- अभियान के दौरान हर घर तक दस्तक सुनिश्चित करें – डॉ. सिडाना
- दस्तक अभियान-पांच वर्ष तक के सभी बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण करें
- सिकल सेल एनीमिया की जॉच में लक्ष्य करें पूरा
- स्वास्थ्य केन्द्रों में उपलब्ध संसाधनों के आधार पर करें बेहतर उपचार
- मरीजों को अनावश्यक रूप से रेफर ना करें
- आपदा प्रबंधन की बेहतर रखें तैयारी
- जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में कलेक्टर के निर्देश
मंडला महावीर न्यूज 29. जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में कलेक्टर डॉ. सलोनी सिडाना ने निर्देशित किया कि दस्तक अभियान के दौरान प्रत्येक घर तक पहुंचते हुये 5 वर्ष के तक सभी बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण करें और आवश्यकतानुसार उनके उपचार का प्रबंधन सुनिश्चित करें। स्वास्थ्य विभाग का अमला पूरी संवेदनशीलता के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करे। उन्होंने कहा कि जिला तथा विकासखण्ड स्तर के अधिकारी फील्ड विजिट करते हुये अभियान के तहत संचालित गतिविधियों की मॉनीटरिंग करें।
कलेक्टर ने कहा कि दस्तक अभियान के तहत स्क्रीनिंग के दौरान बच्चों को विटामिन ए की दवा पिलाएं। सेम व मेम बच्चों के चिन्हांकन में पूरी सावधानी बरतें। सभी जानकारियां समय पर पोर्टल में अंकित करें। मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य से संबंधित सेवाओं को प्रभावी बनायें। सिकल सेल एनीमिया की जॉच में लक्ष्य की पूर्ति करें। शिशुओं के टीकाकरण के लिये सत्र आयोजित करें। बैठक में कलेक्टर ने पल्स पोलियो आदि के संबंध में विस्तार से समीक्षा करते हुये आवश्यक निर्देश दिये। जिला योजना भवन में सम्पन्न हुई बैठक में सिविल सर्जन डॉ. विजय धुर्वे सहित संबंधित उपस्थित रहे।
हाई रिस्क महिलाओं के चिन्हांकन में बरतें सावधानी
गर्भवती महिलाओं के पंजीयन की समीक्षा करते हुये कलेक्टर डॉ. सिडाना ने कहा कि ग्राम, वार्ड में सर्वे करते हुये सभी गर्भवती महिलाओं का पंजीयन करें। कोई भी गर्भवती महिला पंजीयन से छूटना नहीं चाहिये। गर्भवती महिलाओं की निर्धारित समय पर जॉच करें। आवश्यक दवाईयां प्रदान करें व टीकाकरण की कार्यवाही करें। उन्होंने कहा कि हाई रिस्क महिलाओं के चिन्हांकन में सावधानी बरतें। स्वास्थ्य केन्द्रों में उपलब्ध संसाधनों के आधार पर बेहतर उपचार करें। अनावश्यक रूप से रेफर नहीं करें। कलेक्टर ने कहा कि गर्भवती महिलाओं को आवश्यकता के आधार पर सर्वोच्च प्राथमिकता से रक्त प्रदान करें।
प्रबंधन पर फोकस करें
कलेक्टर डॉ. सिडाना ने कहा कि बारिश को मौसम को ध्यान में रखते हुये स्वास्थ्य केन्द्रों के प्रबंधन पर फोकस करें। आपदा प्रबंधन की बेहतर तैयारी रखें। स्टोर की जॉच करते हुये डायरिया, सर्पदंश सहित सभी महत्वपूर्ण दवाईयों की उपलब्धता सुनिश्चित करें। पुख्ता कारण होने पर ही अवकाश स्वीकृत करें। यदि किसी क्षेत्र विशेष से लगातार मरीज आते हैं तो तत्काल जिला प्रशासन के संज्ञान में लायें। उन्होंने जल संरचनाओं में ब्लीचिंग आदि के संबंध में भी आवश्यक निर्देश दिये।