- अपने भक्तों के संकट हर लेते हैं भगवान-पंडित अनुज कृष्णम
- मनमोहक झांकियों के बीच खेली फूलों की होली
मंडला महावीर न्यूज 29. निवास के समीपी ग्राम पिपरिया में श्रीमद भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। श्रीमद् भागवत कथा के सातवें दिन कथा व्यास पंडित अनुज कृष्णम महाराज ने सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान श्रीकृष्ण और उनके मित्र सुदामा की मित्रता और भगवान कृष्ण की दया और कृपा को दर्शाती है। सुदामा एक गरीब ब्राह्मण थे, जो अपने परिवार के साथ कठिनाई से जीवन व्यतीत कर रहे थे। वे भगवान श्रीकृष्ण के बचपन के मित्र थे और दोनों ने एक साथ विद्या अध्ययन की थी।
कथा में आगे बताया कि एक दिन सुदामा की पत्नी ने उनसे कहा कि वह भगवान श्रीकृष्ण से मिलकर उनकी सहायता मांगें, क्योंकि वे अब राजा हैं और उन्हें उनकी गरीबी से मुक्ति दिला सकते हैं। सुदामा ने अपनी पत्नी की बात चाहकर भी टाल नहीं पाये और भगवान श्रीकृष्ण से मिलने के लिए द्वारिका की यात्रा पर निकल पड़े। जब वे भगवान श्रीकृष्ण के महल में पहुंचे, तो भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें अपने प्रिय मित्र के रूप में स्वीकार किया और बहुत आदर सत्कार किया।
भगवान श्रीकृष्ण ने सुदामा से उनकी गरीबी के बारे में पूछा और उन्हें आश्वासन दिया कि वह उनकी गरीबी को दूर करेंगे। भगवान श्रीकृष्ण ने सुदामा को कई उपहार दिए। जिनमें सोना, चांदी, वस्त्र और अन्य कई चीजें शामिल थीं। सुदामा ने भगवान श्रीकृष्ण की कृपा और दया के लिए उनका आभार व्यक्त किया और अपने घर वापस चले गए। जब वह घर पहुंचे, तो उन्होंने देखा कि उनका घर अब एक सुंदर और बड़े महल में परिवर्तित हो गया था। सुदामा की पत्नी और बच्चे अब सुखी और समृद्ध जीवन जी रहे थे। सुदामा ने भगवान श्रीकृष्ण की कृपा और दया के लिए उनका आभार व्यक्त किया और अपने जीवन को भगवान कृष्ण की सेवा में समर्पित कर दिया। इस कथा से हमें प्रेरणा लेना चाहिए कि भगवान हमेशा अपने भक्तों की सहायता करते हैं और उनकी गरीबी और कठिनाइयों को दूर करते हैं, उनके सब संकट हर लेते हैं।
संत अमृत देवानंद महाराज का हुआ आगमन
श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ के सातवें दिन दीपक पहाड़ लधाटोला निवास स्थित धूनीवाले दादा दरबार के संत अमृत देवानंद महाराज पहुंचे। जहां व्यास गद्दी के पूजन के बाद श्रोताओं को आर्शीवचन देते हुए कहा कि पिपरिया ग्राम में अनेक धार्मिक आयोजनों में चौकसे परिवार की सक्रीय भूमिका रहती है, फिर चाहे नवरात्रि की बात हो या फिर भागवत पुराण, देवी जागरण आदि हों। धूनीवाले दादाजी दरबार द्वारा आयोजित चुनरी यात्रा हो या अन्य कार्यक्रम हों, चौकसे परिवार सदैव समर्पित भाव से अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं।
खेली फूलों की होली
श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ अपने अंतिम पड़ाव में है, जिसके अंतर्गत कथा के सातवें दिन मधुर संगीत के साथ राधा कृष्ण बने कलाकार एवं गोपी, गोपियां साथ ही श्रोताओं के द्वारा मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किया गया। इसके साथ ही इस दौरान फूलों की होली खेली गई। जिसका दृश्य पंडाल में आलौकिक छठा बिखेर रहा था।