2 साल विलंब से हुई क्रमोन्नति में अनेकों के नाम छूटे

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  • 2 साल विलंब से हुई क्रमोन्नति में अनेकों के नाम छूटे
  • क्रमोन्नति लिस्ट में नाम न होने से पात्र शिक्षक हैरान

मंडला महावीर न्यूज 29. लगभग 2 साल से सहायक आयुक्त कार्यालय में 12 वर्ष की सेवा पूर्ण करने वाले और 24 वर्ष की सेवा पूर्ण करने वाले प्राथमिक शिक्षकों की क्रमोन्नति की कार्यवाही लम्बित थी। अनेकों बार सहायक आयुक्त से लेकर कलेक्टर तक कई ज्ञापन दिए गए लेकिन कार्यालय ने इस पर कभी गंभीरता नहीं दिखाई। कई मामलों में ऐसा भी हुआ कि संकुल केंद्र से समस्त दस्तावेज सहित फाइलें विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय के माध्यम से पावती सहित फाइलें सहायक आयुक्त कार्यालय में जमा कराई गई। लेकिन बाद में कई की फाइल ही गायब हो गई। पावती होने के बाद भी शिक्षकों से दोबारा फाइलें तैयार कराई गई यहां तक कि फाइलों से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज भी गायब हुए और शिक्षकों को बार-बार कार्यालय के चक्कर कटवाया गया।

विगत 1 माह से शिक्षक इस बात को लेकर के आश्वस्त थे की मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत प्राथमिक शिक्षकों की क्रमोन्नति का मामला देख रहे हैं और उन्होंने समस्त संकुल प्राचार्य से और विकासखंड शिक्षा अधिकारियों से प्रमाण पत्र भी मंगवाया था कि किसी भी प्राथमिक शिक्षक का क्रमोन्नति का मामला अब संकुल स्तर पर या विकासखंड कार्यालय के स्तर पर लंबित नहीं है। इस तरह की कार्यवाही से शिक्षक एवं एसोसिएशन आशान्वित था कि अब सभी पात्र प्राथमिक शिक्षकों की प्रथम और द्वितीय क्रमोन्नति के आदेश हो जायेंगे। यद्धपि ऐसोसिएशन को जानकारी थी कि बहुत सी फाइलों में आपत्ति है इसलिए संगठन ने कई बार अधिकारियों से कहा कि जिन फाइलों में आपत्तियां हैं उसकी जानकारी दे दी जाए ताकि उनके आपत्तियों को दूर कर समस्त पात्र शिक्षकों की क्रमोन्नति के आदेश जारी हो जाए लेकिन इस पर कार्यालय ने हमेशा मनमानी की और ना तो आपत्तियां की जानकारी विकासखंड शिक्षा अधिकारी और संकुल प्राचार्य को दी और ना ही ऐसोसिएशन को दी और इस प्रकार कार्यालय इन फाइलों को दबाकर के रखा। जब कई फाइलों में आपत्तियां थी तो पत्र जारी कर उन आपत्तियों को दूर कर लिया होता तो सभी केएक साथ क्रमोन्नति के आदेश जारी हो जाते। अंत में वही हुआ जिसकी आशंका थी और बहुत सारे पात्र शिक्षकों को छोड़कर के क्रमोन्नति के आदेश जारी किए गए । इस प्रकार दो बार तीन बार फ़ाइलें और आवश्यक दस्तावेज जमा कर देने के बाद भी क्रमोन्नति आदेश में नाम न होने से पात्र शिक्षक हैरान और परेशान हैं।

माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षक भी परेशान 

इसी प्रकार माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षकों की क्रमोन्नति और समय मान वेतनमान के आदेश संभागीय उपायुक्त जनजाति कार्य विभाग जबलपुर से होना है इसे लेकर भी पात्र शिक्षक जिला कार्यालय और जबलपुर कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं। जिला कार्यालय से कई बार आग्रह किया गया कि उन माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षकों की जानकारी दी जाए जिनके प्रस्ताव जबलपुर क्रमोन्नति और समयमान वेतन के लिए भेजे गए हैं। लेकिन कभी भी कार्यालय ने इसकी समुचित जानकारी नहीं दी और जबलपुर कार्यालय के चक्कर शिक्षक लगाते रहे। आज की स्थिति में जबलपुर कार्यालय द्वारा यह कहा जाता है कि यहां पर क्रमोन्नति के कोई भी प्रकरण लंबित नहीं है और मंडला जिला कार्यालय द्वारा यह कहा जाता है कि हमारे द्वारा सभी प्रकरण भेज दिए गए हैं। एसोसिएशन ने कई बार आपत्ति ली कि जबलपुर कार्यालय द्वारा टुकड़े-टुकड़े में क्रमोन्नति के आदेश क्यों जारी किए जाते हैं। लेकिन संभागीय उपायुक्त में यह सब चलता रहा। ऐसोसिएशन ने संभागीय उपायुक्त जबलपुर से मांग की कि समस्त पात्र माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षकों की क्रमोन्नति के प्रकरण प्रमाण पत्र के साथ संभागीय कार्यालय में मंगाए जाए। ट्राईबल वेलफेयर टीचर्स एसोसिएशन की इस मांग पर संभागीय उपायुक्त द्वारा पत्र जारी किया गया लेकिन आज दिनांक तक जिला कार्यालय द्वारा इस पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है। और इस प्रकार प्राथमिक शिक्षक माध्यमिक शिक्षक उच्च माध्यमिक शिक्षक सभी अपनी क्रमन्नति को लेकर के परेशान हैरान हैं।इसी को देखते हुए गत दिवस पेंशन आक्रोश मार्च के दौरान ट्राईबल वेलफेयर टीचर्स एसोसिएशन ने कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा और मांग की कि समस्त पात्र प्राथमिक माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षकों की क्रमोन्नति की कार्यवाही अविलंब की जाए ।माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षकों के क्रमोन्नति के प्रस्ताव जबलपुर भेजे जाएं साथ ही समस्त विकासखंड शिक्षा अधिकारी से प्रमाण पत्र लिया जाए कि किसी का भी प्रकरण शेष नहीं है और भेजे गए प्रस्ताव की सूची सार्वजनिक की जाए ताकि शिक्षक इस बात को लेकर के परेशान न रहे कि उनकी फाइल संभागीय कार्यालय गई है अथवा नहीं । इसी प्रकार प्राथमिक शिक्षक जो क्रमोन्नति से वंचित हुए हैं उनकी भी सूची जारी की जाए और जो कमियां हैं तत्काल दूर कर उनके आदेश जारी किए जाएं। ऐसोसिएशन ने इस बात पर भी आपत्ति जताई है कि कई विकासखंड शिक्षा अधिकारी द्वारा क्रमोन्नति वेतनमान का निर्धारण नहीं किया गया है और जहां कर दिया गया है वहां एरियर का भुगतान नहीं किया जा रहा है।

गुरुजियो की क्रमोन्नति भी अटकी 

2009 में पात्रता परीक्षा देकर 2011 में उत्तीर्ण हुए गुरुजी से संविदा शाला शिक्षक फिर अध्यापक और फिर प्राथमिक शिक्षक बने शिक्षकों की भी क्रमोन्नति लटकी हुई है । कारण बताया जा रहा है कि इन शिक्षकों के पास पात्रता परीक्षा व्यापम से उत्तीर्ण की ओरिजिनल अंक सूची नहीं है। इनकी नेट द्वारा डाउनलोड की गई सूची को मान्य नहीं किया जा रहा है। यहां पर गौर करने वाली बात है कि जब इन गुरुजियों का संविदा शाला शिक्षक के पद पर इसी नेट की अंकसूची और अन्य दस्तावेजों का परीक्षण कर नियुक्ति दे दी गई फिर अध्यापक संवर्ग में भी नियुक्ति हो गई और सबसे मुख्य बात प्राथमिक शिक्षक के शासकीय पद पर भी नियुक्ति हो गई तो फिर क्रमोन्नति के लिए अब यह अति अनिवार्य क्यों कर दी गई है। एसोसिएशन का कहना है कि व्यापम की नेट की अंकसूची से ही मध्य प्रदेश के अन्य जिलों में क्रमोन्नति की कार्यवाही की की जा रही है। यह भी उल्लेखित है कि व्यापम द्वारा 29 मई 2012 को 386 ऊत्तीर्ण और अनुत्तीर्ण गुरुजियों की सूची जारी की गई थी और इसी सूची के आधार पर इनकी नियुक्ति संविदा शाला शिक्षक के पद पर की गई थी। अब मंडला में अन्य जिले की भांति गुरुजी से बने प्राथमिक शिक्षकों को व्यापम की नेट की अंकसूची और व्यापम द्वारा जारी की गई 386 शिक्षकों की सूची को ही आधार मानकर क्रमोन्नति की कार्यवाही करनी चाहिए।


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