वैदिक गुरूकुल जरूरतमंदों की मदद के साथ सनातन संस्कृति को सहजने कर रहे प्रेरित

  • वैदिक गुरूकुल जरूरतमंदों की मदद के साथ सनातन संस्कृति को सहजने कर रहे प्रेरित
  • ठंड से बचने 250 जरूरतमंद लोगों को वितरित किए कंबल

मंडला महावीर न्यूज 29. जिला मुख्यालय के नजदीक ग्राम गाजीपुर के जिलहरी घाट में काशी विश्वनाथ वैदिक गुरुकुल संचालित है। जिसका संचालक आचार्य भीमदेव नैष्ठिक व गुरुकुल परिवार द्वारा किया जा रहा है। वैदिक गुरूकुल में विगत तीन वर्षो से शीतकाल ठंड के सीजन में कंबल वितरण का कार्य किया जा रहा है। जिससे जरूरतमंदों को ठंड से बचाव के लिए मदद मिल सके।

जानकारी अनुसार जिलहरी घाट स्थित काशी विश्वनाथ वैदिक गुरुकुल में रविवार को ग्राम गाजीपुर, चटुआमार, लुढिय़ा समेत अन्य ग्राम के सैकड़ों जरूरतमंद व्यक्तियों को कड़कड़ाती ठंड और शीतकाल में ठंड से बचने के लिए ग्रामों के करीब 250 लोगों को कंबल का वितरण किया गया। आचार्य भीमदेव ने बताया कि इसके पहले भी 100 जरूरतमंदों को कंबल वितरित किया गया है। कंबल वितरण कार्यक्रम में ग्राम पंचायत चटुआमार व गाजीपुर सरपंच शिवनारायण कुशरो, ग्राम महाराजपुर से डॉक्टर नील सिंह, ग्राम गाजीपुर के भूतपूर्व सैनिक प्रेमलाल गुप्ता, संजय ठाकुर, दुर्गेश यादव, अनिल सैयाम, प्रेमलाल यादव समत ग्राम के सभी धर्म प्रेमी उपस्थित रहे।

निस्वार्थ भाव से करते है सेवा

आचार्य भीमदेव नैष्ठिक का कहना है कि हमारा सनातन धर्म भी हमें यही सिखाता है कि केवलाघो भवति केवलादी, हमेशा बांटकर खाना चाहिए, क्योंकि जो सबके भूखे पेट का ध्यान रखता है वह कभी भूखा नहीं रहता और जो निस्वार्थ भाव से सब की सेवा करता है वह कभी भी सेवा का मोहताज नहीं रहता है। इसलिए हमेशा अपने जीवन में असहाय की सहायता अवश्य करनी चाहिए। जिससे कि वे भी ऊपर उठ सकें और अपने जीवन का कल्याण कर सके।

संस्कार, संस्कृति को जीवित रखने प्रयास जारी

आचार्य भीमदेव का कहना है कि जन जाति क्षेत्र मंडला में गरीबों और जरूरतमंदों को ठंड से बचने के लिए विगत तीन वर्षों से वैदिक गुरुकुल द्वारा कंबल वितरण किया जा रहा है। इसके साथ ही वैदिक गुरूकुल द्वारा यज्ञ, हवन, वेद का प्रचार, संस्कार और संस्कृति को जीवित रखने का कार्य सभी धर्मप्रेमियों के सहयोग से निरंतर आगे बढ़ रहा है। जहां इसाई मिशनरियां पूरे तन मन धन के साथ सबको इसाई बनाने में लगी हुई है लेकिन वैदिक गुरुकुल के चलते यहां इसाई मिशनरियां काम करना छोड़ देगी। वैदिक गुरूकुल का उद्देश्य है लोग सतानत से जुड़कर अपनी संस्कृति को सहजे।


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