- अंर्तराष्ट्रीय आयोजन लोकमंथन में गजेन्द्र ने की सहभागिता
- लोक विचार, लोक व्यवहार और लोक व्यवस्था पर वक्ताओं के साथ किया संवाद
- देश के समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का किया अवलोकन
मंडला महावीर न्यूज 29. गजेन्द्र ने हैदराबाद में आयोजित चतुर्थ लोकमंथन में सहभागिता की। गजेन्द्र ने कार्यक्रम के दौरान आर्मेनिया के प्रतिभागियों द्वारा सम्पन्न सूर्य पूजा और लिथुआनिया के प्रतिभागियों द्वारा प्रस्तुत अग्नि अनुष्ठान में भाग लिया। शिल्पकला वेदिका में आयोजित लोकमंथन में तीन दिन में लोक विचार, लोक व्यवहार और लोक व्यवस्था पर आयोजित सत्रों में गजेन्द्र ने वक्ताओं के साथ संवाद किया। लोकमंथन में भारत के विभिन्न राज्यों और अनेक देशों के पेवेलियन, प्रर्दशनी और विभिन्न कलाओं की जीवंत प्रस्तुति शिल्प ग्राम शिल्पारामा में की गई।
लोकमंथन का आयोजन प्रज्ञा प्रवाह, प्रज्ञा भारती, संस्कार भारती, अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद, विज्ञान भारती, भारतीय शिक्षण मंडल, अखिल भारतीय साहित्य परिषद और इतिहास संकलन परिषद ने संयुक्त रूप से मिलकर किया। भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालय और उपक्रम व अनेक राज्य सरकारों ने आयोजन में सहयोग किया। इस आयोजन में भारत के सभी राज्यों तथा तेरह देशों के प्रतिभागियों ने सहभागिता की।
बताया गया कि लोककमंथन राष्ट्र सर्वोपरि की भावना से परिपूर्ण विचारकों एवं कर्मशीलों का लोकमंच है। विगत वर्षों में यह समकालीन मुद्दों को साझा करने, बौद्धिक विमर्श व आख्यान के लिए सबसे बड़ा मंच बनकर उभरा है जो न केवल देश बल्कि दुनिया को भी प्रभावित कर रहा है। इस राष्ट्रीय विमर्श का मंत्र परानुभूति और जागरुकता के आधार पर उभरते राष्ट्रीय अपेक्षाओं, सामाजिक न्याय व सामाजिक समरसता के आधार पर विकास को माध्यम बनाते हुए सामाजिक गतिशीलता के समस्त प्रयासों का संगम है।