- पर्यटक कान्हा के जंगल में सफारी का उठा रहे लुफ्त
- बाघ, बाघिन, शावकों के साथ चीतल, हिरण समेत अन्य वन्यप्राणियों के हो रहे दीदार
- देशी, विदेशी पर्यटकों के लिए कान्हा नेशनल पार्क बना पहली पंसद
मंडला महावीर न्यूज 29. राष्ट्रीय उद्यान कान्हा में हर प्रकार के जीव जंतु, वन्य प्राणियों समेत वनस्पति वनों से आच्छादित है। यहां दुर्लभ प्रजाति के जीव जंतु एवं वन्य प्राणी की उपलब्धता है। मंडला जिले का कान्हा नेशनल पार्क विश्व विख्यात कान्हा टाइगर रिजर्व के नाम से पूरी दुनिया में जाना जाता है। कान्हा नेशनल पार्क भारत के मप्र में मंडला और बालाघाट जिले की सीमा में स्थित है। कान्हा नेशनल पार्क मध्य भारत का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान है। इस पार्क में रॉयल बंगाल टाइगर तेंदुए, भालू, बारहसिंघा, चीतल, हिरण और जंगली कुत्ते की महत्वपूर्ण आबादी है।
बाघों के लिए विश्व विख्यात मंडला जिले के कान्हा नेशनल पार्क के सभी जोन इस समय वन्य प्राणियों से भरे पड़े है। देशी, विदेशी पर्यटकों के लिए कान्हा नेशनल पार्क पहली पंसद बना हुआ है। इस समय कान्हा में बाघों के दीदार आसानी से हो रहे है। पार्क के कान्हा, मुक्की, किसली, सरही समेत अन्य जोन में वन्य प्राणियों के दीदार के लिए पर्यटक पहुंच रहे है। गुरूवार को सुबह की पाली में पार्क भ्रमण करने वाले पर्यटकों को बाघ, चीतल, हिरण, नील गाय समेत अन्य वन्य प्राणियों के दीदार करके पयर्टक आनंदित हुए। देशी, विदेशी पर्यटकों की पहली पसंद कान्हा पार्क बन गया है। यहां बाघ, बाघिन और उनके शावक आकषर्ण का केन्द्र बने हुए है। पर्यटकों द्वारा लिए गए फोटोग्राफ में इस दृश्य को स्पष्ट देखा जा सकता है।
- पर्यटकों के लिए यादगार बना कान्हा :
कान्हा नेशनल पार्क का मुक्की, कान्हा, सरही, किसली जोन इस समय पर्यटकों के लिए यादगार बनते जा रहा है। यहां पर्यटकों को गेट के अंदर प्रवेश करते ही हिरण, चीतल, बारहसिंघा, बाघ, बाघिन समेत इनके शावक को देखने का मौका पर्यटकों को मिल रहा है। वन्य प्राणियों की अटखेलियां पर्यटकों को आकर्षित कर रही है। इस खूबसूरत नजारे को देखकर पर्यटक भी काफी प्रफुल्लित हो रहे है और उन्होंने इस खूबसूरत नजारे को अपने अपने मोबाइल व कैमरे में कैद कर इस मौको को यादगार बना रहे है। प्राकृतिक सौंदर्य के बीच बाघ समेत अन्य वन्य प्राणियों को जंगल में विचरण करते देख पर्यटक काफी रोमांचित हैं। कान्हा पार्क में पर्यटकों को भ्रमण पर लेकर निकले गाइड और वाहन चालक के अथक प्रयास और सूझबूझ से पर्यटकों को वन्य प्राणियों के दीदार हो रहे है। जिसे पर्यटक अपने कैमरे कर इस पल को यादगार बना रहे है।
- आने का मकसद वन्य प्राणियों ने किया पूरा :
पर्यटकों का कहना है कि ठंड में तो पर्यटक बाघों के दीदार तो करते है, लेकिन गर्मी के सीजन में बाघों को जल क्रीड़ा करते देखना भी आसान नहीं है। जंगल के किस जल स्त्रोतों में ये बाघ और अन्य वन्य प्राणी आसानी से नजर आ जाते है। बाघ के साथ चीतल, हिरण की चहल कदमी भी यहां आने वाले पर्यटकों को खूब लुभाती है, जिससे यहां आने वाले पर्यटकों का कान्हा पार्क आने का मकसद पूरा हो जाता है। कान्हा पार्क के अलग-अलग क्षेत्रों में वन्य प्राणियों को विभिन्न मुद्राओं में अठखेलियां करते देखकर आनंदित और रोमांचित हो रहे है।
- जंगल सफारी में पर्यटक हो रहे मंत्रमुग्ध :
विश्व प्रसिद्ध कान्हा नेशनल पार्क में हर आने वाले पर्यटक बाघ समेत अन्य वन्य प्राणियों को देखने की उम्मीद लेकर आते है और यहां बाघ के साथ अन्य वन्य प्राणियों के दीदार भी पर्यटकों को अभी आसानी हो रहे हैं। जिसके कारण पर्यटकों को इस समय कान्हा पार्क सबसे अधिक पसंद आ रहा है। फिलहाल कान्हा में अभी कुछ प्रसिद्ध बाघों के दीदार पर्यटक कर रहे है। पार्क में पर्यटकों को बाघिन के साथ उनके शावकों को भी विचरण करते हुए देखा जा रहा है। इसके साथ ही चीतल, हिरण, बारहसिंघा समेत अन्य वन्य प्राणियों को सफारी करने आए पर्यटक इन्हें देखकर मंत्रमुग्ध हो रहे है। पर्यटकों का कहना है कि वन्य प्राणियों को देखकर बार-बार कान्हा के जंगल की सफारी करने का मन करता है। ऐसा दृश्य देखना मन को सुकून देने वाला है।
रैनी सीजन के बाद 01 अक्टूबर से पर्यटन
- 25 दिन बाद बंद हो जाएगा कान्हा पार्क :
कान्हा नेशनल पार्क में पर्यटक 25 दिन और सफारी का आंनद ले सकते है। इसके बाद 01 जुलाई से कान्हा नेशनल पार्क तीन माह के लिए बंद हो जाएगा। हर वर्ष बारिश के तीन माह पार्क बंद रहता है। बारिश के बाद 1 अक्टूबर से कान्हा में पर्यटन शुरू कर दिया जाता है। जिस जोन में बारिश के कारण मार्ग खराब हो जाते है, उन मार्गो को पर्यटन के लिए तैयार किया जाता है। जिससे पयर्टन में आसानी हो। जहां मार्ग का सुधार कार्य पूर्ण हो जाता है, वहां 01 अक्टूबर से पर्यटन कराया जाता है। इसके बाद 15 अक्टूबर से बारिश के आसार नहीं रहते है। जिससे 16 अक्टूबर से कोर एरिया के सभी जोन में भी पर्यटन शुरू कर दिया जाता है।