- रुकमणी-श्रीकृष्ण विवाह हमें जीवन के सही मूल्यों और आदर्शों का भान कराती है
- रुकमणी-श्रीकृष्ण विवाह में जमकर थिरके श्रृद्धालु
- महारास की जीवंत झांकी ने बांधा समां
मंडला महावीर न्यूज 29. निवास के समीपी ग्राम पिपरिया में आयोजित श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ के छठे दिन कथा व्यास पंडित अनुज कृष्णम जी महाराज ने रुकमणी – श्रीकृष्ण विवाह प्रसंग का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण और रुकमणी का विवाह एक अद्वितीय और पवित्र प्रसंग है, जो हमें प्रेम, समर्पण और आध्यात्मिक ज्ञान की महत्ता के बारे में सिखाता है। उन्होंने आगे बताया कि रुकमणी भगवान श्रीकृष्ण की पत्नी थीं, और उनका विवाह एक पवित्र और आध्यात्मिक अनुष्ठान था, जो हमें जीवन के सही मूल्यों और आदर्शों के बारे में सिखाता है।
आयोजक चौकसे परिवार के द्वारा रुकमणी-श्रीकृष्ण विवाह प्रसंग और महारास को प्रदर्शित जीवंत झांकी का आयोजन किया गया था जहां एक ओर विवाहोत्सव में उपस्थित श्रृद्धालु रुकमणी-श्रीकृष्ण विवाह से संबंधित मधुर गीतों और बैंड-बाजे में जमकर थिरके तो महारास में राधा-कृष्ण और गोपियों के रूप में कलाकारों ने अपने आकर्षक नृत्य से पूरी पंडाल को कृष्णमय बना दिया।
सभी को रखना चाहिए एकादशी व्रत
कथा व्यास पंडित अनुज कृष्णम जी महाराज ने सभी भक्तों को एकादशी व्रत की महिमा का बखान करते हुए कहा कि एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और व्रत किया जाता है। हर महीने पूर्णिमा के 11 दिन बाद और अमावस्या के 11 दिन बाद आने वाले दिन को एकादशी कहते हैं। इस दिन भगवान विष्णु का पूजन और व्रत करने से घर में सुख-समृद्धि आती है, सभी पापों का नाश होता, मोह-माया के बंधन खत्म हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। हर व्यक्ति को एकादशी व्रत रहना चाहिए। भागवत कथा का श्रवण करने जबलपुर के उत्तर मध्य विधानसभा सीट विधायक अभिलाष पांडेय पहुंचे और कथा व्यास से आशीर्वाद लेते हुए कहा कि पिपरिया से मेरा बचपन से नाता है। बचपन के मित्रों के साथ पिपरिया के मैदान में खेलने के लिए आते थे। उन्होंने कहा कि जबलपुर में किसी भी प्रकार की समस्या आए तो बिना संकोच के मुझसे संपर्क करें।