- भगवान केवल प्रेम डोरी से बंधते हैं-नीलू महाराज
- छोटे रिपटा सिद्धघाट में चल रही श्रीमद् भागवत कथा
मंडला महावीर न्यूज 29. जिला मुख्यालय स्थित नर्मदा नदी के छोटे रिपटा सिद्ध घाट में श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। कथा का वाचन पंडित नीलू महाराज द्वारा किया जा रहा है। कथा में पंडित नीलू महाराज ने ऊखल बंधन की लीला का वर्णन करते हुए कहा की मानो भगवान् हम सभी से कह रहे हैं-हमारे बीच मात्र दो अंगुल भर का अन्तर है। ये दो अँगुलियाँ हैं अहम् और ममता। जिसके मन में अहम और ममता शेष है, वह प्रभु को कभी बाँध नहीं सकता। परमात्मा को त्रिगुणात्मक माया- डोरी बाँध नहीं सकती।भगवान तो केवल प्रेम डोरी से बँधते हैं और वह भी उनकी इच्छा होने पर ही।
कथा में आगे बताया कि श्रीकृष्ण ने देखा कि माता थककर पसीना-पसीना हो रही हैं तो दयावश होकर बंधन में बँध गए। भगवान कहते हैं जब मैं कृपा करता हूँ तभी बँधता हूँ, भगवान् लौकिक डोरी से नहीं, प्रेम की डोरी से ही बाँधे जा सकते हैं। भक्तों के प्रेम के सिवाय और कुछ भी मुझे बाँध नहीं सकता। जब तक ईश्वर कृपा नहीं करते, तब तक उसे कोई भी जीव बाँध नहीं पाता। कृष्ण स्वेच्छा से बँध गए। जीव अपने स्वार्थ के के लिए विविध बंधनों में फँसता रहता है, परमात्मा ने नि:स्पृह होने पर भी आज बन्धन को स्वीकार किया। पंडित नीलू महाराज ने बताया कि जब तक परमात्मा को प्रेम से बाँधा न जाय, तब तक संसार का बंधन बना रहता है। नरेश नरेटी एवं सुरेश नरेटी ने भक्तों से श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण कर पुण्य लाभ लेने की अपील की है। आज मंगलवार को कंश वध, मथुरा लीला एवं भगवान श्री द्वारका धीश के विवाह का वर्णन किया जायेगा।