- घर-घर खोज रहे कुष्ठ रोग के रोगी
- नारायणगंज में दीवार लेखन कर लोगों को कर रहे जागरूक
- आशा कार्यकर्ता, आशा सहयोगिनी, मेल वॉलेंटियर कर रहे सर्वे
मंडला महावीर न्यूज 29. विकासखंड नारायणगंज के ग्रामों में घर-घर जाकर कुष्ठ रोग की पहचान करने लोगों से संपर्क किया जा रहा है। इसके साथ ही लोगों को जागरूक करने दीवार लेखन रहे है। बताया गया कि विकासखंड नारायणगंज में कुष्ठ रोग खोजी अभियान जोरों से चल रहा है। जिसमें आशा कार्यकर्ता और मेल वॉलेंटियर द्वारा घर घर जाकर सभी व्यक्तियो को कुष्ठ रोग के बारे मे जानकारी दी जा ही है।
लोगों से संपर्क के दौरान सूक्ष्मता से जांच की जा रही है। शंका स्पद् रोगियों को सर्वे टीम द्वारा सीएचसी नारायणगंज में रिफर किया जा रहा है। जिन्हे सीएचसी के चिकित्सक और कुष्ठ कार्यकर्ता द्वारा रोग की पुष्टि करने के बाद दवाएं उपलब्ध कराई जा रही है। बताया गया कि नारायणगंज में अभी तक सर्वे टीम के द्वारा करीब 60 हजार से अधिक लोगो की जांच की जा चुकी है, जिसमें से 250 के करीब संभावित मरीज मिले। जिसमें से अभी तक एक कुष्ठ रोगी की पुष्टि की जा चुकी है। सर्वे में आशा सह्योगिनी, सीएचओ, एएनएम और एमपीडब्ल्यू द्वारा सुपरविजन का कार्य किया जा रहा है।
सीएचसी कुष्ठ प्रभारी सुदर्शन सिंह ठाकुर ने बताया कि कुष्ट एक माइक्रो बैक्टीरिया जनित बीमारी है, जो की लाईलाज नही है। अगर इस रोग की पहचान समय से हो जाए तो इस बीमारी को पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है। श्री ठाकुर ने बताया कि इस रोग की पहचान शरीर के रंग से हल्का पीला, लाल या बदरंग दाग या धब्बा जिसमें खुजली और दर्द न हो, सुन्न पन हो वो कुष्ठ हो सकता है। कुष्ठ रोग दो तरह का होता है। एमबी और पीबी। एमबी में एक साल तक और पीबी में छह माह का इलाज चलता है। इस र्वे का मुख्य उद्देश्य है जन जन तक कुष्ठ रोग के बारे में जानकारी पंहुचाना ओर कुष्ठ के बारे में फैली भ्रांतियां को दूर करना है।