नर्मदा के प्रचंड वेग का विहंगम दृश्य निहारने लगता है मजमा

  • नर्मदा के प्रचंड वेग का विहंगम दृश्य निहारने लगता है मजमा
  • झमाझम बारिश शुरू, नर्मदा का बढऩे लगा जल स्तर
  • जोरदार बारिश के बाद जिले के छोटे पुल, पुलिया से हो जाता है आवागमन बाधित


मंडला महावीर न्यूज 29. विगत दिनों से मानसून मेहरबान है। जिले सहित वन आंचलों में बारिश का दौर जारी है। शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में जहां रूक-रूककर हल्की मध्यम बारिश हो रही है वहीं वनों से आच्छादित क्षेत्रों में सावन की झड़ी लग गई है। जिले सहित डिंडौरी में हो रही बारिश के चलते नर्मदा के जल स्तर में बढ़ोत्तरी हुई है। वहीं जिले में बीते 04 जुलाई को 21.3 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है। हो रही बारिश से लोगों को उमस भरी गर्मी से राहत मिली है। मौसम खुलने के बाद गर्मी का एहसास हो रहा है, लेकिन बारिश होते ही गर्मी से निजात मिल रही है। दो-तीन दिन की बारिश के बाद उमस भरी गर्मी से निजात मिल जाएगा। वहीं नर्मदा के प्रचंड वेग का विहंगम दृश्य निहारने लोग इंतजार कर रहे है।

जानकारी अनुसार मंडला जिले में बारिश का दौर बीते एक सप्ताह से जारी है। शुरू हुई से मौसम में ठंडक घुलने लगी है। वहीं दिन में भी रूक-रूक कर जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में बारिश हो रही है। वहीं रात में भी बारिश का दौर जारी है। मंडला और डिंडोरी जिले में हो रही बारिश के कारण मंडला में नर्मदा नदी का जलस्तर बढ़ गया है। फिलहाल बारिश की शुरूआत है, ऊपरी क्षेत्रों और जंगली इलाकों में लगातार बारिश के बाद नर्मदा नदी के जल स्तर में आगे बढ़ोत्तरी होगी। वहीं बाढ़ की स्थिति से निपटने प्रशासन ने संबंधित विभाग को निर्देशित भी कर दिया है। बताया गया कि भारी बारिश से सामान्य जनजीवन प्रतिवर्ष प्रभावित होता है। जिससे निपटने के लिए प्रशासन ने अलर्ट रहने निर्देश दिए है। मंडला सिवनी मार्ग के बीच नैनपुर में थांवर नदी में पुल का निर्माण कार्य विगत कई वर्षो से चल रहा है, जो आज दिनांक तक पूर्ण नहीं हो सका है। हर साल भारी बारिश के कारण मंडला सिवनी मार्ग बंद हो जाता है। जिससे यहां से गुजरने वाले यात्रियों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है।

जिले की सभी तहसीलों में बारिश का दौर शुरू हो गया है। भारी बारिश की संभावना के चलते जिला प्रशासन ने बाढ़ नियंत्रण अमले को एलर्ट जारी किया है। तहसील स्तर पर नियुक्त बाढ़ नियंत्रण अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में हालतों पर नजर रखने के निर्देश दिये गये है। सूचना तंत्र को मजबूत करने कहां गया है। जिले के आसपास के जिले व डिंडौरी में हो रही बारिश से नर्मदा के जलस्तर में बढ़ोत्तरी होती है। इसके लिये सीडब्लूसी को तत्काल सूचना दी जाती है। जिला स्तर पर बनाया गया बाढ़ नियंत्रण कक्ष एवं नगरपालिका स्थति कंट्रोल रूम आपस में जानकारियों को सांझा करते है, जिससे बाढ़ आने के पूर्व ही इसकी सूचना मुख्यालय तक पहुंच जाये। बताया गया कि फिलहाल बारिश का दौर अभी शुरू ही हुआ है। वहीं नर्मदा के पाट चौड़े हो जाने के कारण बाढ़ का खतरा कम ही है।

प्रभावित होता है आवागमन

जिले के ऐसे कई वनांचल क्षेत्रों के ग्रामों को मुख्य सड़क से जोडऩे वाले मार्ग अधिक बारिश में प्रभावित हो जाते है। अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों के मार्गो में कम ऊंचाई में पुल पुलियो का निर्माण हुआ है। बारिश के दौरान नैनपुर में थांवर नदी, भुआबिछिया में मटियारी नदी, बम्हनी में बंजर नदी के जलस्तर का बढऩा घटना जारी रहता है, जिससे पुल पुलियो का डूबना और उतरना बारिश के दौरान बना रहता है। इस बीच ग्रामीणों को आवगमन में परेशानियों का सामना करना पडता है। छोटे पुल, पुलिया डूबने से जिले के दर्जनों गांव का आवागमन प्रभावित हो जाता है।

नर्मदा के विहंगम दृश्य के इंतजार में लोग

बारिश के दौरान नर्मदा के प्रचंड वेग का विहंगम दृश्य निहारने के लिए रपटा घाट में लोगों आते है। इस वर्ष शुरूआत में बारिश अच्छी नहीं होने से लोग यह दृश्य देखने से रह गए। नर्मदा के जल स्तर में अभी कोई खास बढ़ोत्तरी नहीं हुई है। जिसके कारण इस बार छोटा रपटा पुल एक ही बार भी नहीं डूबा है। इस रोमांचित दृश्य को देखने लोग उत्सुक भी है। नर्मदा का मनोहारी दृश्य देखने के लिये लोग रपटा घाट, सहस्त्रधारा, संगम, जेल घाट, माली मोहगांव सहित नर्मदा तटीय क्षेत्रों में लोगों की आवाजाही बढ़ जाती है। सुरक्षात्मक दृष्टी से नर्मदा के किनारे लोगों की हलचल बढऩे से पुलिस बल हर वर्ष तैनात रहते है।

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