- खेतों में जलभराव, किसान परेशान
- किसानो की बढ़ सकती है मुसीबत
- फसलों में नुकसान की आशंका, मूंग, उड़द, सोयाबीन और मक्का पर पड़ेगा असर
मंडला महावीर न्यूज 29. जिले में एक बार फिर सावन की झड़ी शुरू होने से किसानों की परेशानी बढ़ गई है। खेतों में जलभराव के कारण किसानों को अपनी फसलों के नुकसान की चिंता सताने लगी है। किसानों ने बताया कि लगातार बारिश के कारण और खेतों में जल भराव अधिक होने के कारण मूंग, उड़द, सोयाबीन और मक्का जैसी फसलें सबसे ज्यादा प्रभावित होने की आशंका है। इस मौसम में अत्यधिक वर्षा के कारण खेतों में पानी भर गया है, जिससे फसलों के खराब होने का खतरा भी बढ़ गया है। किसानों को अपनी फसलों को बचाने के लिए जलभराव से निपटने के लिए विशेष उपाय करने की जरूरत है।
जानकारी अनुसार विगत कुछ दिनों से रूक रूककर लगातार हो रही बारिश के कारण खेतों मे जलभराव हो गया है। जिससे परिपक्क हो रही फसलें और आगामी कुछ फसलों की बुवाई प्रभावित होने का अंदेशा बना हुआ है। वहीं अगस्त माह में झमाझमा बारिश खरीफ फसल धान के लिए संजीवनी का काम की थी, वहीं इस सितंबर माह में हो रही जोरदार बारिश के कारण धान की फसल में कीट लगने की संभावना बढ़ गई है। खेतों में जल भराव हो रहा है, रोजाना बारिश हो रही है। जिसके कारण खेतों में नमी बनी हुई है।
बताया गया कि अधिक बारिश होने से और खेतों में जल भराव होने से सब्जी वाली फसलों को भी नुकसान पहुंचने की अंशका बनी हुई है। पिछले कुछ दिनों से हो रही बारिश के बाद तापमान में भी काफी गिरावट आ गई है। बारिश से खेतों में नमी अधिक हो गई है। जिस कारण फसलें प्रभावित होने की संभावना बनी हुई है। कौरगांव के किसान राकेश कछवाहा ने बताया कि कुछ जिलों में इसी माह रबी फसल की कुछ फसलों की बोवनी प्रारंभ हो जाती है, वहीं मंडला जिले में आगामी माह में सरसों, चना, गन्ना समेत अन्य फसलों की बोवनी प्रारंभ हो जाएगी। फिलहाल अभी मौसम पूरी तरह से साफ नही हुआ है। बारिश के कारण कृषि संबंधी कई अन्य कार्य भी बाधित हुए हैं। ज्यादा बारिश के कारण कई स्थानों पर काफी ज्यादा पानी भर गया है। जिससे पशुपालकों को पशुओं के लिए हरा चारा लाने में कठिनाई उठानी पड़ रही है। वहीं सब्जी की फसलों में लौकी, तोरई, करेला, धनिया, मूली, मैथी समेत अन्य सब्जियां भी इस जल भराव के कारण प्रभावित हो रही है।
जल भराव से फसलों पर पड़ सकता है असर
लगातार हो रही बारिश और खेतों में जल भराव के कारण खरीफ फसल की कुछ फसलें प्रभावित हो रही है। कृषि अधिकारी ने बताया कि कम अवधि वाली फसलों को नुकसान पहुंचने की संभावना है, जिसमें मूंग, उड़द शामिल है। वहीं लंबी अवधि वाली फसलों में धान, अरहर, कोदो, कुटकी, रागी को बारिश से फायदा होगा। इसके साथ ही ज्यादा जल भराव के कारण धान में कीड़े लगने की संभावना बन सकती है। इसके लिए कृषि विभाग के अधिकारी जिले में निरीक्षण कर रहे है, जहां यदि ऐसी कोई स्थिति दिखाई दे रही है, वहां इससे बचाव के उपाए किसानों को बताए जा रहे है। जलभराव का असर मक्का, उड़द, मूंग, सोयाबीन में भी पड़ सकता है, यदि ये फसलें परिपक्क हो गई है, किसान इन फसलों को तोड़कर सुरक्षित कर इसकी गाहनी कर सकते है।
इतने रकबे में लगी है खरीफ फसल
मंडला जिले में खरीफ फसल की बोवनी 230.62 हजार हेक्टेयर का लक्ष्य मिला था, जिसमें धान 160 हजार हैक्टेयर, मक्का 16 हजार हैक्टेयर, कोदो कुटकी 34 हजार हेक्टेयर, दलहन फसल में अरहर 8.5 हजार हैक्टेयर, उड़द 2.4 हजार हैक्टेयर, मंूग 0.80 हजार हैक्टेयर, तिलहन फसल में सोयाबीन 0.20 हैक्टेयर, तिल 2.2 हजार हेक्टेयर, रामतिल 4.5 हजार हेक्टेयर में बोवनी का लक्ष्य था। लगभग सभी फसलों का लक्ष्य पूरा हो गया है। अब खरीफ फसलों के परिपक्क होने का इंतजार किसान कर रहे है। हालाकि फसलों को अभी ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा है। फसलों की उत्पादकता में ज्यादा असर नहीं पड़ेगा।