- नई ऊर्जा के साथ कान्हा के गजराज पार्क की करेंगे सुरक्षा
- गाईड भी निभाएंगे अहम भूमिका
- हाथियों की हुई एक सप्ताह सेवा
मंडला महावीर न्यूज 29. कान्हा टाईगर रिजर्व में विभागीय हाथियों का प्रबंधन का इतिहास रहा है। वर्तमान में 16 हाथी है। इनमें से कुछ हाथियो को देश के विभिन्न हाथी मेलों से क्रय किया गया है और कुछ हाथियों की पैदाइश राष्ट्रीय उद्यान में ही हुई है। प्रांरभ से ही इन हाथियों का कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में प्रमुख उपयोग वन्यप्राणियों की सुरक्षा के लिए गश्ती कार्य में किया जाता रहा है, लेकिन कालान्तर में इनका उपयोग पर्यटन प्रबंधन में भी किया जा रहा है। हाथियों एवं उनके महावत और संलग्न कर्मचारियों के वर्ष पर्यन्त कठिन परिश्रम के बाद हुई थकान एवं स्वास्थ्य विषयक कारणों से आराम की आवश्यकता होती है। जिसके लिए उन्हें एक सप्ताह का विश्राम दिया जाता है। जिसे हाथी पुर्नयौविनिकरण (रिजुविनेशन) सप्ताह कहा जाता है।
जानकारी अनुसार दुनिया भर में मशहूर कान्हा राष्ट्रीय उद्यान वन्य प्राणियों के लिए प्रसिद्ध है। यहां बाघ, चीतल, सांभर समेत अन्य वन्य प्राणियों की प्रजाति पाई जाती है। वहीं कान्हा पार्क की सुरक्षा के लिए 16 विभागीय हाथी तैनात है, जो पार्क की सुरक्षा में वनकर्मियों के साथ रहते है। इन्हीं हाथियों की खुशामदी और इनकी साल भर की थकान दूर करने के लिए प्रतिवर्ष हाथी रिजुविनेशन कैम्प का आयोजन किया जाता है। कैम्प में एक सप्ताह तक हाथियों की सेवा की गई। शुक्रवार 20 सितंबर को कैम्प का समापन किया गया।
हाथी रिजुविनेशन केम्प में गजराज की विशेष खातिरदारी सेवा की गई। इस दौरान इन 16 विभागीय हाथियों से कैंप के दौरान कोई काम नहीं लिया गया। इनका पूरी तरह आराम और ख्याल रखा गया। कैम्प के दौरान विभागीय हाथियों को नहलाकर उन्हें मीनू के अनुसार पसंदीदा पकवान खिलाए गए। कैम्प के दौरान अलग-अलग जोन के सभी हाथियों को एक साथ रहने और घुलने मिलने का मौका मिला।
बताया गया है कि हाथियों में नई ऊर्जा के संचार एवं मानसिक संतुलन बनाए रखने के लिए प्रतिवर्ष कान्हा नेशनल पार्क में विभागीय हाथियों का प्रबंधन किया जाता है। हाथियों रिजुविनेशन केम्प में 16 विभागीय हाथियों के स्वास्थ्य की विशेष देख रेख की गई। कान्हा परिक्षेत्र में आयोजित कैम्प में गजराज की जमकर सेवा हुई। महावत एवं चारा कटर विभागीय हाथियों की सेवा में जुटे रहे। हाथियों को अतिरिक्त खुराक विटामिन, मिनरल, फल-फूल खिलाए खिलाए गए।
हाथियों को मिला आराम
कैम्प के दौरान 16 विभागीय हाथियों के स्वास्थ्य की विशेष देख-रेख की गई। इस दौरान सभी महावत एवं चाराकटर विभागीय हाथियों को पूर्ण आराम के अतिरिक्त उनकी विशेष सेवा में रहे तथा हाथियों को अतिरिक्त खुराक, विटामिन्स, मिनरल, फल-फूल आदि परोसे गये। इस अवसर पर हाथियों की सेवा में लगे समस्त महावतों एवं चाराकटरों का स्वास्थ्य परीक्षण भी किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन एसके सिंह क्षेत्र संचालक कान्हा टाईगर रिजर्व के मार्गदर्शन में संपन्न किया गया। सप्ताह भर विशेष कार्यक्रम के दौरान पुनीत गोयल उप संचालक कोर, सुश्री अमीता केबी उप संचालक बफर जोन वनमंडल एवं कान्हा टाईगर रिजर्व अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
हाथियों को दी दवात, की तेल मालिश
कैम्प के दौरान प्रतिदिन प्रात: चाराकटर द्वारा हाथियों को जंगल से लाकर नहलाकर रिजुविनेशन केम्प में लाया जाता है एवं केम्प में हाथियों के पैर में नीम तेल तथा सिर में अरण्डी तेल की मालिश की जाती है। इसके बाद् गन्ना, केला, मक्का, आम, अनानास, नारियल आदि खिलाकर जंगल में छोड़ा जाता है। दोपहर मेें हाथियों को जंगल से पुन: वापस लाकर एवं नहलाकर केम्प मेें लाया जाता है। इसके बाद केम्प में रोटी, गुड नारियल, पपीता खिलाकर उन्हें पुन: जंगल में छोड़ा जाता है। रिजुविनेशन केम्प के दौरान हाथियों के रक्त के नमूने जांच हेतु लिये जाते है। हाथियों के नाखूनों की ट्रिमिंग, दवा द्वारा पेट के कृमियों की सफाई तथा हाथी दांत की आवश्यतानुसार कटाई की जाती है। ऐसे केम्प के आयोजन से एक ओर जहां हाथियों में नई ऊर्जा का संचार होता है एवं मानसिक आराम मिलता है, वहीं इन सामाजिक प्राणियों को एक साथ समय बिताने का अनोखा अवसर प्राप्त होता है।
पार्क की सुरक्षा के लिए अहम भूमिका
बता दे कि नेशनल पार्क में वन्य प्राणियों एवं वनों की सुरक्षा में इन गजराज की अहम भूमिका रहती है। घनों जंगलों और दुर्गम रास्तों में इनके द्वारा ही जाया जाता है। इन्हीं हाथियों के द्वारा वनकर्मी दिन रात पार्क की गश्ती करते है। वन्य प्राणियों के अस्वस्थ्य और घायल होने की स्थिति में हाथियों द्वारा ही उन तक पहुंचा जाता है। वन्य प्राणियों की सुरक्षा इन्हीं हाथियों पर निर्भर होती है। इन्ही सब बातों को ध्यान में रखकर विगत कई वर्षों से कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में विभागीय हाथियों का प्रबंधन मानसून के दौरान किया जाता है। कान्हा में 16 विभागीय हाथी है। हाथियों को पार्क का उपयोग वनों एवं वन्य प्राणियों की सुरक्षा के लिए गश्ती कार्य में किया जा रहा है। इस दौरान हाथियों का विशेष ख्याल रखा जाता है। केम्प के माध्यम से हाथियों में नई ऊर्जा का संचार होता है। मानसिक आराम के साथ इन सामाजिक प्राणियों को एक साथ समय बिताने का मौका भी मिलता है।