मानव अधिकार आयोग ने एक माह में दो मामले की जांच कराकर मांगा प्रतिवेदन

  • मानव अधिकार आयोग ने एक माह में दो मामले की जांच कराकर मांगा प्रतिवेदन
  • घायल युवकी मौत और दुर्दशा का शिकार मंडला स्टेडियम का मामला

मंडला महावीर न्यूज 29. मप्र मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष कार्यवाहक मनोहर ममतानी एवं सदस्य राजीव कुमार टण्डन ने विगत दिवस के विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित प्रथम दृष्टया मानव अधिकार उल्लंघन के छह मामलों में संज्ञान लेकर संबंधितों से जवाब मांगा है। जिसमे 2 मामले मंडला जिले के हैं, जो मंडला महावीर न्यूज 29  में प्रमुखता से प्रकाशित किये गए थे। आयोग ने संबंधितों से इस मामले में जवाब मांगा है।


जानकारी अनुसार मंडला जिले के दो मामले जो मंडला महावीर न्यूज 29  में प्रकाशित हुए थे, जिसमें प्रथम दृष्टया मानव अधिकार का उल्लंघन है। ऐसे मामले को संज्ञान में लेकर संबंधितों से जवाब मांगा है। इस बात की जानकारी कार्यालय प्रभारी मप्र मानव अधिकार आयोग-मित्र, शिकायत प्रकोष्ठ शाखा मंडला के वरूण विकास नीखर ने दी है। दो मामलों में पहला मामला घालय युवक को डॉक्टर ने मृत किया घोषित और दूसरा मामला दुर्दशा का शिकार मंडला स्टेडियम ग्राउंड।

घालय युवक को डॉक्टर ने मृत किया घोषित 

मंडला जिले में बिछिया के बुधनवारा में दो बाइक की जोरदार टक्कर में घायल हुए युवक को बिछिया अस्पताल में बीएमओ ने मृत घोषित कर दिया, जिसके बाद शव मर्चुरी में रख दिया गया। हादसे की सूचना के बाद पहुंचे परिजनों ने जब खिड़की से देखा तो उसके हाथ पैर हिल रहे थे, परिजनों की जानकारी देने के बाद युवक को वार्ड में भर्ती किया गया। इसके बाद रेफर की तैयारी की जा रही थी, तभी उसकी मौत हो गई। अब परिजन डॉक्टर पर लापरवाही के आरोप लगा रहे हैं। परिजनों का कहना है चिकित्सकीय परीक्षण में की गई लापरवाही के चलते युवक की जान गई है। समय पर इलाज नहीं मिल पाया। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने सीएमएचओ मंडला से घटना की जांच कराकर प्रतिवेदन एक माह में मांगा है।

दुर्दशा का शिकार स्टेडियम ग्राउंड 

मंडला जिले का एकमात्र खेल मैदान, महात्मा गांधी स्टेडियम, प्रशासनिक उदासीनता और लापरवाही का शिकार है। यह मैदान जिले के खिलाडिय़ों और खेल प्रेमियों के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र है, लेकिन वर्तमान में इसकी हालत बेहद दयनीय हो चुकी है। लाखों रुपये खर्च किए जाने के बावजूद स्टेडियम में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है, जो खिलाडिय़ों के उत्साह और प्रदर्शन पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर मंडला से मामले की जांच कराकर की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन एक माह में मांगा है।


 

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