार रहेगा गुलजार, बाजारों में होगी रौनक, हस्त नक्षत्र में खरीददारी होगी शुभ
मंडला महावीर न्यूज 29. दीपावली केे पहले कार्तिक मास कृृष्ण पक्ष की श्रयोदशी धनतेरस कहलाती है। आज शहर में धनतेरस मनाया जाएगा। इस दिन चांदी का बर्तन खरीदने अत्यंत शुभ माना गया है। पुष्य नक्षत्र के बाद और महालक्ष्मी पूजन के पहले आज 29 अक्टूबर को खरीदारी का दूसरा महामुहूर्त धनतेरस होगा। धनतेरस पर त्रिपुष्कर योग का निर्माण हो रहा है, जो लाभदायक है। इसके साथ शाम को हस्त नक्षत्र प्रारंभ हो जाएगा, जो सोना, चांदी, आभूषण, भूमि भवन खरीदने के लिए महत्वपूर्ण योग बन रहा है। इस शुभ योग के साथ एक बार फिर जिले का बाजार गुलजार होगा। इस दुलर्भ संयोग के साथ इस दिन भगवान धनवंतरी एवं लक्ष्मी व कुबेर पूजन की जाएगी। इसके साथ ही पांच दिवसीय दीपोत्सव की शुरुआत होगी।
वरदान आश्रम के नीलू महाराज ने बताया कि कार्तिक कृष्णपक्ष की त्रयोदशी की शुरुआत आज 29 अक्टूबर को दोपहर 10.31 बजे से आरंभ होगी, जो 30 अक्टूबर को दोपहर 12.49 बजे समाप्त होगी। आज 29 अक्टूबर को धनतेरस पर्व मनाया जाएगा। धनतेरस पर शाम 6 बजकर 11 मिनट से रात्रि 8 बजकर 8 मिनट तक लक्ष्मी और कुबेर का पूजन महत्वपूर्ण समय है। धनतेरस पर यम दीपदान भी होता है। इस दिन की गई खरीदी को अतिशुभ माना गया है। इस दिन चांदी, पीतल के बर्तन, चांदी के सिक्के, गणेश व लक्ष्मी की प्रतिमाएं खरीदा जाता है। कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को समुद्र मंथन के दौरान धनवंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। इस दिन धनवंतरि जयंती मनाई जाती है। आयुर्वेद के विद्वान इस दिन धनवंतरि की प्रतिमा स्थापित कर पूजन करते हैं। इस दिन चांदी के बर्तन की खरीदी को अति शुभ माना जाता है।
यम के निमित्त करें दीपदान
धनतेरस से भाई दूज तक पांच दिन अज्ञात भय की निवृत्ति व अपघात दोष निवारण के लिए यम के निमित्त दीपदान का विशेष महत्व है। मकान की छत पर दक्षिण दिशा की ओर मुख करके तिल्ली के तेल से यम देवता के निमित्त दीपदान करना चाहिए। इसके साथ ही कुछ कास शास्त्रोक्त उपाय करने से मानव की सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है और उसको धन-समृद्धि के साथ आरोग्य और एश्वर्य की प्रप्ति होती है।
धनतेरस पर झाड़ू खरीदने से खुश होती हैं मां लक्ष्मी
धनतेरस के साथ दिवाली के महापर्व की शुरुआत हो जाती। धनतेरस के दिन लोग सोने चांदी के गहने और बर्तन खरीदते हैं लेकिन इस दिन झाड़ू खरीदने की परंपरा भी काफी लंबे समय से चली आ रही है। मान्यता है कि इस दिन झाडू की खरीददारी करने से घर में सुख, शांति और संपन्नता बनी रहती है। मत्स्य पुराण में झाडू को मां लक्ष्मी का ही रूप माना गया है। माना जाता है कि झाडू खरीदने से घर से गरीबी जाती है और ऋण से भी मुक्ति मिलती है। आइए जानते हैं धनतेरस के दिन झाडू खरीदने का क्या है महत्व
एक साथ तीन झाड़ू
धनतेरस पर कोशिश करें कि एक साथ तीन झाड़ू खरीदें। इस दिन एक साथ तीन झाडू खरीदने को एक अच्छा शगुन माना जाता है। इस बात का भी ध्यान रखें कि कभी भी दो या चार के जोड़े में झाड़ू ना खरीदें।
घर में लक्ष्मी का वास होता है
धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदा जाता है। मान्यता है कि इस दिन झाड़ू खरीदने से गरीबी दूर होती है। साथ ही नई झाड़ू से नकारात्मक ऊर्जा दूर जाती है और घर में लक्ष्मी का वास होता है। हिंदू मान्यताओं के मुताबिक धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदकर अपने घर में लाना चाहिए. इससे पैसों की तंगी को दूर किया जा सकता है। शास्त्रों में इसे माता लक्ष्मी का प्रतिरूप माना जाता है। हालांकि धनतेरस पर झाड़ू खरीदने के कुछ नियमों का भी पालन करना चाहिए। इन नियमों के प्रति लापरवाही बरतने से देवी लक्ष्मी नाराज भी हो सकती है।