हिंगना नदी का 02 किमी क्षेत्र हो जाता है जल विहीन

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  • दो किलोमीटर की दूरी में नहीं रहता पानी का नामोनिशान 
  • हिंगना नदी का 02 किमी क्षेत्र हो जाता है जल विहीन
  • बारिश के चार माह रहता है पानी
  • लोगों ने की हिंगना पुल में स्टाफ डेम बनाने की मांग


मंडला महावीर न्यूज 29. इस धरती पर जीवन का आधार जल है। एक कहावत दशकों से प्रचलित है जल है तो कल है, ये बिल्कुल सही है जल है तो हमारा आज है। जल नहीं होगा तो हमारे कल का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं उड़ता। हमारी पृथ्वी पर पानी की कमीं नहीं है, लेकिन इसे सहजने और इसे सुरक्षित रखने की भी जिम्मेदारी हमारी है। प्रत्येक जीवित प्राणी को पानी बेहद जरूरी है। आज पीने योग्य पानी की कमी होने से हम पानी को उसी तरह तरसने लगे हैं जैसे मछली तरसती है। जल संकट आज दुनिया में विकराल समस्या बनकर सामने आ रही है। जिसका हल समूची दुनिया तलाश रही है। ऐसेही हमारे आदिवासी बाहुल्य जिला मंडला के कई वनांचल और ग्रामीण क्षेत्रों में जल संकट के हालात दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे हैं। जिले का विकासखंड बीजाडांडी के कई क्षेत्र आज भी जल संकट से जूझ रहे है। जिले का एक महत्वपूर्ण ब्लाक जल संकट से जूझ रहा है। पूरे जिले में अभी नलजल योजना ने अपना क्रियान्वयन पूरा नहीं किया है, जिसके कारण आज भी जिले के कई गांव पानी को तरसने मजबूर है।

जानकारी अनुसार जिले विकासखंड बीजाडांडी मुख्यालय में वर्षो पुरानी हिंगना नदी प्रवाहित है। यह नदी नेशनल हाईवे 30 मार्ग में स्थित है। जिसे पार करने के लिए पुल भी है। इस हिंगना नदी में बारिश के करीब चार माह पूरे क्षेत्र में पानी लबालब भरा रहता है। यहां का दृश्य बारिश के दौरान मनमोहक और आकर्षक हो जाता है, लेकिन बारिश के दो माह बाद यहां की स्थिति देखने लायक होती है। जहां लोग यहां के प्राकृतिक सौंदर्य को देखकर मंत्रमुग्ध हो जाते है, वहीं दूसरे सीजन में यहां से बहने वाली हिंगना नदी सूख जाती है। हाईवे 30 में बने पुल से करीब दो से ढाई किलोमीटर की दूरी में पानी का नामोनिशान नहीं रहता है। पूरा ढाई किलोमीटर का क्षेत्र वीरान हो जाता है। जिसके कारण यहां जल स्तर भी नीचे गिर जाता है। जिससे जल संकट की भी स्थिति बन जाती है।

पानी के भराव से किसानों को होगा लाभ 

हिंगना नदी की लंबाई गांव के क्षेत्रफल के अनुसार करीब 4 किमी है। जिसमें बीजाडांडी के किसानी मोहल्ला की ओर दो स्टाप डेम बने हुए है। उसके बाद लगभग 2.5 किमी दूर ग्राम घोंटा में एक स्टाप डेम बनाया गया। किसानी मोहल्ला के स्टाप डेम से हिंगना पुल की अनुमानित दूरी करीब दो किमी है और इसके बीच कही भी पानी नहीं रोका जा रहा हैं। यदि हिंगना पुल में स्टाप डेम बनता है तो लगभग दो किमी के दायरे में पानी रोका जा सकता है और नदी में जमा पानी से किसानों को पर्याप्त सिंचाई की सुविधा प्राप्त होगी। जिससे क्षेत्र के किसान अच्छी फसल का लाभ ले सकेंगे। इसके साथ ही किसान सब्जी लगाकर अपनी आय का स्त्रोत भी बढ़ा सकेंगे।

जर्जर पुल के मरम्मतीकरण की मांग 

पूरे प्रदेश में फिलहाल जल को सहजने विशेष जल गंगा संवर्धन अभियान चलाया जा रहा है। जिसमें पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा जल संरक्षण के कार्य किये जा रहे हैं। जिला मुख्यालय के जनपद मुख्यालय बीजाडांडी के स्थानीय लोगों ने वर्षों पुरानी मांग हिंगना नदी के पुल में स्टाप डेम बनाने की है। विकासखण्ड मुख्यालय में स्थित हिंगना पुल वर्षों पुराना है, जिसमें स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं ग्रामीणों ने स्टाप डेम बनाने, पुल का मरम्मतीकरण करने व मुख्य मार्ग से हिंगना पुल तक सीमेंट काक्रीट सड़क बनाने की मांग की है। इसके साथ ही हिंगना पुल बहुत पुराना है और पुल के ऊपर का हिस्सा पूरी तरह जर्जरनुमा है जिससे पुल से चार पहिया वाहनों के आवागमन में बेहद परेशानी होती है।

गर्मी में होती पानी की किल्लत 

मुख्यालय बीजाडांडी में निवासरत लगभग 600 परिवार में से 400 परिवार को हिंगना नदी के पास के सार्वजनिक पंप से पेयजल की पूर्ती होती है। इस पंप में पानी का लेवल बहुत अच्छा है। जिससे बारिश व ठंड के मौसम में कोई परेशानी नही होती है, लेकिन गर्मी आते ही यहां का जल स्तर नीचे जाने लगाता है। जिससे गर्मी के मौसम में लोगों को पेजयल की समस्या होती है। यदि हिंगना नदी के पुल में स्टाप डेम बनता है तो वहां के आसपास के सार्वजनिक जल स्त्रोतों जलस्तर बढ़ जाएगा और गर्मी में पेयजल की समस्या बंद हो जाएगी।

नदी से लगे है मुक्तिधाम व कब्रिस्तान 

हिंगना पुल से कुछ मीटर दूर पर ही मुक्तिधाम व कब्रिस्तान बने हुए है। जब ग्राम में किसी की मृत्यु होती है तो यहां के ग्रामीण इस नदी में स्नान कर अपने घर जाते है लेकिन नदी में अधिकांशत: पानी कम होने से लोगों को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है। ग्रामीणों ने मांग की है कि यदि यहां अच्छी गुणवत्ता से एक स्टाप डेम निर्मित हो जाए तो ग्रामीणों को पानी के साथ अन्य के लिए पानी उपलब्ध हो जाएगा। जिससे यहां के लोगों को राहत मिलेगी।

हिंगना नदी तक सीसी सड़क की मांग 

मुख्य मार्ग से लगभग 600 मीटर दूर हिंगना पुल है साथ ही इस मार्ग में मुक्तिधाम व कब्रिस्तान बना हुआ है। इसी मार्ग से कुछ दूर नवीन उप तहसील कार्यालय बना हुआ है लेकिन उक्त मार्ग कच्चा है जिसमें बारिश के दौरान व उसके बाद चलने में बहुत परेशानी होती है। गमी व विसर्जन के दौरान इस मार्ग में लोगों को हमेशा दिक्कत होती है यदि उक्त मार्ग में सीमेंट कांक्रीट सड़क बन जायेगी तो आने-जाने वालों लोगों को बहुत सहूलियत हो जायेगी।


इनका कहना है

गांव के लोगों की पिछले कई वर्षों से मांग है कि हिंगना नदी के पुल में स्टाप डेम और वहां तक पहुंच मार्ग के लिए सीसी सड़क बनाई जाए। इसके लिए पंचायत स्तर से उच्च अधिकारियों को हमेशा अवगत कराया है लेकिन अभी तक कार्य प्रारंभ नही हो पाया।


डुमारीलाल कुम्हरे
सरपंच, ग्राम पंचायत बीजाडांडी

बीजाडांडी में पेयजल की समस्या है और हमेशा ही गर्मी में लोगों को इस समस्या का सामना करना होता है, पूर्व में पंचायत भ्रमण के दौरान पूर्व मंडला कलेक्टर के समक्ष भी लोगों ने हिंगना नदी के पुल में स्टाप डेम बनाने की मांग की है लेकिन शासन, प्रशासन इस ओर ध्यान नही दे रहे हैं।


रफीक मंसूरी
स्थानीय ग्रामीण, ग्राम पंचायत बीजाडांडी

शासन स्तर से जल संरक्षण के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है, तो बीजाडांडी की वर्षों पुरानी मांग हिंगना नदी में स्टाप डेम क्यों नही बनाया जा रहा हैं। मेरी प्रशासन से यही अपील है कि उक्त कार्य को अतिशीघ्र प्रारंभ किया जाए, जिससे क्षेत्र के लोगों की परेशानी दूर हो।


मांगन लाल यादव
स्थानीय ग्रामीण, ग्राम पंचायत बीजाडांडी

हिंगना नदी के पुल में स्टाप डेम बनने से नदी के दोनों ओर के कृषकों को सिंचाई की पर्याप्त सुविधा हो जायेगी। जिससे फायद होगा। वहीं ग्राम पंचायत के सार्वजनिक पंप का भी जल स्तर बढ़ेगा, प्रशासन से हमारी यही मांग है कि यह कार्य अतिशीघ्र प्रारंभ कराया जाए।
राजेश तिवारी
उपसरपंच, ग्राम पंचायत बीजाडांडी


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